Updated: Mar, 05 2021

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेन्शन का कम्यूटेशन) नियम, 1996
मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग
अधिसूचना
भोपाल, दिनांक 21 अगस्त, 1996
क्रमांक बी - 25/13/96/पी. डब्ल्यू.सी./चार-भारत के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, मध्यप्रदेश राज्यपाल एतद्द्वारा निम्नलिखित नियम बनाते हैं अर्थात् :-
1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारंभ :
(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्यूटेशन) नियम, 1996 है।
(2) ये 6 फरवरी, 1995 से प्रवृत्त हुए समझे जाएंगे।
2. लागू होना:
ये नियम उन शासकीय सेवकों को लागू होंगे, जो मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के अध्याय - पाँच में निर्दिष्ट अनुकम्पा भत्ते को छोड़कर किसी भी वर्ग की पेंशन या मध्यप्रदेश (कार्यभारित तथा आकस्मिकता निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारी) पेंशन नियम, 1979 के अधीन किसी भी वर्ग की पेंशन, के लिए हकदार हों या प्राधिकृत किए गए हों।
3. परिभाषाएँ:
(1) इन नियमों में, जब तक कि सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, -
(क) ‘संपरीक्षा अधिकारी' से अभिप्रेत है ऐसा अधिकारी चाहे उसका कार्यालयीन पदनाम कुछ भी हो, जो पेंशन प्राधिकृत करता है;
(ख) 'आवेदक' से अभिप्रेत है ऐसा शासकीय सेवक, जिसमें सेवा निवृत्त शासकीय सेवक सम्मिलित है, जो प्ररूप 'क' में पेंशन के किसी भाग के कम्यूटेशन के लिए आवेदन करता है;
(ग) 'प्ररूप' से अभिप्रेत है इन नियमों सं संलग्न प्ररूप;
(घ) 'शासन' से अभिप्रेत है मध्यप्रदेश राज्य शासन;
(ङ) 'कार्यालय प्रमुख' से अभिप्रेत है किसी ऐसे स्थानीय कार्यालय का, जहाँ शासकीय सेवक अपनी सेवा निवृत्ति के पूर्व सेवारत था, राजपत्रित प्रभारी अधिकारी;
(च) पेंशन' से अभिप्रेत है पेंशन नियम के अध्याय-पाँच में निर्दिष्ट अनुकम्पा भत्ते को छोड़कर किसी भी वर्ग की पेंशन किन्तु जिसमें अतिरिक्त पेंशन तथा उच्चतर निर्वाह -व्यय के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में किसी पेंशनर को शासन द्वारा स्वीकृत की गई रकम, चाहे उसका नाम कुछ भी हो, सम्मिलित नहीं है;
(ज) कोषालय' में 'उप कोषालय' भी सम्मिलित है।
(2) उन शब्दों तथा अभिव्यक्तियों का, जो इन नियमों में प्रयुक्त की गई हैं किन्तु परिभाषित नहीं की गई हैं, वही अर्थ होगा जो पेंशन नियमों में क्रमशः उनके लिये दिया गया है।
4. पेंशन के कम्यूटेशन पर निर्बन्धन :
(1) ऐसा कोई भी शासकीय सेवक, जिसके विरुद्ध उसकी सेवानिवृत्ति की तारीख से पूर्व, पेंशन नियमों के नियम 9 में निर्दिष्ट किए अनुसार, विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियाँ संस्थित की गई हों या ऐसा पेंशनर, जिसके विरुद्ध उसकी सेवा निवृत्ति की तारीख के पश्चात् ऐसी कार्यवाहियाँ संस्थित की गई हों, ऐसी कार्यवाहियाँ लंबित रहने के दौरान यथा स्थिति पेंशन नियमों के नियम 64 के अधीन प्राधिकृत उसकी अनन्तिम पेंशन के किसी भाग का कम्यूटेशन करने के लिए पात्र नहीं होगा।
(2) प्रत्याशित पेंशन कम्यूटेशन किए जाने के लिए अनुज्ञात नहीं की जाएगी।
5. पेंशन कम्यूटेशन की सीमा :
(1) कोई भी शासकीय सेवक, अपनी पेंशन के एक तिहाई से अनधिक भाग का, एकमुश्त भुगतान पाने के लिए कम्यूटेशन करने का हकदार होगा।
स्पष्टीकरण- जहाँ पेंशन नियमों के नियम 43 के उपबंधों के अनुसार निकाली गई वास्तविक पेंशन, शासन द्वारा समय-समय पर अवधारित की गई न्यूनतम पेंशन से कम हो, वहाँ कम्यूटेशन के प्रयोजन के लिए पेंशनकी गणना न्यूनतम पेंशन के रूप में की जाएगी।
(2) कम्यूटेशन के लिए आवेदन प्ररूप 'क' में, आवेदक पेंशन का वह भाग जिसका वह कम्यूटेशन चाहता है, जो एक तिहाई पेंशन की अधिकतम सीमा या ऐसी निम्नतर रकम जिसका वह कम्यूटेशन चाहता है उपदर्शित करेगा।
(3) यदि कम्यूट की जाने वाली पेंशन का भाग रुपये के भाग में निकलता है तो कम्यूटेशन के प्रयोजन के लिए रुपये के ऐसे भाग पर ध्यान नहीं दिया जाएगा।
[(4) सेवानिवृत्ति की तारीख से 15 वर्ष के पश्चात् या 75 वर्ष की आयु, जो भी पूर्वतर हो, के पश्चात् कोई कम्यूटेशन अनुज्ञेय नहीं हैं।] [शब्द [70 वर्ष की आयु के पश्चात् कोई कम्युटेशन अनुज्ञेय नहीं है] के स्थान पर 75 वर्ष प्रतिस्थापित किये गये। वित्त विभाग अधिसूचना अधिसूचना क्रमांक एफ. 25-8-98/PWC/चार दिनांक 7 फरवरी 2000 तथा दिनांक 18 फरवरी 2000 से लागू।]
6. पेंशन का कम्यूटेशन अंतिम होगा :
(1) पेंशन का कम्यूटेशन -
(एक) नियम, 11 के उपनियम (1) में निर्दिष्ट आवेदन के मामले में, उस तारीख को, जिस पर प्ररूप 'क' में आवेदन-पत्र कार्यालय प्रमुख द्वारा प्राप्त किया गया है;
(दो) नियम 11 के उपनियम (2) में निर्दिष्ट आवेदक के मामले में, उसकी सेवा निवृत्ति की तारीख की आगामी तारीख को अंतिम हो जाएगा :
परन्तु कम्यूटेशन के कारण पेंशन की रकम में कटौती, पेंशन के कम्यूटेड मूल्य की प्राप्ति की तारीख से या पेंशन के कम्यूटेड मूल्य के भुगतान के लिए संपरीक्षा अधिकारी द्वारा प्राधिकार जारी किए जाने के पश्चात् तीन माह की समाप्ति पर, इनमें से जो भी पहले हो, प्रवृत्त होगी।
(2) नियम 9 में निर्दिष्ट आवेदक के मामले में, कम्यूटेड मूल्य का भुगतान दो अवस्थाओं में किया जाता है पेंशन की रकम में कटौती, उपनियम (1) के परन्तुक में अधिकथित किए गए अनुसार क्रमशः भुगतानों की तारीखों से की जाएगी।
(3) ऐसी तारीख जिसको पेंशन के कम्यूटेड मूल्य का भुगतान आवेदक को किया गया था, की प्रविष्टि कोषालय अधिकारी द्वारा पेंशन भुगतान आदेश के दोनों भागों में की जाएगी।
7. नामांकन :
(1) आवेदक प्ररूप 'क' में आवेदन-पत्र प्रस्तुत करते समय, प्ररूप 'ख' में नामांकन करेगा, जिसमें कम्यूटेड मूल्य प्राप्त किए बिना या उस तारीख को या उसके पश्चात् जिसको कि कम्यूटेशन अंतिम हो जाता है आवेदक की मृत्यु हो जाने के मामले में, पेंशन नियमों के नियम 44 के उपनियम (5) में यथा परिभाषित उसके परिवार के एक या एक से अधिक सदस्यों को पेंशन का कम्यूटेड मूल्य प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करेगा।
(2) यदि किसी पेंशनर की उस तारीख को या उसके पश्चात् जिसको कि कम्यूटेशन अंतिम हो जाता है किन्तु कम्यूटेड मूल्य प्राप्त करने के पूर्व मृत्यु हो जाती है तो इस मूल्य का भुगतान निम्नलिखित रीति में किया जाएगा :-
(क) कम्यूटेड मूल्य का, उस व्यक्ति या उन व्यक्तियों को, जिन्हें वह प्राप्त करने का आधिकार उप नियम (1) के अधीन नामांकन के द्वारा प्रदत्त किया गया है, भुगतान किया जाएगा।
(ख) यदि ऐसा नामांकन नहीं हो या यदि किया गया नामांकन अस्तित्व में न हो तो कम्यूटेड मूल्य का भुगतान नीचे उपदर्शित की गई रीति में परिवार को किया जाएगा।
(एक) यदि पेंशन नियमों के नियम 44 के उप नियम (5) के खण्ड (एक), (दो), (तीन) तथा (चार) में दिए गए अनुसार परिवार के उत्तरजीवी सदस्य एक या एक से अधिक हो तो ऐसे सभी सदस्यों को समान अंशों में,
(दो) यदि ऊपर उप-खण्ड (एक) में दिए गए अनुसार परिवार में ऐसे कोई उत्तरजीवी सदस्य न हों किन्तु पेंशन नियम के नियम 44 के उपनियम (5) के खण्ड (पाँच), (छह), (सात), (आठ), (नौ), (दस) तथा (ग्यारह) में दिए गए अनुसार एक या एक से अधिक सदस्य हों तो ऐसे सभी सदस्यों को समान अंशों में।
(ग) यदि किसी मामले में, कम्यूटेड मूल्य का, खण्ड (क) तथा (ख) में उपदर्शित की गई रीति के Cod अनुसार भुगतान नहीं किया जा सकता हो तो उसका भुगतान उसके वैध वारिसों को किया जाएगा।
8. पेंशन के कम्यूटेड मूल्य की गणना -
आवेदक को देय एक मुश्त रकम की संगणना, इन नियमों से संलग्न सारणी के अनुसार की जाएगी।
9. अंतिम पेंशन का भूतलक्षी पुरीक्षण :
ऐसे किसी आवेदक को, जिसने अपनी अंतिम पेंशन के किसी भाग को कम्यूट किया हो तथा कम्यूटेशन के पश्चात्, शासन के विनिश्चय के परिणामस्वरूप उसकी पेंशन पुनरीक्षित की गई हो तथा भूतलक्षी रूप से उसमें वृद्धि हुई हो तो उसे वर्द्धित पेंशन के संदर्भ में अवधारित कम्यूटेड मूल्य तथा पूर्व में प्राधिकृत कम्यूटेड मूल्य के बीच के अन्तर की राशि का भुगतान किया जाएगा :
परन्तु कोई आवेदक, जिसने कम्यूट किये जाने के लिए कोई निश्चित रकम उपदर्शित की हो, जो स्वीकृत पेंशन के एक तिहाई से अधिक न हो तो उसे पूर्व में प्राधिकृत कम्यूटेड मूल्य तथा पुरीक्षित पेंशन के कारण कम्यूटेड मूल्य के बीच के अन्तर का भुगतान किए जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
 
 
विषय- मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्प्यूटेशन) नियम, 1996 में संशोधन।
संदर्भ- वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक 12-14/2009/नियम/चार, दिनांक 5 फरवरी, 2013.
विषयांतर्गत संदर्भित अधिसूचना के द्वारा पेंशन सारांशीकृत राशि को सेवानिवृत्ति के 15 वर्ष पश्चात् आगामी माह के प्रथम दिन को प्रत्यावर्तित किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। यह निर्देश इस आधार पर हैं कि सामान्यतः सेवानिवृत्ति के तुरन्त पश्चात् पेंशन सारांशीकृत राशि एकमुश्त भुगतान की जाती है। इस एकमुश्त राशि का समायोजन आगे आने वाले 15 वर्षों में पूर्ण हो जाता है।
2. शासन के ध्यान में आया है कि कतिपय पेंशनर शासन द्वारा जारी किये गये नये कम्प्यूटेशन टेबल का लाभ उठाकर अपनी पेंशन को सारांशीकृत कराना चाह रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि 15 वर्ष की अवधि उनके सेवानिवृत्ति की तारीख से संगणित की जाती है, तो उन्हें सारांशीकृत राशि का एकमुश्त भुगतान तो हो जावेगा, परन्तु ऐसे पेंशनरों की सारांशीकृत राशि अपेक्षाकृत कम समय में प्रत्यावर्तित हो जावेगी, जो उचित नहीं है। कतिपय मामलों में ह अवधि 5 वर्ष तक ही रह सकती है।
3. उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि वित्त विभाग के द्वारा ज्ञाप क्रमांक एफ 12-4/2009/नियम/चार, दिनांक 5.2.2013 द्वारा जारी की गई अधिसूचना में “सेवानिवृत्ति" के स्थान पर "सारांशीकरण" शब्दों का संशोधन किया जावे। निर्णय के परिप्रेक्ष्य में जारी किये गये संशोधन की अधिसूचना भी संलग्न है। यहाँ यह भी स्पष्ट किया जाता है कि पेंशन का आशय मूल पेंशन से है न कि वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ 9/2/2009/नियम/चार (भाग-1), दिनांक 3 अगस्त, 2009 द्वारा समेकित पेंशन से ।
4. संलग्न अधिसूचना के फलस्वरूप अब सरांशीकृत राशि का प्रत्यावर्तन सारांशीकरण, की तिथि से 15 वर्ष पूर्ण होने के अगले माह की प्रथम तारीख ले, संभव हो सकेगा। यह आदेश/अधिसूचना दिनांक 5.2.2013 से प्रभावशील है। [म.प्र.शासन वि.वि. क्रमांक एफ-12-14/2009/नियम/चार दिनांक 3 अप्रैल 2014]
10. पेंशन के कम्यूटेड भाग का प्रत्यावर्तन -
[(1) ऐसे किसी भी पेंशनर का जिसने उसकी पेंशन का एक भाग कम्यूट किया हो सारांशीकरण की तारीख से 15 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात् आगामी मास के प्रथम दिन को उसकी पेंशन का कम्यूट किया गया हिस्सा प्रत्यावर्तित हो जायेगा।] [नियम 10 का उपनियम .प्र. शासन वि.वि. की अधिसूचना क्र. एफ 12-14/2009/नियम/चार दिनांक 5 फरवरी 2013 तथा अधिसूचना क्र. एफ 12-14/2009/नियम/चार दिनांक 3 अप्रैल 2013 द्वारा संशोधित किया गया-
पूर्व नियम 11 का उप-नियम (1) - (1) ऐसा कोई भी आवेदक, जिसे कोई गेंशन प्राप्त हो तथा जो अपने पेंशन के भाग को कम्युट कराना चाहता हो, अपनी सेवा निवृत्ति की तारीख के पश्चात् आने वाली तारीख के पश्चात् किन्तु 70 वर्ष की आयु के पूर्व किसी भी समय वह प्ररूप '' में कार्यालय प्रमुख को आवेदन करेगा।]
नोट- अब कम्युटेशन का प्रत्यावर्तन कम्युटेशन के दिनांक से 15 वर्ष पश्चात होगा।
(2) कोई भी पेंशनर, जो उपनियम (1) के अनुसार प्रत्यावर्तन के लिए पात्र हो, संबंधित पेंशन वितरण प्राधिकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Bank)] को प्ररूप 'ग' में आवेदन करेगा, जो पेंशन के कम्यूटेड भाग प्रत्यावर्तन करेगा। [शब्द "कोषालय अधिकारी" के स्थान पर शब्द "पेंशन वितरण प्राधिकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रतिस्थापित । वित्त विभाग अधिसूचना क्र. बी. -25-13/96/PWC/चार, दिनांक 27-2-97]
11. पेंशन के कम्यूटेशन के लिए आवेदन -पत्रः
[(1) कोई आवेदक, जो कोई पेंशन प्राप्त कर रहा है, और उसकी सेवानिवृत्ति की तारीख की आगामी तारीख के पश्चात् किन्तु 75 वर्ष की आयु के पूर्व या सेवानिवृत्ति की तारीख से 15 वर्ष के पूर्व, जो भी पूर्वतर हो, किसी भी समय उसकी पेंशन का एक हिस्सा कम्यूट करना चाहता हो, वह कार्यालय प्रमुख का प्ररूप 'क' में आवेदन करेगा।] [नियम 10 का उपनियम .प्र. शासन वि.वि. की अधिसूचना क्र. एफ 12-14/2009/नियम/चार दिनांक 5 फरवरी 2013 तथा अधिसूचना क्र. एफ 12-14/2009/नियम/चार दिनांक 3 अप्रैल 2013 द्वारा संशोधित किया गया-
पूर्व नियम 11 का उप-नियम (1) - (1) ऐसा कोई भी आवेदक, जिसे कोई गेंशन प्राप्त हो तथा जो अपने पेंशन के भाग को कम्युट कराना चाहता हो, अपनी सेवा निवृत्ति की तारीख के पश्चात् आने वाली तारीख के पश्चात् किन्तु 70 वर्ष की आयु के पूर्व किसी भी समय वह प्ररूप '' में कार्यालय प्रमुख को आवेदन करेगा।]
(2) कोई भी शासकीय सेवक, जो अधिवार्षिकी आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होने वाला हो तथा जो पेंशन भुगतान आदेश जारी होते समय प्राधिकृत की गई पेंशन के कम्यूटेड मूल्य का भुगतान चाहता हो, वह सेवा निवृत्ति की तारीख के पूर्व पेंशन कागजातों के साथ प्ररूप 'क' में पेंशन के भाग के कम्यूटेशन के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होगा।
12. कार्यालय प्रमुख द्वारा की जाने वाली कार्यवाही :
पेंशन के कम्यूटेशन के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर कार्यालय प्रमुख -
(क) उसकी प्राप्ति की तारीख दर्शाते हुए प्ररूप पर लघु हस्ताक्षर करेगा;
(ख) प्ररूप 'क' के प्राप्ति की तत्काल अभिस्वीकृति देगा तथा उसे आवेदक को भेजेगा;
(ग) प्ररूप को पूरा करने के तत्काल कार्यवाही करेगा तथा अपने अभिलेख के लिए एक प्रति रखने के पश्चात् उसे संपरीक्षा अधिकारी को अग्रेषित करेगा।
13. संपरीक्षा अधिकारी द्वारा कम्यूट मूल्य का आथोराइजेशन :
(1) कार्यालय प्रमुख के प्ररूप 'क' प्राप्त होने पर संपरीक्षा अधिकारी यह सत्यापित करेगा कि -
(क) कार्यालय प्रमुख द्वारा प्रस्तुत की गई जानकारी सही है;
(ख) आवेदक, अपनी पेंशन के भाग का कम्युटेशन करने के लिए पात्र है।
(2) संपरीक्षा अधिकारी, प्ररूप 'क' में प्रस्तुत की गई जानकारी का आवश्यक सत्यापन करने के पश्चात्-
(क) संबंधित कोषालय अधिकारी को पेंशन के कम्यूटेड मूल्य के भुगतान के लिए प्राधिकार जारी करेगा:
(ख) खण्ड (क) में निर्दिष्ट प्राधिकारी की एक प्रति इस अनुदेश के साथ आवेदक को पृष्ठांकित करेगा कि वह संबंधित कोषालय अधिकारी से पेंशन का कम्यूटेड मूल्य प्राप्त कर ले।
14. निरसन :
इन नियमों के प्रारंभ होने के ठीक पहले, इन नियमों के अंतर्गत आने वाले विषय के संबंध में, इन नियमों के तत्स्थानी प्रवृत्त मध्यप्रदेश सिविल पेंशन (कम्यूटेशन) नियम, 1976 एतद्द्वारा निरस्त किए जाते हैं:
परन्तु इस प्रकार निरसित नियमों के अधीन दिया गया कोई आदेश या की गई कोई कार्यवाही इन नियमों के तत्स्थानी उपबंधों के अधीन दिया गया या की गई समझी जाएगी। का
प्ररूप 'क'
[नियम 5 (2) तथा 11 देखिये]
पेंशन के कम्यूटेशन के लिए आवेदन -पत्र
                                                                                                                                                                                                                                    

राजपत्रित अधिकारी द्वारा आवेदक का अनुप्रमाणित फोटो

 

 

प्रति,                                                   
…………………….
(कार्यालय प्रमुख)
विषय :- पेंशन के कम्यूटेशन के लिए आवेदन - पत्र
1. आवेदक का पूरा नाम
2. जन्म तिथि
3. सेवानिवृत्ति की तारीख
4. पेंशन का प्रकार
5. धारित पद
6. विभाग/कार्यालय जहाँ से सेवानिवृत्त हुआ/सेवानिवृत्त हो रहा है
7. पेंशन की रकम
8. कोषालय का नाम जहाँ से पेंशन आहरित होती है/आहरित की जानी हो
9. कम्यूटेड की जाने हेतु पेंशन की रकम
10. डाक का पता (संसूचित करने के लिए)
11. पेंशन भुगतान आदेश जारी करने वाले प्राधिकारी का पदनाम
तारीख हस्ताक्षर
  पूरा नाम

 

कार्यालय - प्रमुख द्वारा सत्यापन
प्रमाणित किया जाता है कि पेंशन के कम्यूटेशन के लिए आवेदन - पत्र श्री/सुश्री …………………….... से इस कार्यालय में तारीख..................... को प्राप्त हुआ था।
कार्यालय-प्रमुख के हस्ताक्षर तथा मुद्रा
प्राप्ति अभिस्वीकृति
पेंशन कम्यूटेशन के लिए आवेदन-पत्र पर श्री/सुश्री ................... से इस कार्यालय में तारीख......../......../...... को प्राप्त हुआ।
कार्यालय -प्रमुख के हस्ताक्षर के हस्ताक्षर तथा मुद्रा
[सारणी]
[नियम 8 देखिये]
एक रूपया प्रतिवर्ष पेंशन का कम्यूटेशन मूल्य
विषय- राज्य वेतन आयोग की अनुशंसाओं के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन के कर्मचारी/सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों को पेंशन के सारांशीकरण का लाभ।
राज्य के कर्मचारियों को वर्तमान में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्यूटेशन) नियम, 1996 के नियम 8 के अंतर्गत मूल्य सारणी के अनुसार पेंशन का सारांशीकरण का भुगतान किया जाता है। राज्य वेतन आयोग ने छठवें केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार राज्य के पेंशनरों को पेंशन कम्यूटेशन मूल्य 8 प्रतिशत ब्याज पर आधारित अनुशंसा के आधार पर राज्य शासन द्वारा पेंशन सारांशीकरण की दर निम्नांकित तालिका अनुसार पुनरीक्षित की जाती है -
 
Commutation Value for a Pension of Re. 1 per Annum
 
S.No.
Employees age on next birthday
Commutation value expressed as number of year's purchase
S.No.
Employees
age on next
birthday
Commutation value expressed as number of years's purchase
(1)
(2)
(3)
(1)
(2)
(3)
1.
39
9.103
17.
55
8.627
2.
40
9.090
18.
56
8.572
3.
41
9.075
19.
57
8.512
4.
42
9.059
20.
58
8.446
5.
43
9.040
21.
59
8.371
6.
44
9.019
22.
60
8.287
7.
45
8.996
23.
61
8.194
8.
46
8.971
24.
62
8.093
9.
47
8.943
25.
63
7.982
10.
48
8.913
26.
64
7.862
11.
49
8.881
27.
65
7.731
12.
50
8.846
28.
66
7.591
13.
51
8.808
29.
67
7.431
14.
52
8.768
30.
68
7.262
15.
53
8.724
31.
69
7.083
16.
54
8.678
32.
70
6.897
 
[संशोधन दिनांक 01.08.2012 से लागू]
(म.प्र. शासन वि.वि. एफ 9-2/2010/नियम/चार दिनांक 2.11.2012)
 
प्ररूप 'ख'
[नियम 7 देखिये]
प्रति,
(कार्यालय -प्रमुख)
(स्थान)
मैं..................... (पेंशनर का नाम) एतद्द्वारा मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्यूटेशन) नियम 1996 के नियम 7 के अधीन नीचे नामित व्यक्ति/व्यक्तियों को नामनिर्दिष्ट करता हूँ-
1. नामजद व्यक्ति/व्यक्तियों का नाम तथा पता
2. पेंशनर के संबंध
3. यदि नामजद व्यक्ति अवयस्क हो तो -
(क) जन्म तारीख
(ख) उस व्यक्ति का नाम तथा पता जो नामजद व्यक्ति की
अवयस्कता के दौरान उक्त कम्यूटेड मूल्य प्राप्त करेगा।
4. क्रमांक (1) के अधीन नामजद व्यक्ति की पेंशनर के पूर्व मृत्यु हो
जाने की दशा में अन्य नामजद व्यक्ति का नाम तथा पता
5. पेंशनर से संबंध
6. जन्म तारीख, यदि अन्य नामजद व्यक्ति अवयस्क हो
7. उस व्यक्ति का नाम तथा पता, जो अन्य नामजद व्यक्ति की
अवयस्कता के दौरान पेंशन का कम्यूटेड मूल्य प्राप्त कर सकेगा।
8. वह आकस्मिकता जिसके घटित होने पर नामांकन अवैध हो जाएगा।
स्थान: हस्ताक्षर
तारीखः पूरा नाम
 
 
कार्यालय - प्रमुख द्वारा भेजी जाने वाली अभिस्वीकृति
प्रमाणित किया जाता है कि श्री/सुश्री ................... से नामांकन प्राप्त हो चुका है।
कार्यालय-प्रमुख के हस्ताक्षर
पूरा पता
प्ररूप 'ग'
[नियम 10 (2) देखिये]
प्रति,
कोषालय अधिकारी
मैं अपनी पेंशन के कम्यूटेड भाग को फिर से चालू करने के लिए अनुरोध करता हूँ। सुसंगत विवरण निम्नानुसार है :-
1. पेंशनर का नाम, डाक के पूरे पते सहित
2. पेंशन भुगतान आदेश क्रमांक
3. जन्म तारीख
4. सेवानिवृत्ति की तारीख
5. पेंशन प्रारंभ होने की तारीख
6. मूल पेंशन की रकम
7. (क) कम्यूटेड रकम
(ख) पेंशन में कटौती प्रभावी होने की तारीख ।
(ग) कटौती की गई पेंशन की रकम
8. 70 वर्ष की उम्र पूरी होने की तारीख
स्थान: आवेदक के हस्ताक्षर
तारीखः  
 
टिप्पणी - राजपत्रित अधिकारी हस्ताक्षरित जीवन प्रमाण-पत्र के साथ संलग्न किया जाना चाहिए।
 
राज्य शासन स्पष्टीकरण
विषय - मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कप्युटेशन) नियम, 1996 के नियम 4 का स्पष्टीकरण।
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्युटेशन) नियम, 1996 के नियम 4 (1) में यह प्रावधान है कि "ऐसा कोई भी शासकीय सेवक जिसके विरुद्ध उसकी सेवानिवृत्ति की तारीख से पूर्व पेंशन नियमों के नियम 9 में निर्दिष्ट किए अनुसार विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियाँ संस्थित की गई हों या ऐसा पेंशनर जिसके विरुद्ध उसकी सेवा निवृत्ति की तारीख के पश्चात् ऐसी कार्यवाहियाँ संस्थित की गई हों, ऐसी कार्यवाहियां लंबित रहने के दौरान यथा स्थिति पेंशन नियमों के नियम 64 के अधीन प्राधिकृत उसकी अनन्तिम पेंशन के किसी भाग का या पेंशन का कम्युटेशन करने के लिए पात्र नहीं होगा।
2. नियमों के उपरोक्त प्रावधानों से स्पष्ट है कि विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियों के चलते पेंशन कम्युटेशन के आवेदन को कार्यालय-प्रमुख द्वारा स्वीकार नहीं करना चाहिए। यदि ऐसे किसी आवेदक के द्वारा पेंशन के कम्युटेशन हेतु आवेदन दिया जाता है तो ऐसे आवेदन को कार्यालय-प्रमुख द्वारा संबंधित को लौटा देना चाहिए । कार्यालय प्रमुख द्वारा ऐसा आवेदन विभागीय/न्यायिक कार्यवाहियों के उपरान्त ही स्वीकार कर, सत्यापित किया जावेगा। पेंशन के कम्युटेड मूल्य की गणना पेंशनर की उम्र की दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्युटेशन) नियम, 1996 के अध्यधीन की जावेगी।
[वित्त विभाग क्रमांक/एफ-25/101/2000/PWC/चार, दिनांक 2-1-2001]
 
 
विषय- पेंशन के कम्युटेड भाग का प्रत्यावर्तन
उपर्युक्त विषय में जारी इस विभाग का ज्ञाप क्रमांक डी 1006/672/2000/पी.डब्ल्यू.सी./ चार. दिनांक 5-7-2000 को निरस्त किया जाता है. अर्थात इस विभाग की अधिसचना दि. 7-2-2000 मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दि. 18-2-2000 के बाद में सेवानिवृत्ति होने वाले ऐसे शासकीय सेवकों पर ही लागू होगी।
2. दिनांक 18-2-2000 के पूर्व सेवानिवृत्त ऐसे सेवक जिनके द्वारा पेंशन संराशिकरण किया गया था पूर्व संचालित नियमानुसार उनकी 70 (सत्तर) वर्ष की आयु पूर्ण होने के माह के पश्चात् आने वाले पहले दिन से उसकी पेंशन के कम्युट किये गये हिस्से को फिर से चालू कर दिया जाएगा।
3. माह फरवरी 2000 से नवम्बर, 2000 के मध्य में जिन पेंशनर्स का कम्युट किया हिस्सा फिर से चालू कर भुगतान होना था परन्तु इस विभाग के ज्ञाप दिनांक 5-7-2000 के संदर्भ में भुगतान हीं किया गया अथवा भुगतान करने के पश्चात् राशि वापस जमा करा ली गई हो तो ऐसी वापस जमा कराई गई राशि भी उक्त कंडिका - 2 के अनुसार गणना करने के पुनः भुगतान योग्य होगी।
[म. प्र. शासन, वित्त विभाग क्र. एफ-25/157/2000/PWC/चार/407, दिनांक 7-12-2000]
 
 
विषय :- मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्युटेशन) नियम, 1996 के विषय में स्पष्टीकरण
मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्युटेशन) नियम, 1996 के नियम के अंतर्गत यह प्रावधान है कि 
“आवेदक को देय एकमुश्त रकम की संगणना इन नियमों से संलग्न मूल्य सारिणी के अनुसार की जाएगी।"
2. इन नियमों के साथ संलग्न सारिणी में कम्युटेशन मूल्य की राशि की गणना अगली जन्म तिथि पर आयु के आधार पर करने का प्रावधान है परन्तु इस गणना हेतु अगली जन्म तिथि कब ली जाना है? इस संबंध में स्थिति स्पष्ट न होने से भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
3. पेंशन कम्युटेशन की व्यवस्था में यह सिद्धांत निहित है कि पेंशन का कम्युटेशन मूल्य, आगामी वर्षों के पेंशन से होने वाली कटौतियों की राशि की एक निर्धारित दर पर डिस्काउण्ड करते हुए प्रगणित की गई राशि (Capitalised Value) के बराबर होंगी। अतः यदि कम्युटेशन के कारण पेंशन की रकम में कटौती विलंब से प्रारंभ होती है तो पेंशन के कम्युटेड मूल्य में भी तद्नुसार परिवतर्न होना आवश्यक है। ऐसा न होने पर शासन को अनावश्यक रूप से वित्तीय हानि उठानी पड़ती है तथा पेंशन कम्युटेशन अंतर्ग्रत किया गया संव्यवहार दोनों पक्षों के लिये समरूप नहीं रहता।
4. अतः यह सुनिश्चित किया जाए कि पेंशन के कम्युटेशन के मूल्य की गणना उस वर्ष में आयु के आधार पर की जाए जिस वर्ष में पेंशन की कटौती प्रारंभ हो तथा यह व्यवस्था मूल पेंशन एवं पुनरीक्षित पेंशन दोनों के मामलों में समान रूप से लागू की जाए।
5. मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्युटेशन) नियम 1996 के अंतर्गत ऐसे सभी प्रकरण जिनमें नियम, 8 की गलत व्याख्या के कारण अधिक भुगतान हो गया है, उसकी पेंशनरों से वसूली तत्काल संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा/जिला कोषालय द्वारा सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में विशेष रूप से दिनांक 1-1-96 के पश्चात् सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के प्रकरण जिन्हें दिनांक 1-3-1998 के पश्चात् पाँचवे वेतनमान के संदर्भ में पुनरीक्षित किया गया हो तथा उक्त पुनरीक्षण के फलस्वरूप अतिरिक्त कम्युटेशन मूल्य का भुगतान किया गया हो, को विशेष रूप से देखा जाना चाहिए तथा अधिक भुगतान के सभी प्रकरणों में वसूली की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र प्रारंभ की जाना चाहिये।
[म.प्र. शासन, वित्त विभाग क्रमांक एफ. 9/8/2002/नियम/चार, दिनांक 25-10-2002]