Updated: Mar, 11 2021

पेन्शनों प्रकरणों का त्वरित निराकरण - अधिकारों का संभागीय स्तर पर विकेन्द्रीकरण।
 
शासकीय सेवकों के पेन्शन प्रकरणों के त्वरित निवर्तनों की दृष्टि से समसंख्यक आदेश दिनांक 23 दिसम्बर, 1994 को अधिक्रमित करते हुए राज्य शासन सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि में कांट-छांट के प्रकरणों में जन्मतिथि को मान्यता प्रदान करने के अधिकार संबंधित संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेन्शन को प्रत्यायोजित करता है।
2. जन्मतिथि की मान्यता के लिए प्रस्ताव प्रशासकीय विभाग के सक्षम अधिकारी संलग्न पत्रक में शासकीय सेवक की सेवा पुस्तिका और.जन्मतिथि के समर्थन में आवश्यक शैक्षणिक मूल प्रमाण-पत्रों के साथ संभाग के संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेन्शन को भेजेगें। संभागीय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेन्शन आवश्यक परीक्षण कर जन्मतिथि के संबंध में "मान्यता" आदेश पारित करेंगे।
संलग्न -एक
जन्मतिथि की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव
1. शासकीय सेवक का नाम तथा पद नाम
2. सेवा निवृत्ति का दिनांक
3. कार्यालय प्रमुख का पद नाम
4. काटं/छांट उपरिलेखन की स्थिति कब ध्यान में आई
5. जन्मतिथि जिसे मान्यता दिये जाने हेतु अनुशंसा की गई है।
6. क्या उक्त स्वीकृति के संबंध में :-
(1) पूर्व में शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है?
यदि हाँ तो परिणाम
(2) क्या प्रकरण पूर्व में किसी पेन्शन शिविर में प्रस्तुत
किया गया है? यदि हाँ तो परिणाम
(3) क्या न्यायालय/प्रशासनिक अभिकरण में प्रकरण
लंबित है अथवा निराकृत किया गया है?
7. स्वीकृति का आधार (यथा आवश्यक दस्तावेज
संलग्न किय जावें)
8. विभागीय अनुशंसा
9. अन्य विवरण, यदि कोई हों तो
संलग्न :
(1) सेवा-पुस्तिका..............भागों में,
(2) शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण-पत्र
(3) अन्य प्रमाण-पत्र, यदि संलग्न किये गए हों तो
 
विषय :- पेन्शन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु अधिकारों का संभागीय स्तर पर विकेन्द्रीकरण
 
शासकीय सेवकों के पेन्शन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण की दृष्टि से समसंख्यक आदेश दिनांक 1 जुलाई 1995 में आंशिक संशोधन करते हुए राज्य शासन निम्नानुसार स्पष्टीकरण जारी करता है :-
(1) द्वितीय सेवा पुस्तिका की मान्यता :- जिस अधिकारी के अधिकार में सेवा पुस्तिका रहती है, मान्यता देने के प्रस्ताव संयुक्त संचालक को भेजें।
(2) जन्म तिथि सम्बन्धी :- जन्मतिथि की मान्यता के मामले में प्रशासकीय विभागों द्वारा अपने अधीनस्थ सक्षम अधिकारी को नामांकित किया जाना चाहिये।
 
विषयः- पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु।
 
संदर्भ:- विभाग के पत्र क्रमांक एफ-18-10/2010/ई/चार, दिनांक 01.11.2010.
संदर्भित ज्ञापन के द्वारा पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु दिनांक 01.11.2010 से जिला पेंशन कार्यालयों की स्थापना की गयी है परन्त अभी भी देखने में आ रहा है कि पेंशन प्रकरणों का निराकरण त्वरित गति से नहीं हो पा रहा है, जिसका मुख्य कारण पेंशन प्रकरणों की सही संख्या की जानकारी न होना है। अतः पेंशन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु निम्न बिन्दुओं पर यथोचित कार्यवाही आवश्यक है-
2.1 जनवरी, 2012 तक ऐसे प्रकरण जिनका निराकरण नहीं किया जा सका है उनकी जानकारी संलग्न प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' में संकलित कराकर शासन स्तर पर विभागवार ऐसे लंबित प्रकरणों के कारणों की समीक्षा किया जाये।
2.2 विभागीय जाँच के प्रकरणों में यथाशीघ्र निपटाने हेतु सतत मानीटरिंग की जाये तथा ऐसे न्यायालयीन प्रकरण जिनमें न्यायालयीन निर्णय के परिप्रेक्ष्य में शासकीय स्वीकृतियाँ जारी की जानी है उनकी समीक्षा भी शासन स्तर से की जाये।
2.3 कई प्रकरणों का निराकरण अपेक्षित मार्गदर्शन जो शासन स्तर से जारी किया जाना है, के अभाव में समय पर नहीं हो पाता है, ऐसे प्रकरणों में भी यथाशीघ्र मार्गदर्शन प्रदान कर उनके निराकरण की कार्यवाही की जाये।
2.4 उपरोक्त कार्यवाही पेंशन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु की जाये एवं इसके साथ ही सभी विभागों के डीडीओ का विभागीय स्तर से एम्पलाई डाटाबेस में जन्मतिथि सही करने के जो निर्देश भी प्रसारित किये जायें।
 
विष्य- पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु जिला पेंशन कार्यालयों की स्थापना
आदेश
भोपाल, दिनांक 28.12.2010
 
क्रमांक/ /एफ-18-10/2010/ई/चार- इस विभाग के समसंख्यक आदेश क्रमांक फ-1810/2010/ई/चार, दिनांक 1.11.2010 के द्वारा जिला पेंशन कार्यालय खोलने हेतु पदों की स्वीकृति जारी की गई है। राज्य शासन द्वारा समस्त जिलों में दिनांक 01.01.2011 से जिला पेंशन कार्यालय खोलने की अनुमति दी जाती है। इन जिलों में दिनांक 31.01.2011 एवं उसके पश्चात् सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण अब कोषालय अधिकारियों के स्थान पर जिला पेंशन कार्यालय को प्रेषित किए जायेंगे एवं कोषालय के स्थान पर जिला पेंशन कार्यालय द्वारा पी.पी.ओ./ जी.पी.ओ./कम्यूटेशन पेमेंट आर्डर जारी किए जायेंगे। इस तिथि के पूर्व के प्रकरणों का निराकरण यथावत संबंधित कोषालय अधिकारी/संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन भोपाल संभाग के द्वारा ही किया जायेगा।
2. पेंशन प्रकरणों में प्रथम भुगतान की कार्यवाही पूर्ववत् संबंधित जिला कोषालय अधिकारी के द्वारा की जाएगी।
3. जिला पेंशन कार्यालयों में पी.पी.ओ./जी.पी.ओ. एवं कम्यूटेशन पेमेंट ऑर्डर तैयार किए जायें एवं भुगतान आदेशों पर जिला पेंशन कार्यालय की इन्वास्ड गोल सील अंकित की जाये।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार
नीतेश व्यास
अपर सचिव