जब सेवा में रहते शासकीय सेवक की मृत्यु हो जाए तब पूर्वानुमानित परिवार पेंशन मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान का भुगतान (Payment of Anticipatory Family Pension and Death-cum-Retirement Gratuity when a Government servant dies while in service)
Updated: Feb, 24 2021
Rule 69 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976
नियम 69. जब सेवा में रहते शासकीय सेवक की मृत्यु हो जाए तब पूर्वानुमानित परिवार पेन्शन तथा मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान का भुगतान (Payment of Anticipatory Family Pension and Death-cum Retirement Gratuty when a Government servant dies while in service) - (1) जहाँ कार्यालय प्रमुख को किसी सेवारत शासकीय सेवक की मृत्यु की सूचना प्राप्त हो तब वह सुनिश्चित करेगा कि क्या मृत शासकीय सेवक के परिवार को मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान अथवा परिवार पेंशन अथवा दोनों का भुगतान किया जाना है अथवा नहीं।
व्याख्या- [विलोपित] [म.प्र. शा. वि. वि. क्र.बी.-6-1-77 नियम/चार/दि. 1.2.77 द्वारा नियम 67-68 विलोपित।]
(2) (ए) जहाँ नियम 44 के अधीन मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान की धनराशि का भुगतान किया जाना है, कार्यालय प्रमुख अभिनिश्चित करेगा कि -
(i) क्या मृत शासकीय सेवक ने किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों को उपदान प्राप्त करने के लिए नामांकित किया है; और
(ii) जहाँ मृत शासकीय सेवक ने कोई नामांकन नहीं किया है अथवा किया गया नामांकन अस्तित्व में नहीं है तो उपदान किस व्यक्ति अथवा व्यक्तियों को भुगतान योग्य होगा?
(बी) कार्यालय- प्रमुख सम्बन्धित व्यक्ति को फार्म 9 या 10 में, जो भी लागू हो, सम्बोधित करेगा कि वह [प्ररूप- 6'ग'] में दावा प्रस्तुत करे। [म.प्र. शा. वि. वि. क्र.बी.-6-1-77 नियम/चार/दि. 1.2.77 द्वारा नियम 67-68 विलोपित।]
(3) (ए) जहाँ मृत शासकीय सेवक का परिवार नियम 47 के अधीन अंशदायी परिवार पेन्शन का पात्र है, वहाँ प्ररूप [6 'ग'] में दावा प्रस्तुत करने के लिये कार्यालय-प्रमुख, फार्म 12 में उसकी विधवा अथवा विधुर को सम्बोधित करेगा, और [म.प्र. शा. वि. वि. क्र.बी.-6-1-77 नियम/चार/दि. 1.2.77 द्वारा नियम 67-68 विलोपित।]
(बी) जहाँ मृत शासकीय सेवक का केवल बच्चा जीवित हैं तो ऐसे बच्चे अथवा बच्चों का संरक्षक प्ररूप [6 'ग'] में दावा कार्यालय-प्रमुख को प्रस्तुत करेगाः [म.प्र. शा. वि. वि. क्र. एफ.-9-11-2002 नियम चार दि. 2-8-03 नियम चार दि. 2-8-03 से संशोधित ।]
परन्तु अविवाहित पुत्री की ओर से, यदि उसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली है तो कथित फार्म में दावा प्रस्तुत करने के लिये संरक्षक से अपेक्षा नहीं की जावेगी और ऐसी पुत्री स्वयं ही कथित फार्म में अपना दावा प्रस्तुत कर सकती है।
(4) (ए) जहाँ मृत शासकीय सेवक का परिवार नियम 48 के अधीन गैर-अंशदायी परिवारपेन्शन का पात्र है तो कार्यालय प्रमुख अभिनिश्चित करेगा कि
(i) क्या मृत शासकीय सेवक ने अपने परिवार के किसी सदस्य को गैर-अंशदायी परिवार- पेन्शन का भुगतान करने के लिये नामांकित किया है, और
(ii) जहाँ मृत शासकीय सेवक ने कोई नामांकन नहीं किया है अथवा किया गया नामांकन अस्तित्व में नहीं है तो गैर-अंशदायी परिवार पेंन्शन; किस व्यक्ति को भुगतान योग्य होगी का अभिनिश्चय कार्यालय- प्रमुख करेगा।
(बी) कार्यालय- प्रमुख सम्बन्धित व्यक्ति को फार्म 16 में दावा प्रस्तुत करने के लिये फार्म 14 अथवा फार्म 15 जो भी लागू हो, में सम्बोधित करेगा।
(5) कार्यालय- प्रमुख आडिट आफिसर को मृत शासकीय सेवक के विरुद्ध शासकीय बकाया के ब्यौरों के बारे में निम्नलिखित जानकारियाँ उपलब्ध करायेगा -
(ए) भुगतान प्राधिकृत करने के पूर्व उपदान से वसूली योग्य शासकीय बकाया, अर्थात् -
(i) अंशदायी परिवार पेन्शन के विषय में अंशदान, लागू हो;
(ii) शासकीय बकाया जो अभिनिश्चित तथा आंके गये हैं
(बी) अब तक अभिनिर्धारित नहीं किये जा सके शासकीय बकाये के समायोजन हेतु रोकी जाने वाली उपदान की धनराशि ।
टिप्पणी - उपदान की रोकी जाने वाली धनराशि का अवधारण नियम 66 के उपनियम (2) के खण्ड (बी) और (सी) के अनुसार किया जावेगा।
(6) (ए) दावा की गई सेवा के सत्यापन के लिये, फार्म 17 पूर्ण करने के पश्चात्, कार्यालय-प्रमुख उस फार्म को मूलतः फार्म 18 में स्पष्टीकरण ज्ञापन के साथ और शासकीय सेवक की अद्यतन सेवा/पुस्तिका/ सर्विस रोल और अन्य विश्वसनीय दस्तावेजों के साथ आडिट आफिसर को इस प्रकार भेजेगा कि वह उन पर सुविधाजनक ढंग से विचार कर सके। [वित्त विभाग क्र. एफ. बी 6/1/77/आर-2/चार, दिनांक 10-5-1977, मध्यप्रदेश राजपत्र, दिनांक 29-7-1977 द्वारा उपनियम (6) के मूलखण्ड क्रमांक (बी), (सी), (डी) को क्रमशः उपनियम (6) के खण्ड (ए), (बी), (सी) क्रमांकित किया गया।]
(बी) उपर्युक्त कथित फार्म की एक प्रति कार्यालय - प्रमुख अपने कार्यालय में अभिलेख के लिये रखेगा।
(सी) यदि अन्य आडिट सर्कल में भुगतान प्राप्त करना इच्छित है तो आडिट आफिसर को फार्म 17 दो प्रतियों में भेजा जावेगा।
(7) उप नियम (5) और (6) में उल्लिखित दस्तावेजों को सम्बन्धित आडिट आफिसर को भेज दिए जाने के पश्चात् कार्यालय-प्रमुख, अधिकतम परिवार पेन्शन से अनाधिक पूर्वानुमानित परिवार पेन्शन और 90 प्रतिशत उपदान, [प्ररूप 6- 'घ'] में बताये अनुसार आहरित करेगा और इस उद्देश्य के लिये निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएगा, अर्थात्
[वि. वि. क्र. एफ-9-11-2002 नियम-चार, दिनांक 3-8-03 द्वारा संशोधित।]
(ए) इन नियमों के अधीन भुगतान योग्य पूर्वानुमानित परिवार पेन्शन और उपदान की 90 प्रतिशत धनराशि दर्शाते हए दावेदारों के पक्ष में वह एक स्वीकृति-पत्र, एक प्रतिलिपि आडिट आफिसर को पृष्ठांकित करते हुए जारी करेगा।
(बी) वह स्वीकृति-पत्र में उपनियम (5) के अधीन उपदान से वसूली योग्य धनराशि, दर्शाएगा,
(सी) स्वीकृति पत्र जारी करने के पश्चात् वह -
(i) पूर्वानुमानित पेन्शन की धनराशि और,
(ii) उपदान की 90 प्रतिशत धनराशि में से खण्ड (बी) में उल्लेखित बकाया काटने के पश्चात्, उसके द्वारा जिस कोषालय से स्थापना के वेतन तथा भत्ते आहरित किये जाते हैं, आहरण करेगा।
(8) शासकीय सेवक की मृत्यु जिस माह में हुई है उसके पूर्व माह के पहले दिन अथवा उसके पश्चात् यदि उस समय तक अन्तिम पी. पी. ओ./जी. पी. ओ. प्राप्त नहीं होता है तो दावेदार अथवा दावेदारों को कार्यालय - प्रमुख पूर्वानुमानित परिवार पेन्शन और उपदान का भुगतान करेगा।
(9) जैसे ही दावेदार अथवा दावेदारों को उपदान का भुगतान कर दिया जाता है तो ऐसे उपदान से वसूल को गई धनराशि की विस्तृत जानकारी कार्यालय-प्रमुख आडिट आफिसर को सूचित करेगा।
(10) यदि दावेदार पूर्वानुमानित परिवार पेन्शन अथवा उपदान का अथवा दोनों का भुगतान मनीआर्डर द्वारा चाहता है तो उसका भुगतान यदि धनराशि पांच सौ रुपये अथवा इससे कम है तो राज्य शासन के खर्च पर मनीआर्डर द्वारा भेजी दी जावेगी।
राज्य शासन आदेश
डी. सी. आर. ग्रेत्युटी का नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारियों को भुगतान
वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी 6/12/77/आर-2/चार, दिनांक 28-5-77 द्वारा यह निर्देश दिये गये हैं कि दिनांक 1-6-76 को या उसके पश्चात् मृत शासकीय कर्मचारियों के मामलों में डी. सी. आर. ग्रेच्युटी के दावे म.प्र. सिविल सर्विसेस (पेन्शन) रूल्स, 1976 में निर्धारित फार्म 17 पर प्रस्तुत किये जाना आवश्यक होगा। इस फार्म 17 के कालम 22 का तात्पर्य यह है कि जिन व्यक्तियों को डी. सी.आर. ग्रेच्युटी देय हो; के नाम उसमें दर्शाये जाना है। इसी फार्म के कॉलम 18 में नामांकन है या नहीं यह बताया जाना है तथापि नामांकन न हो तो वैसा कार्यालय - प्रमुख द्वारा कॉलम 18 के आयटम (1) में बताया जाना चाहिये। 22 में यह भी बताना चाहिये कि उसमें अंकित व्यक्ति किस प्रकार डी. सी. आर ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए पात्र है अर्थात् नामिनेशन के आधार पर अथवा फार्म 24 पर प्रस्तुत क्षतिपूरक बन्ध (Indemnity Bond) के आधार पर अथवा सक्षम न्यायालय से प्राप्त उत्तराधिकारी प्रमाण-पत्र के आधार पर किन्तु महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर द्वारा शासन की दृष्टि में यह बात लायी गई है कि शासन के इन निर्देशों का कार्यालय प्रमुखों द्वारा पालन नहीं किया जाता है। इस कारण डी. सी. आर. ग्रेच्युटी के सम्बन्ध में भुगतान आदेश प्रसारण में अनावश्यक देरी होती है। अतः पुन निर्देश दिये जाते हैं कि उपरोक्त निर्देशों का पालन किया जाए तथा अधीनस्थ कार्यालय प्रमुखों द्वारा उनका पालन कराया जाए।
[वित्त विभाग क्र. एफ. बी. 6/19/78/नि-2/चार, दिनांक 25-11-1978]