Rule 43 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976
नियम 43. पेंशन की धनराशि (Amount of Pension) - (1) दस वर्ष की अर्हतादायी सेवा पूर्ण करने के पूर्व, इन नियमों के प्रावधानों के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवकों, के प्रकरणों में, नीचे उपवर्णित के अनुसार सेवा उपदान (Service Gratuity) की धनराशि देय होगी, अर्थात्-
अर्हतादायी सेवा की पूर्ण छः माही अवधि
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उपदान की दर
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अर्हतादायी सेवा की पूर्ण छः माही अवधि
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उपदान की दर
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(1)
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(2)
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(3)
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01
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½ माह की उपलब्धियां
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11
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5-1/5 माह की उपलब्धियां
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02
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1 माह की उपलब्धियां
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12
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5-1/2 माह की उपलब्धियां
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03
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1½ माह की उपलब्धियां
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13
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5-7/8 माह की उपलब्धियां
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04
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2.0 माह की उपलब्धियां
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14
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6-1/4 माह की उपलब्धियां
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05
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2½ माह की उपलब्धियां
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15
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6-5/8 माह की उपलब्धियां
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06
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3 माह की उपलब्धियां
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16
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7.0 माह की उपलब्धियां
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07
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3½ माह की उपलब्धियां
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17
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7-3/8 माह की उपलब्धियां
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08
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4.0 माह की उपलब्धियां
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18
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7-3/4 माह की उपलब्धियां
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09
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4-3/8 माह की उपलब्धियां
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19
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8-1/8 माह की उपलब्धियां
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10
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4-3/4 माह की उपलब्धियां
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[टिप्पणी.- (1) सेवा उपदान की रकम पूर्ण रुपयों में अभिव्यक्त की जाएगी और जहां सेवा उपदान में रुपये का भाग अन्तर्विष्ट है वहां उसे निकटतम उच्चतर रुपये तक पूर्णांकित किया जायेगा।] [वित्त विभाग ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/5/87/नि-2/चार, दिनांक 9 जनवरी, 1989 द्वारा अन्तःस्थापित।]
(3) सेवाकाल की गणना में अपूर्ण वर्ष के [13 माह] या उससे अधिक की अवधि को पूर्ण छः माही अवधि के रूप में माना जाएगा। [वि.वि. अधिसूचना क्रमांक बी-25/10/96/PWC/IV, दिनांक, 17-6-96 द्वारा माह को 3 माह किया गया तथा यह दिनांक 20-3-1984 से लागू।]
(4) पेंशन की धनराशि का निर्धारण मासिक दर का होगा और पूर्ण रुपयों में अभिव्यक्त किया जाएगा और जहां पेंशन रुपये के किसी भाग में आये तो उसे अगले रुपये में पूर्णाकित किया जाएगाः
परन्तु किसी भी दशा में इस नियम में विहित अधिकतम पेंशन से अधिक पेंशन मंजूर नहीं की जायेगीः
(5) जहाँ पेंशन की धनराशि-
(ए) मंहगाई वेतन, यदि कोई हो, को सम्मिलित करते हुए संगणित की गई है; अथवा
(बी) मंहगाई वेतन को छोडकर परन्तु तदर्थ वृद्धि अथवा अस्थायी वृद्धि अथवा दोनों, यदि कोई हो, को सम्मिलित करते हए संगणित की गई है। न्यूनतम पेंशन जैसी कि शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जावे, से कम है, पेंशन में अतिरिक्त वृद्धि करके अन्तर को पूरा किया जायेगा परन्तु यह कि असमर्थता पेंशन (Invalid Pension) की धनराशि किसी भी दशा में न्यूनतम पेंशन जैसी कि शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जावे] से कम नहीं होगीः
[म.प्र. शासन ने निम्नानुसार समय-समय पर न्यूनतम पेंशन स्वीकार की है :-
दिनांक
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न्यूनतम पेंशन
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शासन आदेश क्रमांक
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1-1-1972
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40/-प्र.मा.
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1-6-1976
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60/-प्र.मा.
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[वि.वि. क्र. एफ. बी. 6/8-1/नि-2/चार, दिनांक 2-10-1976]
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1-1-1986
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250/-प्र.मा.
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[वि.वि. क्र. एफ. बी. 6/43/नि-2/चार, दिनांक 27-10-1987]
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1-1-1989
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300/-प्र.मा.
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[वि.वि. क्र. एफ. बी. 6/89/नि-2/चार, दिनांक 25-1-1989]
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1-8-1989
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375/-प्र.मा.
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[वि.वि. क्र. एफ. बी. 6/1(iii)/90/नि-2/चार, दिनांक 5-2-1990]
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1-8-1996
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1275/-प्र.मा.
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[वि.वि. क्र. बी. 25/7/98/PWC/चार, दिनांक 14-7-1998]
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1-1-2006
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3025/-प्र.मा.
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1-1-2016
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7750/-प्र.मा.
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परन्तु असमर्थता पेंशन (Invalid Pension) की धनराशि उस सामान्य परिवार पेंशन की धनराशि से कम नहीं होगी जो नियम 47 (2) के अन्तर्गत शासकीय सेवक के परिवार को स्वीकार्य है। [वित्त विभाग अधिसूचना F-B.8-1-99/नि-2/IV, दिनांक 22-7-1977 द्वारा स्थापित तथा दिनांक 1-6-1976 से लागू।]
टिप्पणी- पेंशन संराशिकरण (Commutation) के लिये, असमर्थता पेंशन की मूल धनराशि, अर्थात् अर्हतादायी सेवा के वर्षों और औसत उपलब्धियों के संदर्भ में निश्चित की गई धनराशि को ही केवल विचार में लिया जाएगा। फिर भी मूल असमर्थता पेंशन और अतिरिक्त पेंशन (पेंशनर की मृत्यु होने पर परिवार को अनुज्ञेय सामान्य परिवार पेंशन की धनराशि के बराबर करने वाली अनुज्ञेय सशक्त पेंशन की धनराशि) के कुल योग पर राहत अनुज्ञेय होगी।
(6) विलोपित [वित्त विभाग अधिसूचना क्रमांक बी-25/6/95/PWC/IV, दिनांक 20-9-1996 तथा दिनांक 1-1-86 से लागू।]
दिनांक 31 मार्च, 1979 को अथवा उसके पश्चात् सेवानिवृत्ति होने पर पेंशन की राशि वर्तमान में पेंशन की संगणना, सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष की औसत उपलब्धियों (Emoluments) के 1/80 की दर पर की जाती है और औसत उपलब्धियों का अधिक से अधिक 33/80 भार होता है तथा वह रु. 834/- प्रतिमाह की अधिकतम सीमा तक प्रतिबन्धित है। राज्य शासन ने अब यह निर्णय लिया है कि राज्य शासन के ऐसे कर्मचारी, जो 31 मार्च, 1979 को सेवा में थे और जो उस तारीख को अथवा उसके बाद सेवा निवृत्त हुए हैं, उनकी पेंशन की राशि का निर्धारण निम्नलिखित स्लेबों के अनुसार किया जाए-
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मासिक पेंशन की राशि
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1. पेंशन के लिये गणना योग्य औसत उपलब्धियों के प्रथम 1000 रुपये तक
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औसत उपलब्धियों का 50%
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2. पेंशन के लिये गणना योग्य औसत पर उपलब्धियों के अगले 500 रुपये
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औसत उपलब्धियों का 45%
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3. पेंशन के लिये गणना योग्य औसत उपलब्धियों की शेष रकम
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उपलब्धियों का 40% किन्तु नीचे पैरा 4 के अनुसार सम्पूर्ण अधिकतम सीमा के अधीन रहते हुए।
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2. उपर्युक्त स्लैबों के आधार पर गणना की गई पेंशन की राशि 33 वर्ष की अधिकतम अर्हक सेवा से सम्बन्धित होगी। ऐसी शासकीय कर्मचारियों के लिये जिन्होंने सेवानिवृत्ति के समय 10 वर्ष या इससे अधिक की अर्हक सेवा पूरी कर ली है; लेकिन 33 वर्ष से कम की हो तो उनके पेंशन का राशि अधिकतम स्वीकार्य पेंशन के उस अनुपात में होगी; जितना अनुपात उनके द्वारा की गई अर्हक सेवा का और 33 वर्ष की अधिकतम अर्हक सेवा का होता है।
3. सेवा उपदान, मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति उपदान, परिवार पेंशन तथा औसत उपलब्धियों का निर्धारण, अर्हक सेवा के रूप में सेवा को सम्पूर्ण छः महीने की अवधि को मानने सम्बन्धी उपबन्ध तथा पेंशन के लिये अर्हक सेवा और रुपये के अंश को अगले उच्चतर रुपये तक पूर्णांकित करने सम्बन्धी निर्देश के बारे में मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स 1976 के विद्यमान प्रावधान अपरिवर्तित रहेंगे।
4. उपर्युक्त स्लैबों के अनुसार तथा निर्धारित पेंशन पर शासन द्वारा समय-समय पर स्वीकार्य राहत यथावत् देय होगी, इस प्रतिबंध के साथ कि पेंशन तथा राहत की राशि कुल मिलाकर रुपये 1500/ प्रतिमाह से अधिक न हो। यदि पेंशन की रुपये 1500/- प्रतिमाह से बढ़ जाती है तो 33 वर्ष की पूरीसेवा के लिए अधिकतम पेंशन रु. 150/- प्रतिमाह तक प्रतिबन्धित होगी और इस पर कोई राहत देय नहीं होगी।
5. मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1976 को इस ज्ञापन के उपबन्धों के अनुसार संशोधित समझा जाए। नियमों के औपचारिक संशोधन बाद में जारी नहीं किये जावेंगे।
संलग्न - परिशिष्ट [वि.वि. क्र. एफ. बी 6/15/80/नि-2/चार, दिनांक 4.9.1980]
पेंशन तथा राहत की अधिकतम सीमा समाप्त किये जाने के संबंध में शासनादेश
राज्य शासन के विद्यमान आदेशों के अनुसार सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारियों को प्राप्त होने वाली मासिक पेंशन तथा उस पर देय राहत मिलाकर कुल राशि की अधिकतम सीमा रुपये 1500 प्र. मा. है। इस सीमा का बंधन समाप्त करने का प्रश्न कुछ समय से शासन के विचाराधीन था। राज्य शासन द्वारा विचारोपरांत अब यह निर्णय लिया गया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले मासिक पेंशन तथा उस पर देय राहत मिलाकर वर्तमान अधिकतम सीमा रु. 1500 प्र. मा. का बन्धन समाप्त किया जाए।
ये आदेश दिनांक 2 अक्टूबर, 1986 से प्रभावशील होंगे।
[वि. वि. क्र. 6/1(II) 85/नि-2/चार, दिनांक 27-10-86]
दिनांक 1-8-1989 से स्लेब पद्धति के बजाय औसत उपलब्धियों का 50% पेंशन निर्धारित होगी।
Fixation of pension - According to the orders issued by the Government, vide Finance Department Memo No. F. B. 6/15/80/R-2/IV, dated the 4th September, 1980. Pension is to emoluments up to Rs. 1000/- at the rate of 45 percent of next 500/- and at the rate of 40 percent of the balance of average emoluments. The State Government have now decided that pension shall be calculated at 50 percent of average emoluments in all cases instead of the existing slab formula, subject to minimum of Rs. 375/- p.in., with effect from 1st August, 1989 (i.e. pension for the month of August, 1989 payable on 1st September, 1989). In the case of a Government servant retiring before completing qualifying service be proportionate to the amount of pension admissible as per calculation at 50% of average emoluments subject to a minimum of Rs. 375/- p.m.
5.The term "Emoluments" for puposes of calculating pension/gratuity shall mean basic pay as defined in rule 9 (21) (a) (i) of Fundamental Rules, which the Government Servant was receiving immediately before his retirement or on the date of his death as the case may be. Similarly the term "Average Emoluments" shall be determined with reference to emoluments drawn by a Government Servant during the last ten months of his Service. The term pay in these orders means the pay in the-
(i) Revised scales promulgated under the Madhya Pradesh Revision of Pay Rules, 1990 (under issue separately).
(ii) Pay Scale of University Grant Commission and All India Council for Technical Education.
(iii) All India Service Scales.
6. Formal amendments in the rules would be issued in due course.
7. In respect of past pensioners. separate orders will be issued.
[M.P.E.D. No. F.B. 6/1/(i)/90/R-II/IV, dt. 23-1-90]
1 अगस्त, 1989 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों को औसत उपलब्धियों का 50% के आधार पर पेंशन।
राज्य शासन ने वित्त विभाग ज्ञाप क्र. एफ. बी. 6/1(ए) 90/आर-दो/चार, दिनांक 23 जनवरी, 1990 द्वारा दिनांक 1-8-1989 से पेंशन की संगणना प्रतिमाह न्यूनतम 375 रु. के अध्यधीन औसत उपलब्धियों के 50% पर करने के संबंध में पृथक से आदेश जारी किये जायेंगे। वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ. बी. 6/1 (तीन) 90/आर-दो/चार, दिनांक 5 फरवरी, 1990 के अनुसार प्रतिमाह न्यूनतम 375 पेन्शन का लाभ उसमें उल्लिखित शर्तों के अध्यधीन
1-8-89 से पूर्व सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों तक बढ़ा दिया गया है।
2. अब उन भूतपूर्व पेन्शन भोगियों के संबंध में जो 31-7-1989 तक सेवानिवृत्त हुए हैं, तथा जिनकी पेन्शन 1000 रु. से अधिक उपलब्धियों के मामले में खण्ड सूत्र के अनुसार संगणित की गई हो पर निर्णय लिया गया है उनकी पेन्शन 1 अगस्त, 1989 से औसत उपलब्धियों के 50% पर पुनः संगणित की जावेगी।
3. 31-7-89 [तक] सेवानिवृत्त हुए पेन्शनभोगियों को निम्नानुसार नीचे वर्गीकृत किया जा सकता है:- [शब्द [से पूर्व] के स्थान पर शब्द [तक] प्रतिस्थापित; वि.वि. ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/3(1)/90/नि-2/चार, दिनांक 5 मई, 1991।]
(क) वे पेन्शन भोगी, जो 1-1-86 के पूर्व सेवानिवृत्त हुए हों तथा 1-1-86 से पूर्व विद्यमान वेतनमानों में उपलब्धियों के आधार पर पेन्शन प्राप्त कर रहे हों।
(ख) वे पेन्शनभोगी, जो 1-1-86 के पश्चात् सेवानिवृत्त हुए हों तथा मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1987 द्वारा 1-1-86 से लागू पुनरीक्षित वेतनमानों में उपलब्धियों के आधार पर पेन्शन प्राप्त कर रहे हों तथा जो मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1990 द्वारा लागू किये गये पुनरीक्षित वेतनमानों के चयन का विकल्प नहीं ले रहे हों [इसी प्रकार की पेन्शन 1-1-86 के पश्चात् सेवानिवृत्त हुए हों तथा पुनरीक्षित यू.जी.सी. एवं ए.आई.सी.टी.ई. वेतनमानों के चयन का विकल्प नहीं ले रहे हों] तथा [वाक्य "इसी प्रकार........ नहीं ले रहे हों" - जोड़ा गया, वित्त विभाग क्र. एफ. बी. 6/3 (1) 90/नि-2/चार, दिनांक 15-1-1992 ।]
(ग) वे पेन्शनभोगी, जो 1-1-86 के पश्चात् सेवानिवृत्त हुए हों और मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1990 द्वारा 1-1-86 से लागू पुनरीक्षित वेतनमानों [तथा पुनरीक्षित यू.जी.सी. एवं ए.आई. सी. टी.ई. वेतनमानों] के चयन का विकल्प ले रहे हों।
4. ऊपर श्रेणी (क) तथा (ख) में उल्लेखित पेन्शन भोगियों के मामले में पहले निकाली गई संगणित उपलब्धिया तथा अर्हकारी सेवा में कोई परिवर्तन नहीं होगा। ऐसे मामले में पेन्शन की रकम में 50% के सूत्र के आधार पर ही परिवर्तन किया जावेगा बशर्ते अंतिम औसत उपलब्धियाँ 1000/- रुपये से अधिक हों। ऊपर श्रेणी (ग) में उल्लेखित पेंशनभोगियों के मामलों में म.प्र. वेतन पुनरीक्षण. नियम, 1990 के नियम - 13 सहपठित वित्त विभाग के ज्ञाप क्र. एफ. बी. 6/1/90/आर-2/ चार, दिनांक 23-1-1990 के पैरा-5 के आशयान्तर्गत पेंशन नियम-30 के परन्तुक के प्रावधान को शिथिल मानते हुए, पेंशन की विद्यमान रकम का दिनांक 1-8-1989 से पुनः अभिकलन करना होगा। पुनरीक्षित नोशनल परिलब्धियों के आधार पर मृत्यु-सह सेवानिवृत्ति उपदान देय नहीं होगा।
टीप- ऐसे शासकीय सेवकों के मामलों में, जिन्होंने पुनरीक्षित वेतनमान 1990 का चयन किया है और पुनरीक्षित वेतनमानों में 10 माह की अवधि पूर्ण करने के पूर्व सेवानिवृत्तं होते हैं। उनके मामले में 10 मास के औसत वेतन की गणना कर्मचारी द्वारा पुनरीक्षण पूर्व के वेतनमान [दिनांक 1-1-86 के पूर्व प्रचलित] में प्राप्त वेतन तथा उस पर समयसमय पर जो मंहगाई भत्ता, अतिरिक्त मंहगाई भत्ता तथा तदर्थ अतिरिक्त मंहगाई भत्ता सहित यदि देय हो, जिसका वास्तविक रूप से उन्हें भुगतान हुआ है तथा पुनरीक्षित वेतनमान में देय वेतन (काल्पनिक) में इनका औसत निकाल कर औसत उपलब्धियों की गणना की जावेगी। [शब्द "तथा पुनरीक्षित यू.जी.सी. एवं ए.आई. सी. टी.ई वेतनमानों"- जोड़े गये। वित्त विभाग ज्ञापन क्र. एफ. बी 6/3(1) 90/नि-2/चार, दिनांक 15-1-1992।]
5. पूर्वगामी पैराओं में दिये गये निर्णयों के कारण अनेक मामलों में पेंशन का पुनः अभिकलन करना होगा जिनमें कुछ ऐसे मामले हैं, जिनमें पेंशन बहुत पहले मंजूर की गई थी। इसके लिये पिछली सुदूर अवधियों के पुराने अभिलेखों का पता लगाना आवश्यक होगा तथा यह सम्भव है कि कतिपय मामलों में अभिलेख आसानी से उपलब्ध न हो पाएं जिसके परिणामस्वरूप मामलों के निपटारे में विलम्ब हो सकता है। ऊपर पैरा 2(क) तथा (ख) में उल्लिखित मामलों के सम्बन्ध में पहले निकाली गई संगणनीय उपलब्धियों तथा अर्हकारी सेवा में कोई परिवर्तन नहीं होगा तथा ऐसे मामलों में 50 प्रतिशत के सूत्र के आधार पर पुनरीक्षण करना आवश्यक होगा। ऐसे मामलों में अंतिम रूप दिये जाने की प्रक्रिया को तीव्र बनाने की दृष्टि से पेंशनभोगी या तो तालिका (पिरिशिष्ट-एक) में दर्शाये अनुसार अतिरिक्त पेंशन प्राप्त कर सकेगा या सेवा अभिलेखों पर आधारित वास्तविक अभिकलनों के सन्दर्भ में पेंशन प्राप्त कर सकेगा। इस प्रयोजन के लिये प्रत्येक पेंशनभोगी को इन आदेशों के जारी होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के भीतर निहित फार्म (परिशिष्ट दो) में दो विकल्पों में से किसी एक विकल्प का प्रयोग करना आवश्यक है। ऐसे पेंशनभोगियों के सम्बन्ध में जो नियत अवधि के भीतर अपने विकल्प का प्रयोग नहीं कर पाए यह समझा जाएगा कि उन्होंने वास्तविक उपलब्धियों और अभिलेखों पर आधारित अर्हकारी सेवा के संदर्भ में पुनरीक्षित पेंशन प्राप्त करने के विकल्प का प्रयोग किया है। ऊपर पैरा 3(ग) में उल्लिखित व्यक्तियों के संबंध में पेंशन की रकम का अभिकलन मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1990 के नियम 13 में निहित उपबन्ध आशायान्तर्गत, पुनरीक्षित वेतनमान में सेवा अभिलेखों पर आधारित वास्तविक संगणना के अनुसार वेतन निर्धारित किये जाने के पश्चात् किया जाएगा।
6. पेंशनभोगी विकल्प (परिशिष्ट -II) एवं परिशिष्ट -III में निर्धारित आवेदन-पत्र आवश्यक जानकारी सहित सम्बन्धित कोषालय अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। जिस पेंशनभोगी ने अतिरिक्त पेंशन परिशिष्ट -1 की सारणी के आधार पर लेने हेतु विकल्प प्रस्तुत किया है उसके प्रकरण में कोषालय अधिकारी परिशिष्ट - V में दिये गये निर्देशों के अनुसार कार्यवाही कर पेंशन पुनरीक्षित करेंगे।
7. जहाँ पेंशनभोगी ने सेवा अभिलेख के आधार पर वास्तविक गणना अनुसार अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने हेतु विकल्प (परिशिष्ट - II) दिया हो; ऐसे प्रकरणों में पेंशनभोगी का आवेदन पत्र (परिशिष्ट -III) कोषालय/अधिकारी परिशिष्ट-VI में निर्धारित प्रावरण-पत्र द्वारा महालेखाकार, ग्वालियर अथवा संचालक; पेंशन, जिसके द्वारा प्रथम बार पेंशन प्रकरण निर्णीत किया था, को पुनरीक्षित पेंशन प्राधिकरण हेतु भेजेगा।
टीप- ऐसे शासकीय सेवक, जो 1-1-86 से 31-7-89 से बीच म.प्र. पुरीक्षित वेतनमान, 1990 में सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके पुरीक्षण प्रकरण सम्बन्धित कार्यालय प्रमुख द्वारा तैयार किये जावेंगे एवं वित्त विभाग के ज्ञाप क्र. ई-4/3/86/नि-2/चार, दिनांक 21-4-86 के सुसंगत प्रावधानों को शिथिल मानते हए, महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर अथवा मुख्य/वरिष्ठ लेखाधिकारी (पेंशन) जिसके भी द्वारा प्रथम बार पेंशन प्रकरण निर्णीत किया गया था, द्वारा पुनरीक्षित किये जावेंगे।
8. यदि पेंशनभोगी ने ऊपर पैरा-5 में निर्दिष्ट तालिका (परिशिष्ट -एक) के आधार पर अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने का विकल्प लिया हो, तो कोषाधिकारी पं. भु.आ. के दोनो भागों में पेंशन की पुनरीक्षित रकम तथा उस पर स्वीकार्य राहत दर्शाते हुए समुचित प्रविष्टि करेगा और पेंशनभोगी को भुगतान के व्यवस्था करेगा।
9. इन आदेशों के अधीन देय होने वाली अतिरिक्त पेंशन, अतिरिक्त लघुकरण के लिये अर्ह नहीं होगी, किन्तु अतिरिक्त पेंशन पर स्वीकार्य राहत के भुगतान के लिये अर्ह होगी।
10. वित्त विभाग के ज्ञाप क्र. एफ. बी., 6/3/90/नि-2/चार, दिनांक 2-3-1990 द्वारा 14-1981 से पूर्व सेवानिवृत्त हुए व्यक्तियों को 1-8-89 से मंजूर की गई विशेष तदर्थ राहत की रकम में कोई परिवर्तन नहीं होगा तथा जहां स्वीकार्य हो, उसका भुगतान जारी रहेगा।
11. परिशिष्ट -1 की सारणी में जो अतिरिक्त पेंशन की राशि दर्शाई गई है वह 33 वर्ष की अधिकतम अर्हतादीय सेवा परअ'धारित है। ऐसे पेंशनभोगी जिनकी अर्हतादीय सेवा अवधि 33 वर्ष से कम रही हो एवं औसत उपलब्धियां रु. 1000/- प्रतिमाह से अधिक रही हो, उनके प्रकरणों में अतिरिक्त पेंशन की गणना वास्तविक गणना के आधार पर ही की जाएगी। ऐसे प्रकरणों में कोषालय अधिकारी पेंशनभोगी का आवेदन पत्र (परिशिष्ट -III) विकल्प (परिशिष्ट -II) के साथ परिशिष्ट -IV में निर्धारित प्रावरण पत्र के साथ महालेखाकार, म.प्र. ग्वालियर अथवा संचालक, पेंशन जिसके द्वारा प्रथम बार पेंशन प्रकरण निर्णीत किये गये थे, को पुनरीक्षित पेंशन प्राधिकरण हेतु भेजेंगे।
12. ऐसे कर्मचारियों की पेंशन जिनका 1-8-89 से पूर्व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों स्वायत निकायों में स्थायी रूप में संविलियन हो गया है जो शासन से पेंशन आहरित कर रहे हैं, इन आदेशों के आशयान्तर्गत अद्यतन की जाएगी। ऐसे शासकीय कर्मचारियों के मामले जिनमें शासकीय कर्मचारियों ने अपनी पेंशनों के 100 प्रतिशत के बराबर एक बार में एकमुश्त सेवान्त लाभ आहरित कर लिये हों, इन आदेशों के अन्तर्गत नहीं आयेंगे।
13. दिनांक 1-1-1986 से 31-7-1986 के बीच अथवा 1 अगस्त, 1989 को शासकीय सेवा में पुनर्नियोजित पेंशनभोगियों के सम्बन्ध में इन आदेशों के अधीन अतिरिक्त पेंशन या पेंशन के पुनः अभिकलन के लाभ, पुनर्नियोजन की अवधि के समाप्त होने की तारीख के बाद की तारीख से स्वीकार्य होंगे। [शब्द “(दिनांक 1-1-86 के पूर्व प्रचलित)"- जोड़े गये; वि. वि.क्र. एफ. बी. 6/3(1)/90/नि-2/चार, दिनांक 5 मई, 1991]
14. सामान्यतया परिवार पेंशन मामलों को इन आदेशों के आधार पर पुनरीक्षित करने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि परिवार पेंशन, खण्ड पद्धति के आधार पर नहीं निकाली जाती है। तथापि कतिपय सेवानिवृत्ति पश्चात् मृत्यु के मामलों में परिवार पेंशन की वर्द्धित दर, सेवानिवृत्ति पेंशन तक सीमित हो सकती है। ऐसी स्थितियों में, परिवार पेंशन मामला, महालेखाकार या यथास्थिति सम्बन्धित मुख्य/वरिष्ठ लेखाधिकारी (पेंशन) को प्रस्तुत किया जा सकेगा। ऐसे परिवार पेंशन मामलों का निपटारा भी इसी प्रकार किया जाएगा। जिनमें उपलब्धियों में हुए परिवर्तन के कारण पुनरीक्षण करना आवश्यक हो।
15. एक व्याख्यात्मक ज्ञापन (परिशिष्ट -पांच) संलग्न है, जिसमें कोषाधिकारियों के लिये मार्गदर्शी निर्देश दिये गये हैं।
16. समस्त कोषाधिकारियों से यह अनुरोध है कि वे पेंशनभोगियों की जानकारी के लिये इन आदेशों को अपने सूचना फलक पर सुस्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें।
[वित्त विभाग, ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/3(1)/90/नि-2/चार, भोपाल दिनांक 24 अप्रैल 1991]
परिशिष्ट- एक
तालिका
(देखिये ज्ञापन का पैरा-5 दिनांक 24 अप्रैल, 1991)
खण्ड पद्धति के अनुसार विद्यमान प्रतिमाह मूल पेंशन (लघुकरण के पूर्व)
|
प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन (50% के सूत्र के कारण अंतर)
|
खण्ड पद्धति के अनुसार विद्यमान प्रतिमाह मूल पेंशन (लघुकरण के पूर्व)
|
प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन (50% के सूत्र के कारण अंतर)
|
(1)
Rs.
|
(2)
Rs.
|
(3)
Rs.
|
(4)
Rs.
|
509 to 517
|
1
|
729 to 732
|
26
|
518 to 526
|
2
|
733 to 726
|
27
|
527 to 535
|
3
|
737 to 730
|
28
|
536 to 544
|
4
|
741 to 744
|
29
|
545 to 553
|
5
|
745 to 748
|
30
|
554 to 563
|
6
|
749 to 752
|
31
|
564 to 572
|
7
|
753 to 756
|
32
|
573 to 581
|
8
|
757 to 760
|
33
|
582 to 589
|
9
|
761 to 764
|
34
|
590 to 599
|
10
|
765 to 767
|
35
|
600 to 607
|
11
|
768 to 772
|
36
|
608 to 616
|
12
|
773 to 776
|
37
|
617 to 626
|
13
|
777 to 780
|
38
|
627 to 635
|
14
|
781 to 784
|
39
|
636 to 643
|
15
|
785 to 788
|
40
|
644 to 652
|
16
|
789 to 792
|
41
|
653 to 661
|
17
|
793 to 796
|
42
|
662 to 670
|
18
|
797 to 800
|
43
|
671 to 671
|
19
|
801 to 804
|
44
|
680 to 688
|
20
|
805 to 808
|
45
|
689 to 697
|
21
|
809 to 810
|
46
|
698 to 706
|
22
|
813 to 816
|
47
|
707 to 715
|
23
|
817 to 820
|
48
|
716 to 723
|
24
|
821 to 824
|
49
|
724 to 728
|
25
|
825 to 828
|
50
|
829 to 832
|
51
|
969 to 972
|
86
|
833 to 836
|
52
|
973 to 976
|
87
|
837 to 840
|
53
|
977 to 980
|
88
|
841 to 844
|
54
|
981 to 984
|
89
|
845 to 848
|
55
|
988 to 987
|
90
|
849 to 852
|
56
|
988 to 991
|
91
|
853 to 856
|
57
|
992 to 995
|
92
|
857 to 860
|
58
|
996 to 1000
|
93
|
861 to 864
|
59
|
1001 to 1004
|
94
|
865 to 868
|
60
|
1005 to 1008
|
95
|
869 to 872
|
61
|
1009 to 1012
|
96
|
873 to 876
|
62
|
1013 to 1016
|
97
|
877 to 880
|
63
|
1017 to 1019
|
98
|
881 to 884
|
64
|
1020 to 1024
|
99
|
885 to 888
|
65
|
1025 to 1028
|
100
|
889 to 892
|
66
|
1029 to 1032
|
101
|
893 to 896
|
67
|
1033 to 1036
|
102
|
897 to 900
|
68
|
1037 to 1040
|
103
|
901 to 904
|
69
|
1041 to 1044
|
104
|
905 to 908
|
70
|
1045 to 1048
|
105
|
909 to 912
|
71
|
1049 to 1052
|
106
|
913 to 916
|
72
|
1053 to 1056
|
107
|
917 to 920
|
73
|
1057 to 1060
|
108
|
921 to 924
|
74
|
1061 to 1064
|
109
|
925 to 928
|
75
|
1065 to 1068
|
110
|
929 to 932
|
76
|
1069 to 1072
|
111
|
933 to 936
|
77
|
1073 to 1076
|
112
|
937 to 940
|
78
|
1077 to 1080
|
113
|
941 to 944
|
79
|
1081 to 1084
|
114
|
945 to 948
|
80
|
1085 to 1088
|
115
|
949 to 952
|
81
|
1089 to 1092
|
116
|
953 to 956
|
82
|
1093 to 1096
|
117
|
957 to 960
|
83
|
1097 to 1100
|
118
|
961 to 964
|
84
|
1101 to 1104
|
119
|
965 to 968
|
85
|
1105 to 1108
|
120
|
1109 to 1112
|
121
|
1249 to 1252
|
156
|
1113 to 1116
|
122
|
1253 to 1256
|
157
|
1117 to 1120
|
123
|
1257 to 1260
|
158
|
1121 to 1124
|
124
|
1261 to 1264
|
159
|
1125 to 1128
|
125
|
1265 to 1268
|
160
|
1129 to 1132
|
126
|
1269 to 1272
|
161
|
1133 to 1136
|
127
|
1273 to 1276
|
162
|
1137 to 1140
|
128
|
1277 to 1280
|
163
|
1141 to 1144
|
129
|
1281 to 1284
|
164
|
1145 to 1148
|
130
|
1285 to 1288
|
165
|
1149 to 1152
|
131
|
1289 to 1292
|
166
|
1153 to 1156
|
132
|
1293 to 1296
|
167
|
1157 to 1160
|
133
|
1297 to 1300
|
168
|
1161 to 1164
|
134
|
1301 to 1304
|
169
|
1165 to 1168
|
135
|
1305 to 1308
|
170
|
1169 to 1172
|
136
|
1309 to 1312
|
171
|
1173 to 1176
|
137
|
1313 to 1316
|
172
|
1177 to 1180
|
138
|
1317 to 1320
|
173
|
1181 to 1184
|
139
|
1321 to 1324
|
174
|
1185 to 1188
|
140
|
1325 to 1328
|
175
|
1189 to 1192
|
141
|
1329 to 1332
|
176
|
1193 to 1196
|
142
|
1333 to 1326
|
177
|
1197 to 1200
|
143
|
1337 to 1340
|
178
|
1201 to 1204
|
144
|
1341 to 1344
|
179
|
1205 to 1208
|
145
|
1345 to 1348
|
180
|
1209 to 1212
|
146
|
1349 to 1352
|
181
|
1213 to 1216
|
147
|
1353 to 1356
|
182
|
1217 to 1220
|
148
|
1357 to 1360
|
183
|
1221 to 1224
|
149
|
1361 to 1364
|
184
|
1225 to 1328
|
150
|
1365 to 1368
|
185
|
1229 to 1232
|
151
|
1369 to 1372
|
186
|
1233 to 1236
|
152
|
1373 to 1376
|
187
|
1237 to 1240
|
153
|
1377 to 1380
|
188
|
1241 to 1244
|
154
|
1381 to 1384
|
189
|
1245 to 1248
|
155
|
1385 to 1388
|
190
|
1389 to 1392
|
191
|
1529 to 1532
|
226
|
1393 to 1396
|
192
|
15331 to 1536
|
227
|
1397 to 1400
|
193
|
1537 to 1540
|
228
|
1401 to 1404
|
194
|
1541 to 1544
|
229
|
1405 to 1408
|
195
|
1545 to 1547
|
230
|
1409 to 1412
|
196
|
1548 to 1552
|
231
|
1413 to 1416
|
197
|
1553 to 1555
|
232
|
1417 to 1420
|
198
|
1546 to 1559
|
233
|
1421 to 1424
|
199
|
1560 to 1564
|
234
|
1425 to 1428
|
200
|
1565 to 1568
|
235
|
1429 to 1432
|
201
|
1569 to 1571
|
236
|
1433 to 1436
|
202
|
1572 to 1576
|
237
|
1437 to 1440
|
203
|
1577 to 1580
|
238
|
1441 to 1443
|
204
|
1581 to 1584
|
239
|
1444 to 1448
|
205
|
1585 to 1588
|
240
|
1449 to 1452
|
206
|
1589 to 1592
|
241
|
1453 to 1456
|
207
|
1593 to 1596
|
242
|
1457 to 1460
|
208
|
1597 to 1600
|
243
|
1461 to 1464
|
209
|
1601 to 1604
|
244
|
1465 to 1468
|
210
|
1605 to 1608
|
245
|
1469 to 1472
|
211
|
1609 to 1612
|
246
|
1473 to 1476
|
212
|
1613 to 1616
|
247
|
1477 to 1480
|
213
|
1617 to 1619
|
248
|
1481 to 1484
|
214
|
1620 to 1623
|
249
|
1485 to 1488
|
215
|
1624 to 1628
|
250
|
1489 to 1492
|
216
|
1629 to 1632
|
251
|
1493 to 1496
|
217
|
1633 to 1636
|
252
|
1497 to 1500
|
218
|
1637 to 1640
|
253
|
1501 to 1504
|
219
|
1641 to 1644
|
254
|
1505 to 1508
|
220
|
1645 to 1648
|
255
|
1509 to 1512
|
221
|
1649 to 1652
|
256
|
1513 to 1516
|
222
|
1653 to 1656
|
257
|
1517 to 1520
|
223
|
1657 to 1660
|
258
|
1521 to 1524
|
224
|
1661 to 1664
|
259
|
1525 to 1528
|
225
|
1665 to 1668
|
260
|
1669 to 1671
|
261
|
1809 to 1812
|
296
|
1672 to 1675
|
262
|
1813 to 1816
|
297
|
1676 to 1680
|
263
|
1817 to 1820
|
298
|
1681 to 1684
|
264
|
1821 to 1824
|
299
|
1685 to 1688
|
265
|
1825 to 1827
|
300
|
1689 to 1692
|
266
|
1828 to 1832
|
301
|
1693 to 1696
|
267
|
1833 to 1836
|
302
|
1697 to 1700
|
268
|
1837 to 1840
|
303
|
1701 to 1704
|
269
|
1841 to 1844
|
304
|
1705 to 1708
|
270
|
1845 to 1848
|
305
|
1709 to 1712
|
271
|
1849 to 1852
|
306
|
1713 to 1716
|
272
|
1853 to 1856
|
307
|
1715 to 1720
|
273
|
1857 to 1860
|
308
|
1721 to 1723
|
274
|
1861 to 1864
|
309
|
1724 to 1727
|
275
|
1865 to 1868
|
310
|
1728 to 1731
|
276
|
1869 to 1872
|
311
|
1732 to 1735
|
277
|
1873 to 1876
|
312
|
1726 to 1739
|
278
|
1877 to 1880
|
313
|
1730 to 1744
|
279
|
1881 to 1884
|
314
|
1745 to 1748
|
280
|
1885 to 1888
|
315
|
1749 to 1752
|
281
|
1889 to 1892
|
316
|
1753 to 1756
|
282
|
1893 to 1896
|
317
|
1757 to 1760
|
283
|
1897 to 1900
|
318
|
1761 to 1764
|
284
|
1901 to 1904
|
319
|
1765 to 1768
|
285
|
1905 to 1908
|
320
|
1769 to 1772
|
286
|
1909 to 1912
|
321
|
1773 to 1776
|
287
|
1913 to 1916
|
322
|
1777 to 1780
|
288
|
1917 to 1920
|
323
|
1781 to 1784
|
289
|
1921 to 1924
|
324
|
1785 to 1788
|
290
|
1925 to 1928
|
325
|
1789 to 1792
|
291
|
1929 to 1932
|
326
|
1793 to 1796
|
292
|
1933 to 1936
|
327
|
1797 to 1800
|
293
|
1937 to 1940
|
328
|
1801 to 1804
|
294
|
1941 to 1944
|
329
|
1805 to 1808
|
295
|
1945 to 1948
|
330
|
1949 to 1952
|
331
|
1977 to 1980
|
338
|
1953 to 1956
|
332
|
1981 to 1984
|
339
|
1957 to 1960
|
333
|
1985 to 1988
|
340
|
1961 to 1964
|
334
|
1989 to 1992
|
341
|
1965 to 1968
|
335
|
1993 to 1996
|
342
|
1969 to 1972
|
336
|
1997 to 2000
|
343
|
1973 to 1976
|
337
|
|
|
परिशिष्ट-दो
विकल्प का फार्म
(ज्ञापन दि. 24-4-1991 के पैरा - 5 में निर्दिष्ट)
मैं..... पिता का नाम.......................... पेंशन भुगतान आदेश क्रमांक ............................ वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ. बी., 6/3 (1)/90/आर-दो/ चार, दिनांक 24-4-1991 के पैरा - 5 के उपबन्धों के अनुसार मेरी पेंशन के पुर्ननिर्धारण कर की उस रकम के पूर्ण तथा अंतिम निपटारे का, जिसका मैं प्रतिमाह हकदार हूं, विकल्प लेता हूं।
या
सेवा तथा अन्य अभिलेखों के सन्दर्भ में वास्तविक संगणनाओं के अनुसार पेंशन के पुर्न निर्धारण का विकल्प देता हूँ,
2. इस कारण मुझे किये गये अधिक भुगतान, यदि कोई हों, की वापसी का वचन देता हूँ, जो बाद के किसी दिनांक को जानकारी में आये।
+ जिसका विकल्प न लिया गया हो, उसे काट दें,
डाक का पूरा पता................. |
पेंशन भोगी के हस्ताक्षर................ |
|
नाम…………...... |
दिनांक................ |
उस प्राधिकारी का नाम………… |
स्थान.................. |
जिसने पेंशन भुगतान आदेश जारी किया हो.............. |
(उस जिले के कोषालय अधिकारी को प्रस्तुत किया जाये जहाँ पेंशन प्राप्त की जा रही है)
परिशिष्ट - तीन
आवेदन का फार्म
(ज्ञापन 24-4-1991 के पैरा - 6 में निर्दिष्ट)
प्रति,
………………………….
………………………….
………………………….
विषय.- विद्यमान खण्ड सूत्र (स्लेब फार्मूला) के स्थान पर औसत उपलब्धियों के 50 प्रतिशत पर पेंशन का अभिकलन।
महोदय,
कृपया म.प्र. वित्त विभाग ज्ञाप क्र. एफ. बी. 6/3 (1)/90/आर-दो/चार, दिनांक 14-41991 के आशयान्तर्गत और विहित फार्म में दिये गये मेरे संलग्न विकल्प के संदर्भ में मेरी पेंशन का पुनरीक्षण करने की व्यवस्था करें।
अन्य ब्यौरे निम्नानुसार हैं
(1) नाम …………………. |
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(2) सेवानिवृत्ति का दिनांक ............. |
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(3) सेवानिवृत्ति के समय धारित पद तथा
अन्तिम तैनाती का स्थान
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पद........... पदस्थिति स्थान………...
वेतनमान............... में वेतन.............
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(4) सेवानिवृत्ति के समय वेतन की दर |
पी. पी. ओ. क्र............... |
(6) पेंशन भुगतान आदेश क्रमांक और उस प्राधिकारी
का नाम, जिसने पेंशन भुगतान आदेश जारी
किया हो (अर्थात् महालेखाकार, म.प्र. अथवा संचालक, पेंशन मध्यप्रदेश)
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………………………………….
………………………………….
………………………………….
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(7) मूल पेंशन की रकम |
रु…………………………………. |
(8) लघुकृत पेंशन की रकम (यदि कोई हो) |
रु…………………………………. |
(9) उस कोषालय का नाम जहाँ से पेंशन आहरित की जाती हो |
.…………………………………. |
(10) (एक) पुनर्नियुक्ति (यदि कोई हो) की अवधि
(दो) पुनर्नियुक्ति (यदि कोई हो) से मुक्त होने का दिनांक
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.………………………………….
.………………………………….
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दिनांक.………… |
भवदीय |
डाक का पूरा पता……………..
|
पेंशनर के हस्ताक्षर…………… |
………………………………….
………………………………….
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परिशिष्ट - चार
प्रावरण - पत्र
(ज्ञापन 24-4-1991 के पैरा 6 एवं 11 में निर्दिष्ट)
महालेखाकार/संचालक, पेंशन
मध्यप्रदेश
ग्वालियर/भोपाल
विषय - विद्यमान खण्ड सूत्र के स्थान पर औसत उपलब्धियों के 50 प्रतिशत पर पेंशन का अभिकलन।
श्री...................... ने दिनांक.................... को विकल्प प्रस्तुत कर वित्त विभाग के ज्ञापन क्र. 6/3/(1)/90/नि-2/चार, दिनांक 24-4-1991 की कंडिका - 7 अथवा कंडिका - 11 के अनुसार वास्तविक गणना के आधार पर अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने हेतु विकल्प दिया है। पेंशनभोगी का आवेदन -पत्र विकल्प सहित पुनरीक्षित पेंशन प्राधिकृत करने हेतु संलग्न है।
संलग्न - विकल्प के फार्म सहित आवेदन-पत्र की प्रति,
प्रतिलिपि
श्री................... (पेंशनभोगी) को उनके आवेदन-पत्र दिनांक................. के संदर्भ में अग्रेषित की जानी है।
कोषालय अधिकारी
परिशिष्ट - पांच
कोषाधिकारी के मार्गदर्शन के लिए व्याख्यात्मक ज्ञापन
(ज्ञापन दि. 24-4-1991 के पैरा 15 में निर्दिष्ट)
(1) कोषाधिकारी इन आदेशों के अर्थात् अतिरिक्त पेंशन देने का कार्य पेंशनभोगी से आवेदन (परिशिष्ट III) एवं विकल्प (परिशिष्ट II) प्राप्त होने पर परिशिष्ट I में दर्शाई तालिका के आधार पर प्रारंभ करेंगे। कोषाधिकारी पेंशन भुगतान आदेश के दोनों भागों को, बैंक की संवितरण शाखा से, उस स्थिति में मंगवाएंगे जबकि पेंशन सार्वजनिक क्षेत्र के किसी बैंक से प्राप्त की जा रही हो। पेंशनभोगी द्वारा कोषागार से पेंशन प्राप्त की जाने की स्थिति में पेंशनभोगी को उसके पेंशन भुगतान आदेश की प्रति प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
(2) कोषागार में पेंशन भुगतान आदेश के दोनों आधे भाग प्राप्त होने पर कोषाधिकारी, दोनों आधे भागों में पेंशन की पुनरीक्षित रकम और उस पर स्वीकार्य राहत दशाएगा, और यथास्थिति पेंशनभोगी की प्रति, उस स्थिति में उसे वापस करेगा, जबकि पेंशन कोषागार से आहरित की जा रही हो अथवा पेंशन भुगतान आदेश के दोनों आधे भाग बैंक को भेज देगा। यह सुनिश्चित करने की सावधानी बरती जानी चाहिए कि पेंशन भुगतान आदेश के दोनों आधे भाग बैंक को भेज देगा। यह सुनिश्चित करने की सावधानी बरती जानी चाहिए कि पेंशन के लघुकृत भाग की रकम यदि कोई हो, माणिक संवितरण करने के लिये पुनरीक्षित पेंशन की रकम में से विशिष्ट कटौती के रूप में दर्शाई जाती है। कोषाधिकारी पेंशन भुगतान आदेश में इन आदेशों के संदर्भ में पेंशन की रकम लघुकृत भाग की रकम तथा उस पर स्वीकार्य मंहगाई राहत का स्पष्ट रूप से उल्लेख करेगा।
(3) परिशिष्ट - 1 तालिका में खाने 1 में पद “विद्यमान प्रतिमाह मूल पेंशन" से तात्पर्य मूल पेंशन (लघुकृत भाग सहित, यदि कोई हो) से है। उदाहरणार्थ, पंचायत विभाग का एक अधिकारी दिनांक 31-8-83 को मध्यान्ह सेवानिवृत्त हुआ। उसको पेंशन (दिनांक 1-4-1981 से लागू किये गये चौधरी वेतनमान में उपलब्धियों के आधार पर) रु. 829/- निकाली गई। उसने पेंशन से प्रतिमाह रु. 276/- के भाग को लघुकृत कराया। यदि पेंशन भोगी तालिका (परिशिष्ट -एक) के अनुसार अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने का विकल्प लेता है तो उसकी अतिरिक्त पेंशन रु.51/- प्रतिमाह होगी, दिनांक 1-1-86 से पूर्व सेवानिवृत्त हुये पेंशन भोगियों के सम्बन्ध में विद्यमान मूल पेंशन से तात्पर्य दिनांक 31-12-85 को स्वीकार्य मूल पेंशन से होगा। ज्ञाप के पैरा -3 (ख) में उल्लिखित पेंशनभोगियों के संबंध में विद्यमान मूल पेंशन से तात्पर्य लघुकरण से पूर्व स्वीकार्य पेंशन की रकम से होगा।
(4) ज्ञाप के अन्य सभी उपबंध स्वतः स्पष्ट हैं तथा उन्हें और अधिक स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है।
विद्यमान खण्ड सूत्र (स्लेब फार्मूला) के स्थान पर औसत उपलब्धियों के 50% पर पेंशन
संदर्भ- वित्त विभाग का ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/3/1/90/नि-2/चार, दिनांक 24 अप्रैल, 1991 ।
इस विभाग के संदर्भित ज्ञापन के तारतम्य में यह स्पष्ट किया जाता है कि कण्डिका 3 (क) की श्रेणी में आने वाले पेंशनरों की औसत उपलब्धियों के 50% के आधार पर देय अतिरिक्त पेंशन (Additional Pension) 1-8-89 से वित्त विभाग के पूर्व आदेश क्र मांक एफ.बी.6/1/89/ नि-2/चार, दिनांक 31-3-89 के अधीन युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) की गई पेंशन में, सभी प्रयोजनों हेतु जोड़ी जावेगी। कशा इस अतिरिक्त पेंशन के फलस्वरूप पुनः युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) का लाभ देय नहीं है।
[वित्त विभाग ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/3 (1)/90/नि-2/चार, दिनांक 7-9-1991]|
विद्यमान खण्ड सूत्र के स्थान पर 50% पेंशन पुनरीक्षण का कार्य
सन्दर्भ :- म.प्र. शासन वित्त विभाग क्र. एफ. बी 6/3 (1)/90, दिनांक 24-2-91
उपरोक्त सन्दर्भित वित्त विभाग के ज्ञाप के अनुसार 1-1-86 के पूर्व सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों को यह विकल्प का अधिकार है कि वे तालिका के आधार पर अथवा वास्तविक गणना के आधार पर पेंशन पुनरीक्षण करा सकेंगे। वास्तविक गणना के आधार पर पेंशन पुनरीक्षण के जो आवेदन पत्र एवं विकल्प प्रस्तुत किये जाते हैं उन्हें पहिले की भांति महालेखाकार को प्रेषित करते रहेंगे।
(2) महालेखाकार म.प्र. इन पेंशनरों की नस्ती से, आवश्यक विवरण एकत्रित कर आवेदन पत्र एवं विकल्प संचालक पेंशन को भेजेगे। तथा उसके आधार पर पेंशन का पुनरीक्षण संचालक पेंशन द्वारा किया जावेगा।
प्रतिलिपि : समस्त लेखाधिकारी/ सहायक लेखाधिकारी (संचनालय पेंशन) भोपाल की ओर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु अग्रेषित । वे उपरोक्त आवेदन पत्र, विकल्प महालेखारा म.प्र. से प्राप्त होने पर, विभाग वार पंजी संधारित करेंगे जिसमें पेंशनर का नाम/पी. पी. ओ. क्रमांक/ पूर्व में प्राधिकृत पेंशन/तथा पुनरीक्षित की गई पेंशन की प्रविष्टि कर प्राधिकारी पत्र जारी करेंगे। संचनालय पेंशन, भोपाल, क्र./संकेप/स्था/4625/4626 दिनांक 16.12.91
विद्यमान खण्ड सूत्र के स्थान पर औसत उपलब्धि का 50% के आधार पर पेंशन का अभिकलन
संदर्भ. - वित्त विभाग क्र. एफ बी/06/3 (1)/90 दिनांक 24.4.91
इस विभाग के सन्दर्भीय ज्ञापन की कन्डिका 11 के अनुसार तालिका (परिशिष्ट -1) में जो अतिरिक्त पेंशन की राशि दर्शाई है वह 33 वर्ष की पूर्ण अर्हता दायी सेवा पर आधारित है। ऐसे पेंशन भोगियों को जिनकी अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष से कम हो और औसत उपलब्धि 1000/से अधिक हो, उनके प्रकरण में अतिरिक्त पेंशन की गणना, वास्तविक गणना के आधार पर ही की जावेगी, तथा ऐसे प्रकरणों में कोषालय अधिकारी, पेंशन भोगियों के आवेदन पत्र (परिशिष्ट 3) एवं विकल्प (परिशिष्ट-2) के साथ परिशिष्ट (4) में निर्धारित प्रावरण पत्र के साथ, महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर अथवा संचालक पेंशन जिसके द्वारा प्रथम बार पेंशन का निर्धारण किया गया हो, को पुनरीक्षित पेंशन प्राधिकृत करने हेतु भेजेगें।
शासन के ध्यान में यह लाया गया है कि वे पेंशन भोगी जिनको अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष से कम है और औसत उपलब्धि 1000/- से अधिक है, उनके पेंशन प्रकरण, प्राधिकारी पत्र जारी होने में विलम्ब हो रहा है, जिसके कारण पेंशन भोगियों को कठिनाई का सामान करना पड़ रहा है, साथ ही सन्दर्भाधीन ज्ञाप की कन्डिका (5) में तालिका (परिशिष्ट - 1) में दर्शाये अनुसार अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने या सेवा अभिलेखों पर आधारित वास्तविक अभिलेखों के सन्दर्भ में पेंशन प्राप्त करके विकल्प 24.4.92 की अवधि के भीतर प्रयोग न कर पाने के कारण, पेंशन भोगियों को अभिकलन के सन्दर्भ में अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने में विलम्ब का सामाना करना पड़ रहा है।
(2) विषयोपरान्त शासन के निर्णय लिया है कि सन्दर्भाधीन कन्डिका (5) के अनुसार ऐसे पेंशन भोगी को भी जिनकी अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष से कम हो और औसत उपलब्धि रु. 1000/ - से अधिक हो को तालिका परिशिष्ट (1) में दर्शाये आधार पर अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने या सेवा अभिलेखों पर आधारित वास्तविक अभिकलनों के सन्दर्भ में पेंशन प्राप्त करने का विकल्प (परिशिष्ट 2) में उल्लेखित दो विकल्पों में से किसी एक का विकल्प प्रस्तुत कर सकते हैं। विकल्प प्रयोग करने की सीमा जो 24-4-92 को समाप्त हो चुकी हैं को 30 जून 93 तक बढ़ाया जाता है। इस अवधि के अन्दर विकल्प का प्रयोग न करने पर समझा जावेगा कि पेंशन भोगी वास्तविक उपलब्धि और अभिलेखों के आधार पर आधारित अर्हकारी सेवा के सन्दर्भ में पुनरीक्षण पेंशन प्राप्त करने का विकल्प चाहता है।
[वि. वि. क्र. एफ. बी. 6/4/छ./नि-2/चार दि. 19-11-92]
वेतनमानों के पुनरीक्षण अनुसार समय-समय पर पेंशन - परिवार पेंशन का पुनरीक्षण
31-3-1979 के पूर्व के 31-3-79 या 1-4-1979 के पश्चात् सेवानिवृत्ति पेंशन का फार्मूला
Sub. -- Application of liberalised formula to pre 31-3-1979 pensioners Implementation of the judgement of High Court of Madhya Pradesh.
The liberalised pension formula, introduced by the Government of India, Vide Ministry of Finance, Office Memorandum No. F.19 (3)- E/79, dated 25-5-1979 has been made applicable to the State of government Servant vide this Department memo Main featuris are as under :
(i) Pension for maxmimum of 33 years qualifying service is calculated at 50% for the first Rs. 1000/- of average emoluments, pension, 45% for the next Rs. 500 and 40% for the balance amount of pension for less than 33 years qualifying service, it is reduced proportionately; and
(ii) If provides for overall monetary ceiling on pension for 33 years qualifyin service at Rs. 1,500 p.m.
The liberalised pension formula was applicable to those Government Sernats, who retired from service on or after 31-3-1979.
2. The Supreme Court in its judgement dated 17 th December, 1982, in writ petition Nos. 5939-41 of 10980 (D.S. Nakaru and others v. Union of India) has held that all the Central Government pensioners governed by C.C.S. (pension) Rules, 1972 are entitled to pension with effect from 1-4-1979 as computed, under liberalised pension foumula irrespective of the date of their retirement. The High Court of Madhya Pradesh in its judgment dated 4-5-1984 in Misc. Writ Petition No. 1986/1983 have also held that Finance Department Memorandum dated 4-9-1980 restricting the liberalised pension rules to those Government servant who retired on or after 31-3-1979 to be violative of Article 14 of the Constitution and has ordered that the benefit of this liberalisation in pension rules be extended to all pensioners irrespective of their date of retirement. Pursuant to the above order of the High Court. The State Government are pleased to decide that the benefit of liberalised pension formula introduced vide Finance Department Memo No. F. B. 6/15/80/R-II/IV, dated 4-9-80 may be extended to all pensioners of the State who were in receipt of pensions as on 1-4-1979 computed under the M. P. Civil Services Class IV Service (Gratuity, Pension and Retirement) Rules, 1956 or the Madhya Bharat Pension and Computation Rules or the Liberalised Pension Rules, 1950 in the following types of pension.
(1) Retiring Pension
(2) Superannation Pension
(3) Compensation Pension
(4) Invalid Pension
3. It has also been decided that the benefit of computation of average emoluments drawn during last complete 12 months immediately preceding the date of retirement may be allowed wherever the average emoluments were earlier computed on the basis of 36 months emoluments.
4. In case where the pension was earlier determined with reference to the ceiling of 30 years of qualifying service the pension under liberalised pension formula will be determined with reference to actual period of qualifying service to the ceiling of 33 years.
5. It has also further been decided that the amount of relief on pension wherever admissible will also revised with reference to the revised pension based on these orders. Hovever, the amount of Ad hoc increase and Temporary increase granted to the pensioners will not be subject to any change.
6. No Commutation will be admissible for the additional amount of pension accruing as a result of this revision.
7. These benefits will not affect Death-cum-Retirement Gratuity already determined and paid.
8. Cases of familiy pension/Extraordinary pensions/ political Pension/Pension on Adhos basis/Ex-gratia payment are not to be revised on the basis of these orders as they are not worked out on the slab system.
9. State Government employees, who got themselves absorbed under State/Central/ Public Sector Undertaking/autonomous bodies prior to 1-4-1979 and have received/or opted to receive computed value of the balance amount of pension left after comuting value of the balance amount of pension left after commuting 1/2 of pension or not entitled to any benefit under those orders as they were not State Government pensioners as on 1-4-1979. In cases where only a portion of pension has been committed the pension will have to be enhanced in accordance with these orders with these orders with effect from 1-4-1979 (i.e. Pension for the month of April, 1979 payable on May, 1979).
10. The decision contained in the foregoing paras will require recomputation of pension in a large number of cases including some where pension was sanctioned more than three decades ago. Recomputation of pension in accordance with the new forumula on the basis of actual emoluments and locating old records for the past periods, is likely that the service records in a large numbers of cases may not be readily available and it may result in delay in settlement of the claims. if the revision of pension on actual calculations with reference to service records is done. With a view to quicken the process of refixation of pension and calculation and authorisation of arrcar payment it has been decided to offer to the pensioner concerned, revised pension calculated on the basis of ad hoc formula developed on certain assumptions. Accordingly in respect of pensioners whose revised pension is to be worded out on average emoluments up to Rs. 1,000/- ready reckoners showing the rate of existing pension and the revised pension with refence to different date of retirement are enclosed. The formula for different dates, taken into account is as under :-
(i) Pensioners who retired between 8-9-72 to 30-3-79 - Benefits of 12 months average emoluments accorded but slab systein was not given.
(i) Pensioner who retired prior to 8-9-72 - Benefit of 12 months average emoluments and slab system was not given
11. If has further been decided that the pensioner with average emoluments up to Rs. 1,000/- (excepting those whose pension is less than Rs. 41/-) may choose either to receive pension based on respective adhoc formula cnumerarated in para 10 above or may receive pension with reference to actual based on service records. For this purpose cach such pensioner is required to exercise on option in the form prescribed for one of the two alternatives within a period of one year from the date of the issue of these orders. Option once exercised shall be final. Those who fail to exercise the option to receive revised pension will be deemed to have exercised the option to receive revised pension with reference to actual emoluments and qualifying service based on service and other records.
12. It has also been decided to authorise pension disbursing authorities/Bank to recompute the pension and authorise payment in respect of those pensioners who opt to receive pension on adhoc formula.
Where the option is for revision of pension with reference to service records or where pensioners are not eligible to exercise an option, the pension disbursing authorities (i.e. treasury officers) will pass on the complete documents to the Accountant General Madhya Pradesh.
13. Each pensioner who has been in receipt of pension as on 1-4-1979 is required to apply for recomputation his/her pension in the prescribed forın along with option in the prescribed form duly completed to the pension disbursing authority/Bank.
In case where the pensioner was alive as on 1-4-1979 and was died subsequently, his/her legal heir (s) is/are also entitled to life time arrear (s) with effect from 1-4-1979 (i.e. pension for the months of April, 1979 payable in May, 1979) till the date of the pensioner's death, for this purpose legal heir (s) may also apply to Pension Disbursing Authority.
14. Detailed procedure/instructions about the action to be taken on the applications received from the pensioner by the pension disbursing authorities and other authorities are contained in the annexure to this memo.
15. The respective pension disbursing authorities/accounts officers, as this case may be, may recompute pension in terms of these orders w.e.f. 1-4-1979 (i.e. pension for the month of April, 1979 payable in May, 1979) and authorise payments.
16. As per Finance Department Memo No. F. B. 8/2/R-II/IV/82, dated 12-3-1982 a portion of additional dearness allowance granted to the Government servant, retiring on 31 st March, 1981 and thereafter was treated as dearness pay for the purpose of retirement benefit. The High Court of Madhya Pradesh in its judgment dated 4-5-1984 has held that these orders be also extended to all pensioners irrespective of their date of retirement. Accordingly, the State Government are pleased to decide that the orders contained in the above memo dated 12-3-1982 of the Finance Department would also bc applicable to the pensioners retired prior to 31st March, 1981, who were alive on 1-41981 and getting pension from the State Government on that date.
Explanations. — (i) orders contained in the Finance Department Memo No. F. B. - 8/2/R-II/IV/82, dated 12-3-1982, would be applicable to such pensioners who were alive on 1-4-1981 and getting retiring pension of superannuation pension or compensation pension or invalid pension under the provisions of the Pension Rules mentioned in para 2 of these orders. In case where the pensioner was alive on 1-4-1981 and died subsequently, his/her legal heir (s) is/are entitled to life time arrears, if any payable under these orders, with effect from 1-4-1981 (i.e. pension for the month of April, 1981 payable in May, 1981) till the date of the pensioner's death.
(ii) The Government servant concerned must have received the additional dearness allowance, a part of which is treated as dearness pay for the purpose of pensionary benefit vide Finance department's Memo dated 12-3-1982 only those emoluments can qualify for determining the amount of pension and gratuity which a Government servant was receiving immediately before his retirement. In the case of pensions who have received additional dearness allowance at a lesser rate the amount actually received subject to maximum as stipulated in the orders dated 12-3-1982 will only qualify for working out the pensionary benefits. If the amount of additional dearness allowance is nil there will be no amount to be added to the emoluments on which the amount of pension/gratuity is worked out at present.
17. All other terms and conditions of the Finance Department Memo No. F. B. 8/ 2/R-II/IV/82, dated 12-3-1982 will apply, mutatis mutandis to the pensioners retired prior to 31-3-1981.
18. The pensioners retired prior 1-4-1981 will have an option to choose either of the two alternatives below-
(a) To continue to get the pension at the existing rate including the benefitt of the Finance DepartDepartmentNo. FB 6/15/80/R-II/IV, dated 4-9-1980 without any change in the amount of D.C.R. gratuity received without the element of dearness pay and to continue to get the relief admissible to pensioners who have not opted for the benefit of dearness pay vide Finance Department Memo No. FB-8/2/R-II/IV/82, dated 12-3-1982.
Or
(b) To have the pension and D.C.R Gratuity recalculated after taking into account the element of dearness pay as per Finance Department Memo No. F. B. 8/2/R-II/IV/82, dated 12-3-1982. In such case the relief on pension will be admissible as per para 5 (Ka) of the above memo dated 12-3-1982.
19. The option referred to in para 18 will be exercised in the form attached hereto. The option will be submitted by the pensioner to the Head of office where he served last before retirement with a copy to the pension disbursing authority. The head of office on receiving the option, in terms of para 15 (b) above, will examine the case and process for submission to the Accountant General through the authority by whom the pension case was submitted to the Accountant General in the past (if he himself is not that authority). On receipt of the revised pension case the Accountant general, Madhya Pradesh. Gwalior will recompute the amount of pension. D.C.R. gratuity and the relief admissible there on and issue revised PPO/GPO. On receipt of the revised PPO/GPO the pension disbursing authority will make the payment of difference or arrears that may be due accordingly. The option can be exercised within a period of one year from the date of issue of these orders and option exercised once shall be final.
20. No commutation will be admissible for the additional amount of pension accruing as a result of this revision.
21. All the pension disbursing authorities are requested to ensure that these orders are brought to the notice of the State Government pensioners who are receiving pension through them and that these orders are given wide publicity through display on their notice board etc.
[F. D. Memo. No. F. B. 6/20/83/R-II/IV dated 21-12-84]
End :-(1)
Form of application
(Referred to in para 13 of the Memo)
To,
………………………………
………………………………
………………………………
Subject. - Application of Liberalised Pension Formula as per memo dated 21.12.84.
Sir,
Kindly revise my pension in terms of the M.P. Finance Department Memo No. F. B. 6/20/83/R-II/IV, dated 21-12-1984 and with reference to my option, given in the prescribed form.
Requisite particulars are given below-
(1) Name in Block letters
(2) Date of retirement
(3) Amount of original pension
(4) Amount of pension commuted (if any)
(5) Name of Account Officers viz.
the authority who issued pension payment order
(6) Name of Treasury/Pension disbursing
Agency from where the pension is
drown
(7) (i) Date of re-employment (if any)
(ii) Date of discharge from
re-employment (if any).
Date
Full postal address
|
Signature of pensioner
Particulars Verified
(Signature and rubber stamp of
the pension disbursing authority)
|
Note. - In case a pensioner is in receipt of two pensions full particulars to be given in respect of both the pension.
FORM OF OPTION
(Referred to in para 11 of the memo)
In accordance with the provisions of para 11 of Finance Department, M. P. memo No. F. B. 6/20/83/R-11/IV, dated 21-12-84. I.................. Son of Shri ......... and holder of P. P. O. No. ............ Opt for refixation of my pension -
*As per ad hoc formula (details of which are given in the ready reckoner) in full and final settlement of the amount of pension I am entitled per mensum;
OR
*As per actual calculation with reference to service and other record.
2. I undertake as follows-
(i) To refund the amount of overpayment, if any, made to me on this account which may come to notice at a later date.
(ii) Not to claim any arrears on account of such refixation of pension prior to 31-3-1979.
*Score out whichever is not opted.
Postal
address…………..
Date......................
Place......................
|
Signature of the Pensioner
Name………...............
P.P.O. No..................
Name of the Accounts officer
Who issued pension payment
order…….......….........
|
Subject. - Application for liberalised pension as per 31-3-1979 pensioners-implementation of judgement of the High Court of Madhya Pradesh Option date extension.
Reference is invited to paras 11 and 19 of this Department Memo No. FB-6/2-183/ . R-II/IV dated 21-12-1984 which respectively provides that pensioners with average emoluments upto Rs. 1,000/- per months (excepting those whose pension is less than Rs. 41/- may choose either to received pension based on respective ad hoc formula or may receive with reference to actual calculations based on service records and to have the pension and D. C. R. Gratuity recalculated after taking into account the element of dearness pay as per Finance Department Memo No. FB-8/2/R-II/IV/82 dated 12-3-1982. The options were required to be exercised in the prescribed forms within a period of one year from the date of the issue of the memo ibid. Accordingly the period of exercise the options expired on 20-12-1985 which vide this Department Memo No. FB/6/20/83/ R-II/IV dated 20-12-1985 was extended upto 20-12-1986 and vide D. No. 1291/2520/R-I/ IV/86 dated 11th December, 1986 was extended upto 20-12-1986 and vide F. D. Memo No. D. 1283/2750/R-IV/IV/86. dated 9-12-87 it was extended upto 20-12-88 and vide F. D. Memo No. D. 1474/3501/R-II/IV, dated 19-12-81 it was further extended upto 20-12-89.
2. In response to demand of pensioners Association to further extend the period for exercising option the Government have been pleased to decide that the period to exercise option to receive pension based on respective ad hoc formula and to have the pension and D. C. R. Gratuity recalculated in terms of paras II and 19 of the memo ibid extended for one last time as a special case upto 20-12-90.
[M.P. Government Finance Deptt. No. 369/557/R-II/IV/90, dated 16-4-90]
न्यूनतम पेंशन तथा न्यूनतम परिवार पेंशन
वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 1225/चार/नि-2/72, दिनांक 8 सितम्बर, 1972 के अनुसार शासकीय कर्मचारियों के लिये न्यूनतम पेंशन/परिवार पेंशन रु. 40/- प्रतिमास स्वीकार की गई है। इसके पश्चात् वित्त विभाग के ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/8/1/आर-दो/चार, दिनांक 2 जनवरी, 1976 द्वारा न्यूनतम पेंशन की राशि में वृद्धि कर रु. 60/- प्रतिमास स्वीकार की गई है तथा दिनांक 17-1976 से प्रभावी म.प्र. सिविल सर्विसेज (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 47 (2) में एतद् विषयक प्रावधान किया गया है। राज्य शासन के अल्प पेंशन भोगियों की पेंशन में वृद्धि करने का प्रश्न कुछ समय से शासन के विचाराधीन था। विचारोपरान्त राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि अधिवार्षिकी (Superannuation), सेवानिवृत्ति (Retiring) असमर्थता (Invalid) या क्षतिपूर्ति (Compensation), पेंशन प्राप्त कर रहे ऐसे पेंशन भोगियों तथा परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे ऐसे पेंशनर्स जिन्हें पेंशन/परिवार पेंशन तथा उस पर मूल्य सूचकांक 608 बिन्दु तक देय राहत जो वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/1/86/नि-2/चार, दिनांक 28 मई, 1986 के अनुसार दिनांक 1 जनवरी 1986 से स्वीकार की गई है, को जोड़कर यदि वह राशि रु. 250/- प्रतिमास से कम हो तो इसे रु. 250 प्रतिमास कर दिया जाए। वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ.बी. 6/43/76/ नि-2/चार, दिनांक 5-10-76 के प्रतिबन्धों के अधीन जिन प्रकरणों में वर्तमान में असाधारण पेंशन तथा उस पर राहत का भुगतान देय है उन प्रकरणों में भी यदि वह राशि रु. 250/- से कम हो तो उसे भी रु. 250 प्रतिमास कर दिया जावेगा।
2. उपरोक्त न्यूनतम रुपये 250/- प्रतिमास की राशि सर्विस पेंशन, नियोग्यता पेंशन, अस्थाई वृद्धि, तदर्थ वृद्धि तथा समय-समय पर मूल्य सूचकांक 608 बिन्दु तक स्वीकृत राहत की कुल राशि को शामिल करते हुये निर्धारित की जाएगी।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि उपरोक्त न्यूनतम पेंशन रुपये 250/- के निर्धारण हेतु संराशिकृत राशि, यदि कोई हो, तो वह भी इसमें शामिल मानी जावेगी तथा अन्तर (यदि कोई हो तो) के भुगतान के समय संराशिकृत राशि को न्यूनतम पेंशन रुपये 250/- की राशि से घटाई जाएगी।
4. यदि परिवार पेंशन का बंटवारा 2 या 2 से ज्यादा हिस्सों में वितरित होता है तो रुपये 250/- प्रतिमास न्यूनतम पेंशन का सिद्धांत मूल पेंशन पर लागू होगा न कि अलग-अलग हिस्सों पर।
5. यह आदेश दिनांक 1 जनवरी, 1986 (अर्थात् जनवरी 86 की पेंशन फरवरी 86 में देय) से प्रभावशील होंगे तथा ऐसे समस्त सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी/परिवार पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों को लागू होंगे जो 1 जनवरी, 1986 को पेंशन प्राप्त कर रहे थे। भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि/परिवार पेंशन प्राप्त करने की आरम्भिक तिथि कुछ भी हो किन्तु यह आदेश उन लोगों को लागू नहीं होंगे जो कम्पेशनेंट अलाउन्स प्राप्त कर रहे हैं।
6. पेंशन संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि उपरोक्त प्रकार स्वीकृत न्यूनतम पेंशन/परिवार पेंशन की दिनांक 1-1-86 से 31-3-87 तक की देय बकाया राशि का पचास प्रतिशत भाग नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट या इंदिरा विकास पत्र या पोस्ट आफिस सेविंग बैंक में जमा करने के लिए पेंशनरों/परिवारों को प्रेरित किया जाए।
7. राज्य शासन के समस्त कोषालय अधिकारियों/उप-कोषालय अधिकारियों को यह निदेर्शित किया जाता है कि वे उपरोक्त प्रकार स्वीकार किये गये पेंशन/परिवार पेंशन संरचना का पुनर्गठन करें और पुनरीक्षित पेंशन निश्चित कर उसकी प्रविष्टि पेंशन भुगतान आदेश से भी करें। साथ ही पेंशनभोगियों को दी जाने वाली बकाया राशि अगर कुछ हो, की गणना करें और उसके बाद सरकारी क्षेत्र की ऐसी अदाकर्ता शाखाएं जहां से पेंशनभोगी अपनी पेंशन प्राप्त करते हैं; उन्हें भविष्य में पेंशनभोगियों को दी जाने वाली पुनरीक्षित पेंशन की राशि देय बकाया राशि और उसकी राहत राशि आदि के बारे में सूचित करें।
[वि.वि. क्र. एफ. बी. 6/3 (iii)/86/नि-2/चार, दिनांक 27-10-87]
वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/3 (iii)/86/नि-2/चार, दिनांक 27 अक्टूबर, 1987 द्वारा राज्य शासन के पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि कर उसे न्यूनतम रु. 250/- प्रतिमास ज्ञापन अंकित शर्तों के अधीन स्वीकार की गई है। यह आदेश दिनांक 1 जनवरी, 1986 [अर्थात् माह जनवरी, 1986 की पेंशन माह फरवरी, 1986 में देय] से प्रभावशील है। उपरोक्त न्यूनतम पेंशन/ परिवार पेंशन के भुगतान के सम्बन्ध में कतिपय विभाग/कार्यालयों द्वारा यह प्रश्न उपस्थित किया गया है कि क्या यह न्यूनतम पेंशन रु. 250/- प्रतिमास उन परिवार पेंशनभोगियों को भी प्राप्त करने की पात्रता है जो शासकीय सेवा में या अन्य सेवा में कार्यरत हैं।
2. उपरोक्त प्रश्न के सम्बन्ध में स्पष्ट किया जाता है कि न्यूनतम पेंशन/परिवार पेंशन रु. 250/ - प्रतिमास का लाभ शासकीय सेवा में या अन्यत्र नियुक्त परिवार पेंशनरों को भी वित्त विभाग के उपरोक्त ज्ञापन में उल्लेखित शर्तों के अधीन प्राप्त करने की पात्रता है। सेवा में कार्यरत ऐसे परिवार पेंशनभोगियों को वित्त विभाग के उपरोक्त ज्ञापन में उल्लेखित शर्तों के अधीन प्राप्त करने की पात्रता है। सेवा में कार्यरत ऐसे परिवार पेंशनभोगियों को वित्त विभाग के ज्ञापन क्र. एफ. बी. /6/17/76/नि-2/चार, दिनांक 27-7-76 सहपठित ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/10/77/नि-2/चार, दिनांक 2-5-1977 के अनुसार इस मासिक पेंशन पर देय राहत पृथक से प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी।
[वि.वि. क्रं. एफ. बी. 6/3/(iii)/नि-2/चार, दिनांक 22-4-88]
न्यूनतम पेंशन तथा परिवार पेंशन के सम्बन्ध में उपस्थित किये गये विभिन्न बिन्दु तथा उन पर शासन का स्पष्टीकरण
बिन्दु क्र. (1) - ऐसे पेंशनर जो दो पेंशन अर्थात् :
(1) स्वंय के सेवाकाल की, तथा -
(2) परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, उनकी न्यूनतम पेंशन का निर्धारण किस प्रकार किया जावे?
स्पष्टीकरण -जहाँ एक ही पेंशनभोगी दो पेंशन अर्थात् (1) ससर्विस पेंशन तथा (2) परिवार पेंशन प्राप्त कर रहा हो, वहां वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ. बी. 6/3/11/87/नि-2/चार, दिनांक 27-10-87 के अभिप्राय के लिये दोनों प्रकार के लिये दोनों प्रकार की पेंशनों को पृथक्पृथक् पेंशन माना जाएगा तथा न्यूनतम पेंशन का लाभ दोनों पेंशनों में अलग-अलग वित्त विभाग के ज्ञापन दिनांक 27-10-87 के अन्य प्रतिबन्धों के अधीन देय होगा। जहाँ एक ही पेंशनभोगी दो प्रकार की पेंशन प्राप्त कर रहा है, वहां उसे राहत की पात्रता उपरोक्त दोनों पेंशनों की मिलाकर कुल पेंशन पर निर्धारित की जावेगी, जैसा कि वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/10/77/आर-2/चार, दि 2-5-77 के पैरा (iv) में स्पष्ट किया गया है।
बिन्दु क्र. (2) - ऐसे पेंशनभोगी जो दो सर्विस पेंशनें प्राप्त कर रहे हैं अर्थात् (1) भूतपूर्व रियासत की सेवा की एवं (2) म.प्र. को सेवाकाल की, तो पेंशनर की इन दोनों पेंशनों का पृथक्-पृथक् पुनरीक्षण किया जाना है, अथवा नहीं?
स्पष्टीकरण - जहां पेंशनभोगी को दो ऐसी सर्विस पेंशनें प्राप्त हो रही हों, वहां उनको पृथक्पृथक् पेंशन नहीं माना जावेगा तथा दोनों पेंशनों के योग में 608 बिन्दु मूल्य सूचकांक तक देय राहत को मिलाकर रुपये 250 प्र.मा. से अधिक होती हो, वहां वित्त विभाग के उपरोक्त दिनांक 27-10-87 के ज्ञापन में बताई गई रुपये 250/- की न्यूनतम सीमा लागू करने का प्रश्न उठेगा क्योंकि दोनों पेंशनों तथा राहत का योग मिलाकर रुपये 20/- प्र.मा. से अधिक होता है।
बिन्दु क्र. (3) - ऐसे पेंशनभोगी जो एक पेंशन राज्य शासन की और दूसरी पेंशन केन्द्र शासन की प्राप्त कर रहे हैं, उनके मामले में न्यूनमत पेंशन के प्रतिबन्ध किस प्रकार लागू होंगे?
स्पष्टीकरण- ऐसे मामले में केन्द्र शासन से प्राप्त पेंशन को राज्य शासन के अन्तर्गत न्यूनतम पेंशन के न्यूनतम के लिए केन्द्र शासन के आदेश लागू होंगे तथा राज्य शासन के अन्तर्गत देय पेंशन के न्यूनतम के लिये राज्य शासन के आदेश लागू होंगे?
बिन्दु क्र. (4) -ऐसे पेंशनभोगी जो राज्य शासन की सेवा में पुनर्नियुक्त हों, उनके मामलों में न्यूनतम पेंशन के प्रावधान किस प्रकार लागू होंगे?
स्पष्टीकरण -ऐसे पेंशनभोगी जो सेवानिवृत्त होकर दिनांक 1-1-86 के पूर्व से ही शासन की सेवा में पुनर्नियुक्ति पर हों, उनके मामलों में न्यूनतम पेंशन का निर्धारण उनकी पुनर्नियुक्ति समाप्त होने के पश्चात् ही किया जावेगा। पुनर्नियुक्ति की अवधि में उन्हें उसी दर से वेतन/भत्ते एवं पेंशन प्राप्त होती रहेगी जो वे प्राप्त कर रहे हैं।
दिनांक 1-1-86 या उसके पश्चात् सेवानिवृत्ति होकर पुनर्नियुक्त किये गये पेंशनभोगियों के मामलों में न्यूनतम पेंशन तो लागू होगी ही, वेतन निर्धारण के सम्बन्ध में वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/3(2)/87/नि-2/चार, दिनांक 9-10-1987 की कण्डिका -5 में स्पष्टीकरण दिया गया है।
बिन्दु क्र. (5) - दो विधवा पत्नियों के नाम से एक संयुक्त पेमेंट आर्डर जारी किया गया है, उनमें से एक विधवा पत्नी की मृत्यु हो जाने पर दूसरी विधवा को क्या पूरी पेंशन का भुगतान किया जायेगा, अथवा आधी पेंशन का?
स्पष्टीकरण -मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेस (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 47 (7) के अनुसार जहां परिवार पेंशन एक से अधिक विधवाओं को देय है, वहां परिवार पेंशन का भुगतान इन विधावाओं को बराबरी के हिस्से में किया जाता है। इन विधवाओं में से किसी एक की मृत्यु होने की दशा में, यदि उसे कोई बच्चे न हों तो उसकों देय परिवार पेंशन के हिस्से भुगतान बन्द हो जाता है, वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एप.बी. 6/3 (111)/87/नि-2/चार, दिनांक 27-10-87 के पैरा -4 के अनुसार यदि परिवार पेंशन का बँटवारा दो या दो से ज्यादा हिस्सों अर्थात् ऊपर बताये गए मामले में न्यूनतम पेंशन रुपये 350/- प्र.मा. न्यूनतम का सिद्धांत मूल वेतन पर लागू होगा, न कि अलग-अलग हिस्सों में होता है, तो रुपये 250/- मसिक का निर्धारण इन विधवाओं का संयुक्त रूप से स्वीकृत कुल परिवार पेंशन की राशि के आधार पर किया जावेगा तथा उसे बराबर-बराबर हिससें में विभाजित किया जावेगा। इसमें से एक विधवा की मृत्यु होने पर, यदि उसका कोई बच्चा न हो तो दूसरी विधवा को पूरी पेंशन की पात्रता न होकर केवल उसके हिस्से के पेंशन की पात्रता होगी।
बिन्दु क्र. (6) वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एप. बी. 6/3/(3) 87/नि-2/चार, दिनांक 22-4-88 में यह स्पष्ट किया गया है कि न्यूनतम पेंशन/ परिवार पेंशन रुपये 250/- प्र.मा. का लाभ शासकीय सेवा में या अन्यत्र नियुक्त परिवार पेंशनरों को भी वित्त विभाग के उपरोक्त दिनांक 27-10-87 के ज्ञापन में उल्लेखित शर्तों के अधीन प्राप्त करने की पात्रता है। सेवा में कार्यरत ऐसे परिवार पेंशन भोगियों को वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/17/ 76/नि-2/चार, दिनांक 27-7-76 सहपठित ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/10/77/नि-2/चार, दिनांक 2-5-77 के अनुसार इस मासिक पेंशन पर देयराहत पृथक से प्राप्त करने की पात्रता नहीं है। इस प्रसंग में एक उदाहरण यहां प्रस्तुत किया गाय है कि एक पेंशन भोगी दिनांक 31-12-85 को चौधरी वेतनमानों/भत्तों के आधार पर मूल पेंशन रु. 225/- प्र.मा. प्राप्त कर रहा है। यह परिवार पेंशनभोगी राज्य शासन की सेवा में कार्यरत है। इन्हें 608 बिन्दु मूल्य सूचकाकं तक रुपये 74/- राहत की पात्रता होती है, तो इस प्रकरण में दिनांक 1-1-86 को पेंशन का कंसालिडेशन किस प्रकार किया जायेगा एवं दिनांक 1-1-36 के पश्चात् राहत की पात्रता किस प्रकार होगी?
स्पष्टीकरण -ऐसे पेंशनभोगी के मामले में पेंशन का कंसालिडेशन मूल पेंशन रुपये 225 + 628 बिन्दु मूल्य सूचकांक पर देय राहत रुपये 74/- इसे जोड़कर दिनांक 1-1-1986 से रुपये 299/ - प्र.मा. कर दिया जावेगा तथा इस पेंशनभोगी को दिनांक 1-1-86 के पश्चात् पेंशन पर देय राहत की पात्रता नहीं होगी।।
[बिन्दु क्र. (7) - ऐसे पेंशनर्स जो परिवार पेंशन रुपये 250/- प्र.मा. से कम प्राप्त कर रहे हैं परंतु शासकीय सेवा में होने कारण उन्हें पेंशन पर राहत का भुगतान नहीं किया जा रहा है, को दिनांक 1-1-86 को पेंशन रुपये 250/- न्यूनतम निर्धारित करते हुये क्या केवल प्राप्त हो रही पेंशन कम करते हुये, पेंशन को अन्तर का भुगतान करना है अथवा यह मानते हुये कि उक्त पेंशनर यदि सेवा में नहीं होता तो उसे पेंशन पर जो राहत की पात्रता होगी, उसे योग में लेते हुये, पेंशन के अन्तर का भुगतान करना है? [बिन्दु क्र. (7) तथा उसके नीचे स्पष्टीकरण को निरस्त कर उसके स्थान पर (नवीन बिन्दु क्र. (7) तथा पुनरीक्षित स्पष्टीकरण जारी किया गया; - म.प्र. शासन वित्त क्र. एफ. बी 6/4/88/नि-2/चार, दिनांक 31 मार्च, 1989]
स्पष्टीकरण -इस सम्बन्ध में स्पष्ट किया जाता है कि शासकीय सेवा में कार्यरत परिवार पेंशनरों की वास्तविक रूप से भुगतान की जा रही पेंशन की राशि, यदि वे सेवा में न होते तो उन्हें मूल्य सूचकांक 608 बिन्दु तक देय राहत जो वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/1/86/नि2/चार, दिनांक 28-5-86 के अनुसार दिनांक 1 जनवरी, 1986 से स्वीकार की गई है, को पेंशन में नोशनली (Notionally) जोड़कर, न्यूनतम पेंशन रुपये 250/- से घटाते हुए, अंतर की राशि का भुगतान किया जावेगा।
[वित्त विभाग क्र. 6/4/88/नि-2/चार, भोपाल, दिनांक 12 सितम्बर, 1988]
पूर्व में राज्य शासन ने वित्त विभाग के ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/4/88/नि-2/चार, दिनांक 12 सितम्बर, 1988 द्वारा न्यूनतम पेंशन/परिवार पेंशन तथा राहत के सम्बन्ध में उपस्थित किए गए कतिपय प्रश्नों के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी किया गया था। इससे बिन्दु क्र. 7 में ऐसे पेंशनर्स जो परिवार पेंशन रु. 250/- प्रतिमास से कम प्राप्त कर रहे हैं परन्तु शासकीय सेवा में होने के कारण उन्हें पेंशन पर राहत का भुगतान नहीं किया जा रहा है न्यूनतम पेंशन का लाभ किस प्रकार प्राप्त होगा उसके सम्बन्ध में यह स्पष्ट किया गया था कि देय परिवार पेंशन में राहत नोशनली जोड़कर, न्यूनतम पेंशन रु. 250/- से घटाते हुये अन्तर की राशि का भुगतान किया जावेगा।
(2) राज्य शासन द्वारा इस प्रश्न पर भारत शासन से परामर्श कर पुनर्विचार किया गया तथा बिन्दु क्रमांक 7 के सम्बन्ध में पूर्व में किए गए स्पष्टीकरण को अधिक्रमित करते निम्न प्रकार सर किए जाने का निर्णय किया गया है।
बिन्दु क्र. (7) - ऐसे पेंशनर्स जो परिवार पेंशन रु. 250 प्रतिमाह से कम प्राप्त कर रहे हैं परंतु शासकीय सेवा में होने के कारण उन्हें पेंशन पर राहत का भुगतान नहीं किया जा रहा है को दिनांक 1-1-86 को पेंशन रु. 250/- न्यूनतम निर्धारित करते हुए क्या केवल प्राप्त हो रही पेंशन कम करते हुये, पेंशन के अंतर का भुगतान करना है, अथवा यह मानते हुये कि उक्त पेंशनर यदि सेवा में नहीं होता तो उसे पेंशन पर जो राहत की पात्रता होती, उसे योग में लेते हुए पेंशन के अन्तर का भुगतान करना है?
पुनरीक्षित स्पष्टीकरण - इस सम्बन्ध में स्पष्ट किया जाता है कि शासकीय सेवा में कार्यरत परिवार पेंशनरों को वास्तविक रूप से भुगतान की जा रही पेंशन की राशि को रु. 250/- घटाकर अंतर की राशि का भुगतान किया जावेगा किन्तु उन्हें दिनांक 1-1-86 के पश्चात् न्यूनतम पेंशन रु. 250/- राहत पृथक से देय नहीं होगी। यह स्थिति निम्न उदाहरण से स्पष्ट की जाती हैI
श्रीमती "क" को 1-11-76 से रु. 60/- प्रतिमाह परिवार पेंशन प्राप्त हो रही है। श्रीमती 'क' को शासकीय सेवा में होने के कारण रु. 60/- परिवार पेंशन पर कोई राहत नहीं दी जाती। दिनांक 1-1-86 से वित्त विभाग के ज्ञापन क्र. एफ. बी. 6/3 (111) 87/नि-2/चार, दिनांक 27-10-87 द्वारा न्यूनतम पेंशन रु. 250/- प्रतिमास की गई है। अतः श्रीमति "क" का दिनांक 1-1-86 से न्यूनतम परिवार पेंशन रु. 250 में से रु. 60/- परिवार पेंशन जिसका भुगतान उन्हें हो चुका है, को घटाकर शेष राशि रु. 190/- प्रतिमास अन्तर का भुगतान किया जावेगा किन्तु दिनांक 1-1-86 के पश्चात् पेंशन पर देय राहत की पात्रता नहीं होगी।
[वि. वि. क्र. एफ. बी. 6/4/88/नि-2/चार, दिनांक 31-3-89]
विषय : पांचवें केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के फलस्वरूप दिनांक 1.1.96 एवं उसके पश्चात् सेवानिवृत्त/मृत्यु होने पर पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण।
राज्य शासन द्वारा वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक जी-27/2/सी/चार/98, दिनांक 9 मार्च, 98 के अनुसार अपने कर्मचारियों के वेतनमान दिनांक 1.1.96 से पुनरीक्षित करने के लिए निर्देश जारी किये गये हैं। वेतनमानों के पुनरीक्षण के फलस्वरूप वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 342/98/ पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 12.5.98 द्वारा दिनांक 1.1.96 से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन/ परिवार पेंशन एवं ग्रेच्युटी का निर्धारण करने संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं। पांचवे केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 1.1.96 एवं उसके पश्चात् सेवानिवृत्ति/मृत्यु के मामले में पेंशन/परिवार पेंशन एवं मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान के निर्धारण के संबंध में निम्नलिखित निर्देश जारी किये जाते हैं:
पेंशन की संगणना
2. दिनांक 1.1.96 से प्रभावशील पुनरीक्षित वेतनमानों में प्राप्त वेतन के आधार पर पेंशन की संगणना, न्यूनतम पेंशन रुपये 1275/- प्रतिमाह के अधीन, मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम, 1976 में परिभाषित अनुसार औसत परिलब्धियाँ के 50% की दर से की जायेगी ।
औसत परिलब्धियाँ
3.1 औसत परिलब्धियाँ शासकीय सेवक की सेवा के अंतिम 10 माहों में आहरित वेतन के आधार पर निर्धारित की जावेगी ।
3.2 ऐसे पेंशन भोगी, जो मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 के प्रभावशील होने के दिनांक से 10 माह की अवधि के अंदर सेवानिवृत्त होते हैं तथा पुनरीक्षित वेतनमान का विकल्प लेते हैं, के मामले में सेवानिवृत्ति के पूर्व 10 माह के लिए मूल वेतन निम्नानुसार संगणित किया जायेगा-
(i) पुनरीक्षण के पूर्व वेतन आहरण की अवधि के लिए मूलवेतन में प्राप्त वास्तविक महंगाई भत्ता तथा अंतरिम राहत की प्रथम एवं द्वितीय किश्तें जोड़ी जावेंगी ।
(ii) पुनरीक्षित वेतनमान में आहरण की अवधि के लिए आहरित मूलवेतन गणना में लिया जायेगा।
परिवार पेंशन की संगणना
4.1 दिनांक 1.1.96 से पुनरीक्षित वेतनमान में परिवार पेंशन की संगणना वर्तमान दरों के स्थान पर वेतन के 30 प्रतिशत की दर से, परिवार पेंशन की राशि न्यूनतम रुपये 1275/- प्रतिमाह तथा उच्चतम वेतन के 30 प्रतिशत के अधीन, की जावेगी ।
4.2 परिवार पेंशन स्वीकृत करने के उद्देश्य के लिए मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 47(14)(बी) में उल्लिखित “परिवार" की परिभाषा में निम्नलिखित भी शामिल होंगे
(i) माता/पिता, जो शासकीय सेवक के जीवनकाल में उस पर पूर्णतः आश्रित थे, बशर्ते मृत शासकीय सेवक के पति/पत्नी जीवित न हों एवं परिवार पेंशन के लिए पात्र पुत्र/पुत्री न हो। आश्रित के संबंध में निर्देश बाद में जारी किये जायेंगे ।
(ii) 25 वर्ष की आयु प्राप्त करने अथवा विवाह/पुनर्विवाह, जो भी पहले हो, तक की आयु की विधवा/तलाकशुदा पुत्री। (इस विषय में अधिसूचित की जाने वाली आय की सीमा के अध्यधीन)
मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान
5. दिनांक 1.1.96 से पुनरीक्षित वेतनमान में मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान की अधिकतम सीमा रुपये 2.50 लाख रुपये के स्थान पर रुपये 3.50 लाख की होगी। पुनरीक्षित वेतन पर सेवा निवृत्ति/ मृत्यु की तिथि पर स्वीकार्य महंगाई भत्ता मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान की गणना के लिए परिलब्धियों के रूप में माना जावेगा ।
पेंशन का कम्यूटेशन
6. पुनरीक्षित वेतनमान में कम्यूटेशन की गणना करे के संबंध में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन का कम्यूटेशन) नियम, 1996 के प्रावधान यथावत प्रभावशील रहेंगे ।
दिनांक 1.1.96 एवं 31.12.97 के बीच सेवानिवृत्तियों के लिए विशेष प्रावधान
7. ऐसे शासकीय सेवक, जो दिनांक 1.1.96 एवं 31.12.97 के बीच में सेवानिवृत्त हुए हैं, को पुनरीक्षण पूर्व के वेतनमान को प्रतिधारित करने का विकल्प रहेगा। इस प्रकार के मामलों में पेंशन/परिवार पेंशन एवं मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपादान निम्नानुसार विनियमित होंगेः-
(i) पेंशन/ग्रेच्युटी के लिए परिलब्धियों का आशय मूलभूत नियम 9(21)(a)(i) में परिभाषित मूलवेतन, उस पर अखिल भारतीय मूल्य सूचकांक 1436 पर स्वीकार्य महंगाई भत्ता एवं अंतरिम राहत की प्रथम एवं द्वितीय किश्तें जोड़कर होगा। ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा रुपये 2.50 लाख होगी। परन्तु वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी- 25/8/95/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 6 अक्टूबर, 95 के पैरा- 2 के अनुसार ग्रेच्युटी की गणना में महंगाई भत्ता के भाग को नहीं लिया जावेगा।
(ii) पेंशन की संगणना उपरोक्त पैरा 7(i) में उल्लिखित औसत उपलब्धियों के 50 प्रतिशत के आधार पर की जावेगी । इस प्रकार संगणित की गई पेंशन में वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक बी25/8/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 1 मई, 1996 द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 एवं ज्ञाप क्रमांक बी-25/2/95/पी.डब्ल्यू.सी/चार, दिनांक 28 अक्टूबर, 1995 द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1436 के अंतर की महंगाई राहत की राशि जोड़कर पेंशन मान्य की जावेगी ।
(iii) परिवार पेंशन इन आदेशों के पूर्व लागू आदेशों के अनुसार पुनरीक्षण के पूर्व के मूलवेतन के आदार पर स्वीकार्य होगी । इस प्रकार संगणित परिवार पेंशन पर वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी-25/8/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 1 मई, 1996 द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 पर स्वीकार्य महंगाई राहत जोड़कर परिवार पेंशन समेकित की जावेगी।
8. ऐसे शासकीय सेवक, जो दिनांक 31.12.97 के पश्चात् सेवानिवृत्त/मृत हुए हैं एवं जिन्होंने मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 के अंतर्गत पुनरीक्षित वेतनमान का चयन नहीं किया है, उनके मामलों में पेंशन/परिवार पेंशन/ग्रेच्युटी निम्नानुसार देय होगी-
(i) पेंशन/ग्रेच्युटी के लिए परिलब्धियों का आशय मूलभूत नियम 9(21)(a)(i) में परिभाषित मूलवेतन एवं उस पर वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी-25/8/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 1 मई, 1996 द्वारा अखिल भारतीय मूल्य सूचकांक 1510 होगा । परन्तु वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी-25/8/95/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 6 अक्टूबर, 95 के पैरा-2 के अनुसार ग्रेच्युटी की गणना में महंगाई भत्ता के भाग को नहीं लिया जावेगा । ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा रुपये 3.50 लाख होगी ।
(ii) पेंशन की संगणना उपरोक्त 8(i) में दर्शायी परिलब्धियों के 50 प्रतिशत के आधार पर की जावेगी तथा न्यूनतम पेंशन रुपये 1275/- प्रतिमाह रहेगी ।
(iii) परिवार पेंशन की उपरोक्त 8(i) में दर्शाये गये मूल वेतन के 30 प्रतिशत के आधार पर संगणित की जावेगी, जो न्यूनतम पेंशन रुपये 1275/- प्रतिमाह तथा उच्चतम वेतन के 30 प्रतिशत के अधीन, की जावेगी ।
9. जहाँ दिनांक 1.1.96 को या उसके पश्चात् सेवानिवृत्ति प्रकरणों में पेंशन/परिवार पेंशन ग्रेच्युटी एवं कम्यूटेशन की राशियाँ पुनरीक्षित वेतन के पूर्व विद्यमान वेतन में स्वीकृत की गई हैं, उन मामलों में इन आदेशों के अधीन पुनरीक्षण किया जावेगा ।
10. उपरोक्तानुसार पेंशन के पुनरीक्षण के फलस्वरूप मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 में यथास्थान संशोधन पृथक् से जारी किये जा रहे हैं।
समायोजन
11.1 विद्यान वेतनमान में निराकृत पेंशन/परिवार के प्रकरणों में वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 25/21/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 8.11.96, ज्ञापन क्रमांक 25/21/96/पीडब्ल्यूसी/चार, दिनांक 9.5.97 एवं ज्ञापन क्रमांक 25/21/96/पीडब्ल्यूसी/चार, दिनांक 12.2.98 द्वारा पेंशन/परिवार पेंशन पर क्रमशः दिनांक 1.7.96, दिनांक 1.1.97 एवं दिनांक 1.7.97 से भुगतान की गई राहत का, जैसे कि वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक बी-25/13/98/पी.डब्ल्यूसी/चार, दिनांक 14 जुलाई, 1998 के पैरा-6 में भी निर्देश दिये गये हैं, समायोजन किया जावे ।
11.2 वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी/25/22/96/पी.डब्ल्यू.सी/चार, दिनांक 4.12.96 द्वारा स्वीकार की गई अंतरिम राहत की तीसरी किस्त, जिसका भुगतान 1.9.96 या विद्यमान वेतनमान में पेंशन प्राधिकृत होने की तिथि से, जैसी भी स्थिति हो, से किया गया है, का समायोजन किया जावे।
12. इन आदेशों के अदीन पुनरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन पर वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी/25/13/98/पी.डब्ल्यू.सी/चार, दिनांक 14 जुलाई, 1998 द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 के ऊपर स्वीकार्य महंगाई राहत देय होगी ।
13. दिनांक 1.1.96 से पूर्व सेवानिवृत्ति पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन के समेकन (Consolidation) के संबंध में पृथक् से आदेश जारी किये जा रहे हैं।
14. समस्त कोषालय अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे पेंशन भोगियों की जानकारी के लिए इन आदेशों की प्रति अपने सूचना फलक पर सुस्पष्ट से प्रदर्शित करें।
[म.प्र.शा.वि.वि.क्र. बी-25/7/98/पी.डब्ल्यू.सी./चार/(भाग-1) दिनांक 14 जुलाई, 1998]
विषय :- पाँचवे केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के फलस्वरूप दिनांक 1-1-96 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों/परिवार पेंशनभोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन का समेकन ।
राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998, लागू होने के फलस्वरूप दिनांक 1-1-96 को एवं उसके पश्चात् सेवानिवृत्त होने पर पेंशन/परिवार पेंशन एवं ग्रेच्युटी के पुनरीक्षण संबंधी आदेश वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी-25-7-98/पी.डब्ल्य.सी./चार (भाग-1) दिनांक 14 जुलाई, 1998 द्वारा जारी किये गये हैं। इस आदेश की कंडिका 13 में यह उल्लेख है कि दिनांक 1-1-96 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन के समेकन (Consolidation) के संबंध में पृथक से निर्देश जारी किये जा रहे हैं। तदनुसार राज्य शासन द्वारा दिनांक 1-1-96 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन का समेकन करने के लिये निम्नानुसार निर्देश जारी किये जाते हैं-
1. इन आदेशों में :-
(i) विद्यमान पेंशन का आशय, कम्यूटेड पेंशन का भाग, यदि कोई हो, सहित दिनांक 31-12-95 को देय मूल पेंशन से है।
(ii) विद्यमान परिवार पेंशन का आशय दिनांक 31-12-95 को आहरित मूल परिवार पेंशन से है।
पेंशन का समेकन
2.1 दिनांक 1-1-96 के पूर्व सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की विद्यमान पेंशन/परिवार पेंशन का समेकन निम्नांकित को मिलाकर किया जावे :-
(i) विद्यमान पेंशन/परिवार पेंशन,
(ii) वित्त विभाग के ज्ञापन क्र. बी/25/8/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दि. 1-5-96 के अनुसार मूल पेंशन/परिवार पेंशन पर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 पर 148%, 111% एवं 96% जो भी लागू हो, स्वीकार महंगाई राहत।
(iii) वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी./25/7/95/पी.डब्ल्यू.सी./चार दिनांक 22-8-95 के द्वारा स्वीकृत अंतरित राहत की प्रथम एवं द्वितीय किश्त, एवं
(iv) विद्यमान पेंशन/परिवार पेंशन का का 40 प्रतिशत फिटमेंट वेटेज।
2.2 इस प्रकार से समेकित राशि दि. 1-1-96 से समेकित पेंशन/परिवार पेंशन मानी जावेगी।
2.3 उपरोक्तानुसार समेकन के उपरांत कम्यूटेशन की राशि, यदि कोई हो, कम की जावेगी।
न्यूनतम पेंशन
3.1 दिनांक 1-1-96 से न्यूनतम पेंशन/परिवार पेंशन की राशि रुपये 375/- प्रतिमाह से बढ़ाकर रुपये 1275/- प्रतिमाह की जाती है। न्यूनतम पेंशन में से भी कम्यूटेशन की राशि, यदि कोई हो, कम की जावेगी।
3.2 यदि परिवार पेंशन का बंटवारा 2 या 2 से ज्यादा हिस्सों में वितरित होता है,तो रुपये 1275/- प्रतिमाह न्यूनतम पेंशन का सिद्धांत मूल पेंशन पर लागू होगा, अलग-अलग हिस्सों पर नहीं।
3.3 यह आदेश दिनांक 1 जनवरी, 1996 (अर्थात जनवरी, 1996 की पेंशन फरवरी, 1996 में देय) से प्रभावशील होंगे तथा ऐसे समस्त सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी/परिवार पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों को लागू होंगे, जो 1 जनवरी, 1996 को पेंशन प्राप्त कर रहे थे, भले ही उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि/परिवार पेंशन प्राप्त करने की प्रारंभिक तिथि कुछ भी हो किंतु यह आदेश उन लोगों को लागू नहीं होंगे जो अनुकम्पा भत्ता (Compassionate Allowance) प्राप्त कर रहे हैं।
दो पेंशन/परिवार पेंशन प्राप्त करने की स्थिति में समेकन ।
4.1 जहां एक ही पेंशनभोगी दो पेंशन अर्थात् एक सर्विस पेंशन एक दूसरी परिवार पेंशन प्राप्त कर रहा है वहां न्यूनतम पेंशन के समेकन के अभिप्राय के लिये दोनों प्रकार की पेंशन को अलगअलग पेंशन माना जाएगा।
4.2 जहां पेंशनभोगी दो सर्विस पेंशन अर्थात् एक भूतपूर्व रियासत की सेवा की एवं दूसरी मध्यप्रदेश राज्य की सेवाकाल की प्राप्त कर रहा है, वहां दोनों पेंशन को अलग-अलग पेंशन नहीं माना जावेगा। यदि दोनों पेंशन के योग में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 तक देय राहत को मिलाकर पेंशन रुपये 1275/- प्रतिमाह के अधिक होती है, तो वहां अलग-अलग पेंशन पर पेंशन की वर्तमान न्यूनतम सीमा लागू नहीं होगी।
4.3 केन्द्र शासन एवं राज्य शासन से अलग-अलग पेंशन प्राप्त करने की स्थिति में केन्द्र शासन से प्राप्त पेंशन को राज्य शासन के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन के निर्धारण के लिये हिसाब में नहीं लिया जावेगा। केन्द्र शासन से प्राप्त पेंशन के न्यूनतम के लिये केन्द्र शासन के आदेश लागू होंगे एवं राज्य शासन के अंतर्गत देय न्यूनतम पेंशन के लिये राज्य शासन के आदेश लागू होंगे।
नियुक्त/पुनर्नियुक्त पेंशनभोगियों के मामले में समेकन
5. नियुक्त/पुनर्नियुक्त पेंशनभोगियों के मामले में उपरोक्तानुसार पेंशन/परिवार पेंशन का केवल समेकन होगा, उन्हें इस समेकित पेंशन/परिवार पेंशन पर राहत प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी।
सार्वजनिक उपक्रमों में संविलिनियत शासकीय सेवकों के मामले में समेकन
6. सार्वजनिक उपक्रमों में, शासनाधीन की गई सेवा की पेंशन/परिवार पेंशन का भी समेकन किया जावेगा परंतु ऐसे संविलियनित कर्मचारी, जिन्होंने पेंशन की शतप्रतिशत राशि के सरांशिकरण का सेवान्त लाभ प्राप्त कर लिया है, के मामलों में पेंशन का समेकन नहीं किया जावेगा किंतु संविलियनित शासकीय सेवकों के परिवार को स्वीकार्य परिवार पेंशन का समेकन वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी. 25/18/97/पी. डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 20-5-97 द्वारा जारी किये गये निर्देशों के अनुसार किया जावेगा।
समायोजन
7.1 वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 25/21/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 8-11-96, ज्ञापन क्रमांक 25/21/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 9-5-97 एवं ज्ञापन क्रमांक बी. 25/21/96/
ब्ल्य.सी./चार, दिनांक 12-2-98 द्वारा पेंशन/परिवार पेंशन पर देय राहत की राशियों का जैसा कि वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी. 25/13/98/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 14 जुलाई, 1998 के पैरा - 6 में भी निर्देश दिये गये हैं, समायोजन किया जावे।
7.2 वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी. 25/22/96/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 4-12-96 द्वारा स्वीकार की गई अंतरिम राहत की तीसरी किश्त की राशि का समायोजन किया जावे।
पेंशन संवितरण अधिकारियों एवं बैंक की भुगतान शाखाओं को विशेष निर्देश
8. पेंशन संवितरण का कार्य संपादित करने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों सहित समस्त पेंशन संवितरण अधिकारियों को दिनांक 1-1-96 से (जनवरी, 96 की पेंशन जो फरवरी, 96 में देय है) समेकित पेंशन/परिवार पेंशन का महालेखाकार, मध्यप्रदेश, ग्वालियर के प्राधिकार के बिना भुगतान करने के लिये अधिकृत किया जाता है। यदि महालेखाकार/संयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन तथा कोषालय अधिकारी द्वारा वसूली के संबंध में कोई निर्देश दिये जाते हैं तो उसका समायोजन भुगतान होने वाली पेंशन/परिवार पेंशन तथा मंहगाई राहत से किया जावे। राज्य के बाहर यह भुगतान सामान्य चैनल के अनुसार किया जाएगा। किसी व्यक्तिगत प्रकरण में शंका होने की स्थिति में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की भुगतान शाखा (Paying Branch) मामला संबंधित कोषालय अधिकारी के निर्देश और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिये भेज सकती है।
9. पेंशन संवितरण अधिकारी/सार्वजनिक क्षेत्र बैंक की भुगतान शाखा (Paying Branch) द्वारा समेकित पेंशन/परिवार पेंशन तथा भुगतान होने वाले एरियर की राशि की प्रविष्टियां पेंशन भुगतान आदेश के दोनों भागों में की जावेंगी।
10. पेंशन/परिवार पेंशन का समेकन करते समय एवं एरियर की राशि का गणना की सुविधा के लिये रेडीरेकनर संलग्न है। एरियर की राशि का भुगतान करते समय यह भली-भांति जांच लिया जाय कि पूर्व में राहत एवं अंतरिम राहत का भुगतान निर्धारित तिथि से एवं सही दरों पर किया गया है तथा एरियर की राशि की गणना सही है।
11. पेंशन संवितरण अधिकारी/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की भुगतान शाखा (Paying Branch) परिवार पेंशन को समेकित करते समय इस तथ्य की भलीभाति जाँच कर लें कि परिवार पेंशनभोगी को परिवार पेंशन की बढ़ी हुई दर से परिवार पेंशन प्राप्त करने की निर्धारित तिथि के उपरांत सामान्य दर से भुगतान हो रहा है अथवा नहीं। यदि बढ़ी हुई दर की निर्धारित तिथि समाप्त होने के बावजूद सामान्य दर से भुगतान प्रारंभ नहीं किया गया है अर्थात् बढ़ी हुई दर से अनधिकृत भुगतान लगातार किया गया है तो ऐसी अनधिकृत रूप से अधिक भुगतान की गई परिवार पेंशन एवं राहत की राशि की वसूली संबंधित परिवार पेंशनभोगी को प्राप्त होने वाले एरियर एवं मंहगाई राहत की राशि से कर ली जावे।
12. इन आदेशों के अधीन पुरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन पर वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक बी/25/13/98/पी.डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 14 जुलाई, 1998 द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 के ऊपर स्वीकार्य मंहगाई भत्ता राहत देय होगी।
13. समस्त कोषालय अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वें पेंशनभोगियों की जानकारी के लिये इन आदेशों की प्रति अपने सूचना फलक पर सुस्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें।
संलग्न - उपरोक्तानुसार
[वित्त विभाग क्रमांक बी - 25/6/98/PWC/चार, भाग-2, दिनांक 14-7-98]
विषय :- दिनांक 1-1-1996 से पूर्व सेवानिवृत्ति पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/ और परिवार पेंशन का पुनरीक्षण।
मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 लागू होने के फलस्वरूप दिनांक 1-1-1996 को एवं उसके पश्चात् सेवानिवृत्त के मामलों में पेंशन/परिवार पेंशन की गणना संबंधी आदेश वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक बी-25/7/98/पीडब्ल्यूसी/चार (भाग -I) दिनांक 14 जुलाई, 1998 द्वारा जारी किए गए हैं। दिनांक 1-1-1996 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन समेकन (consolidation) के संबंध में आदेश वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक बी-25/6/98/पीडब्ल्यूसी/ चार (भाग-II) दिनांक 14 जुलाई, 1998 द्वारा जारी किए गए हैं।
2. ब्रम्हस्वरूप समिति ने पुराने पेंशनरों की पेंशन में हो रही कमी की पूर्ति के लिए पेंशनरों द्वारा सेवानिवृत्त के समय धारित पद के दिनांक 1-1-1996 से लागू पुनरीक्षित वेतनमान के न्यूनतम के 50% की दर से पेंशन तथा पेंशनर द्वारा सेवानिवृत्ति/मृत्यु के समय धारित पद के दिनांक 11-1996 से लागू पुनरीक्षित वेतनमान के न्यूनतम के 30% की दर से परिवार पेंशन पुनरीक्षित किए जाने की अनुशंसा की है।
3. ब्रम्हस्वरूप समिति की अनुशंसाओं पर विचारोपरान्त राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि दिनांक 1-1-1996 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनरों/परिवार पेंशनरों की पेंशन/परिवार पेंशन दिनांक 1-4-2007 (माह अप्रैल, 2007 की पेंशन माह मई, 2007 में देय) से नीचे लिखे निर्देशों के अनुसार पुनरीक्षित की जायः-
(i) इन निर्देशों में विद्यमान पेंशन का आशय, कम्यूटेड पेंशन का भाग यदि कोई हो, सहित दिनांक 31-3-2007 को देय मूल पेंशन से है। विद्यमान परिवार पेंशन का आशय दिनांक 31-3-2007 को देय मूल परिवार पेंशन से है।
(ii) दिनांक 31-3-2007 की स्थिति में पेंशनर को देय विद्यमान पेंशन, यदि पेंशनर द्वारा सेवानिवृत्ति के समय धारित पद के दिनांक 1-1-1996 से लागू पुनरीक्षित वेतनमान के न्यूनतम के 50% से कम है, तो विद्यमान पेंशन की राशि न्यूनतम पेंशन रुपये 1275/ प्रतिमाह के अधीन, दिनांक 1-1-1996 से प्रभावशील पद के पुनरीक्षित वेतनमान के न्यूनतम के 50% के बराबर की जाए। पेंशनर के सेवानिवृत्ति के दिनांक को लागू पेंशन नियमों के अनुसार जहां पेंशनर द्वारा पूरी पेंशन के लिए आवश्यक सेवा से कम सेवा की गई है, ऐसे मामलों में पेंशन में उपर्युक्त आनुपातिक कमी की जाए। पेंशन की राशि रुपये 1275/- प्रतिमाह से कम नहीं होगी।
(iii) यदि किसी मामले में परिवार पेंशन की राशि सेवानिवृत्ति/मृत्यु के समय शासकीय सेवक द्वारा धारित पद के दिनांक 1-1-1996 से प्रभावशील पुनरीक्षित वेतनमान के न्यूनतम के 30% से कम है तो, न्यूनतम परिवार पेंशन रुपये 1275/- प्रतिमाह के अधीन, परिवार, पेंशन की राशि पुनरीक्षित वेतनमान के न्यूनतम के 30% के बराबर की जाए।
(iv) उपर्युक्तानुसार पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण किया जाने से यदि किसी प्रकरण में पुनरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन दिनांक 31-3-2007 की स्थिति में देय विद्यमान पेंशन/ परिवार पेंशन की राशि से कम होती है तो पेंशनर पूर्वानुसार पेंशन/परिवार पेंशन प्राप्त करता रहेगा। ऐसे मामलों में इन निर्देशों के अन्तर्गत पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण की आवश्यकता नहीं है।
4. इन निर्देशों के अन्तर्गत पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण हेतु निम्नानुसार प्रक्रिया निर्धारित की जाती है:-
(i) इन निर्देशों के अनुसार पेंशन/परिवार पेंशन पुनरीक्षित करने के लिए कोषालय अधिकारी पेंशनर के पेंशन भुगतान आदेश संबंधित पेंशन संवितरक बैंक से स्वयं ही प्राप्त करेंगे। पेंशन/परिवार पेंशन के निर्धारण के लिए पेंशनर के सेवानिवृत्ति के समय धारित पद, पद के वेतनमान, अर्हताकारी सेवा आदि की जानकारी आवश्यक होती है। पेंशन प्राधिकृत कर्ता अधिकारियों द्वारा पेंशन भुगतान आदेश के साथ पेंशन गणना पत्रक संलग्न किए जाते हैं जिनमें यह जानकारी उपलब्ध रहती है। इस जानकारी के आधार पर कोषालय अधिकारियों द्वारा पेंशन/परिवार पेंशन पुनरीक्षित की जाएगी।
(ii) पुनरीक्षित की गई पेंशन/परिवार पेंशन की प्रविष्टि भी पेंशन भुगतान आदेश के संवितरक भाग में, इन निर्देशों का संदर्भ अंकित करते हुये, कोषालय अधिकारी अपनी सील हस्ताक्षर से करेंगे।
(iii) पेंशन भुगतान आदेश के साथ पेंशन गणना पत्रक उपलब्ध नहीं होने अथवा संबंधित पेंशन की अर्हतादायी सेवा एवं उसकी सेवानिवृत्ति/मृत्यु के समय धारित पद एवं वेतनमान आदि की प्रमाणित जानकारी उपलब्ध न होने की स्थिति में कोषालय अधिकारी द्वारा उसकी लिखित में सूचना संबंधित सेवानिवृत्त/मृत पेंशनर के कार्यालय प्रमुख को दी जाएगी तथा ऐसे पत्र की प्रतिलिपि संबंधित पेंशनर/परिवार पेंशनर को दी जाएगी।
(iv) कोषालय अधिकारी से ऐसी सूचना मिलने पर कार्यालय प्रमुख (जहाँ से संबंधित कर्मचारी समका सेवानिवृत्त/दिवंगत हुआ था) संबंधित कोषालय अधिकारी को पेंशन/परिवार पेंशन पुनरीक्षण हेतु आवश्यक जानकारी प्रेषित करेगा। जानकारी प्राप्त होने पर कोषालय अधिकारी द्वारा कंडिका-4(i) के अनुसार पेंशन/परिवार पेंशन पुनरीक्षित की जाएगी।
(v) जिन पेंशन भुगतान आदेशों में कार्यालय प्रमुख (जहाँ से संबधित कर्मचारी सेवानिवृत्त/दिवंगत हुआ था) की जानकारी उपलब्ध न हो ऐसे प्रकरणों में इसकी सूचना कोषालय अधिकारी द्वारा पेंशनर के विभागाध्यक्ष को दी जावेगी जो इन निर्देशों के अनुसार पेंशन/ परिवार पेंशन पुनरीक्षित की जाने हेतु आवश्यक जानकारी संबंधित कोषालय अधिकारी को प्रेषित करेंगे। इस प्रकार के प्रकरणों की जानकारी कोषालय अधिकारी द्वारा संचालक पेंशन मध्यप्रदेश भोपाल को भी दी जाएगी जो इस प्रकार के प्रकरणों में पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण की क ही सुनिश्चित करायेंगे।
(vi) जिन प्रकरणों में पेंशन भुगतान आदेश महालेखाकार मध्यप्रदेश द्वारा जारी किए गए हैं| उनमें भी पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण की कार्यवाही संबंधित कोषालय अधिकारी द्वारा की जाएगी।
(vii) संचालक पेंशन उक्त निर्देशों के अंतर्गत पुनरीक्षित की गई पेंशन की अपने स्तर से समय 100 समय पर जांच सुनिश्चित करेंगे।
5. सार्वजनिक उपक्रमों में संविलियनित शासकीय सेवक की शासनाधीन की गई सेवा की पेंशन/ परिवार पेंशन का भी पुनरीक्षण किया जाएगा, परन्तु ऐसे संविलियनित कर्मचारी, जिन्होंने पेंशन की शत-प्रतिशत राशि के सरांशीकरण का सेवान्त लाभ प्राप्त कर लिया है, के मामलों में पेंशन का पुनरीक्षण वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 9/9/2006/नियम/चार, दिनांक 5-1-2007 द्वारा निर्धारित शों के अधीन किया जाएगा।
6. इस परिपत्र के अनुसार पुरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन के मामलों में वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-2-2007/नियम/चार दिनांक 10 अप्रैल, 2007 द्वारा जारी निर्देश लागू होंगे।
7. आयुक्त कोष एवं लेखा, मध्यप्रदेश को इन निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु नोडल अधिकारी घोषित किया जाता है जो कोषालय स्तर पर पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण के कार्य का मानिटरिंग करेंगे। .
8. कोषालय अधिकारी/संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन को निर्देशित किया जाता है कि इन निर्देशों के अन्तर्गत पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करना सुनिश्चित करें।
विषय : दिनांक 1.1.1996 के पूर्व सेवानिवृत्तों की पांचवे वेतन आयोग की अनुशंसानुसार पेंशन का पुनरीक्षण ।
मध्य प्रदेश शासन वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 09/01/2007/नियम/चार. दिनांक 16 मई 2007 के द्वारा दिनांक 1.1.1996 के पूर्व के सेवानिवृत्त पेंशनरों/परिवार पेंशनरों की पेंशन/ परिवार पेंशन दिनांक 1.4.2007 (माह अप्रैल 2007 की पेंशन माह मई 2007 में देय) के पुनरीक्षण के आदेश जारी किए गए हैं।
2. दिनांक 1.1.1996 के पूर्व सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों में से कतिपय पेंशनरों/पेंशन संगठनों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उपर्युक्त पुनरीक्षण का लाभ दिनांक 1.4.2007 के स्थान पर दिनांक 1.1.1996 से दिये जाने का निर्णय प्राप्त किया गया । इन प्रकरणों में याचिका क्र. 1488/2012 श्रीमती कमला जैन विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन, याचिका क्र. 14068/2013 एवं 14067/2013 क्रमशः श्री मनमोहन व्यास एवं श्री सुरेन्द्र नाथ गुप्ता विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन प्रमुख हैं, जिनमें माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा भी माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय को ही बहाल रखने का निर्णय दिया है।
3. उपर्युक्त न्यायालयीन निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि उपरवर्णित परिपत्र दिनांक 16.5.2007 के अन्तर्गत पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण का लाभ दिनांक 1.4.2007 के स्थान पर दिनांक 1.1.1996 से दिया जाए ।
4. अन्य शर्ते व निर्देश पूर्ववत रहेंगे ।
विषय:- दिनांक 1-1-1996 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण।
संदर्भ:- मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग का परिपत्र क्रमांक एफ-9/01/2007/नियम/चार, दिनांक 15 मई, 2007
दिनांक 1-1-1996 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण के संबंध में विस्तृत निर्देश वित्त विभाग के संदर्भित परिपत्र दिनांक 16 मई, 2007 द्वारा जारी किए गए हैं।
2. शासन के समक्ष यह प्रश्न उठाया गया है कि प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में निवासरत मध्यप्रदेश शासन की सेवा से सेवानिवृत्त/दिवंगत पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/ परिवार पेंशन के पुनरीक्षण की प्रक्रिया क्या होगी? इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि दिनांक 1-1-1996 से पूर्व सेवानिवृत्त/दिवंगत ऐसे पेंशन/परिवार पेंशन भोगियों जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में निवासरत होकर वहीं से अपनी पेंशन/परिवार पेंशन ले रहे हैं संदर्भित परिपत्र के निर्देशों के अनुसार अपनी पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण के लिए आवेदन उस प्राधिकारी (संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन/कोषालय अधिकारी जैसी भी स्थिति हो) को प्रेषित करेंगे, जिसके द्वारा प्रदेश के बाहर के राज्य के कोषालय से पेंशन/परिवार पेंशन आहरित करने के लिए पेंशन भुगतान आदेश महालेखाकार को भेजा गया है। संबंधित संयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन/ कोषालय अधिकारी संदर्भित परिपत्र के निर्देशों के अनुसार पेंशन पुनरीक्षण कर पेंशन/परिवार पेंशन भोगी के चाहे अनुसार मध्यप्रदेश राज्य के बाहर के अन्य राज्य में कोषालय से पेंशन/परिवार पेंशन आहरण हेतु निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक कार्यवाही करेंगे। इन निर्देशों के अनुसार पेंशन/ परिवार पेंशन के पुनरीक्षण के लिए आवश्यक जानकारी संभागीय संयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन/कोषालय अधिकारी पेंशनर के कार्यालय/विभाग से स्वयं प्राप्त करेंगे।
[म.प्र. शा. वित्त विभाग क्रमांक : F-9/01/2007/नियम/चार, दिनांक 25 जून, 2007]
विषयः- दिनांक 1.1.1996 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण ।
दिनांक 1.1.1996 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों के पेंशन/परिवार पेंशन पुनरीक्षण के संबंध में विस्तृत निर्देश वित्त विभाग के संदर्भित परिपत्र दिनांक 16.5.2007 तथा 25.6.2007 द्वारा जारी किए गए हैं।
2. शासन के समक्ष यह प्रश्न उठाया गया है कि प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में निवासरत मध्यप्रदेश शासन से सेवानिवृत्त/दिवंगत पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन, जिसे पूर्व में महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) द्वितीय, म.प्र. ग्वालियर द्वारा प्राधिकृत किया गया तथा वे निवासरत राज्य के महालेखाकार के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर रहे हैं, उनकी पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण की प्रक्रिया क्या होगी ? इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि दिनांक 1.1.1996 के पूर्व सेवानिवृत्त/दिवंगत ऐसे पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों, जो प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में निवासरत होकर वहीं से अपनी पेंशन/परिवार पेंशन भोगियों, जो प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में निवासरत होकर वहीं से अपनी पेंशन/परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, वे संदर्भित परिपत्रों के निर्देशानुसार अपनी पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण के लिए आवेदन संलग्न प्रपत्र में (दो प्रतियों में) विभाग/कार्यालय के उस अधिकारी को संबोधित करेंगे, जिन्होंने प्रथमतः पेंशन प्रकरण महालेखाकार ग्वालियर को पेंशन प्राधिकृत करने हेतु प्रस्तुत किया था। कार्यालय प्रमुख का यह दायित्व रहेगा कि आवेदन पत्र प्राप्त होने पर अधिकतम 30 दिवस की अवधि में आवेदन में दिये गये तथ्यों का प्रमाणीकरण कर विशेषकर अर्हक सेवा (सिर्फ पेंशन पुनरीक्षण प्रकरणों में), सेवानिवृत्ति के समय धारित पद, वेतनमान तथा दिनांक 1.1.1996 से इस पद के पुनरीक्षित वेतनमान का अवश्य उल्लेख कर एक प्रति महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर को पुनरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन प्राधिकृत करने हेतु अग्रेषित करें।
3. किसी भी स्थिति में पेंशन भोगी/परिवार पेंशन भोगी को मूल पी.पी.ओ. लौटाने हेतु न कहा जाए। इस प्रक्रिया में पुनरीक्षित पेंशन आदेश की दोनों प्रतियाँ उसी माध्यम से राज्य के बाहर भेजी जावेंगी जैसे पूर्व में भेजी गई थी।
4. यदि किसी स्थिति में सेवानिवृत्ति के पश्चात् 1.1.1996 के पूर्व पदनाम समाप्त हुआ है अथवा वेतनमान में परिवर्तन हुआ है तो विभागाध्यक्ष इस संबंध में आवश्यक निर्णय लेकर दिनांक 1.1.1996 को लागू पुनरीक्षित वेतनमान प्रमाणित करेंगे। यदि कोई पूर्व कार्यालय किसी अन्य स्थापना/कार्यालय में समायोजित हुआ है, तो विभागाध्यक्ष आवश्यक निर्देश प्रसारित कर समस्या का समाधान करेंगे।
5. पुनरीक्षत कार्य हेतु पेंशन भोगी/परिवार पेंशन भोगी अपने पास उपलब्ध दस्तावेजों, अर्हक । सेवा, सेवानिवृत्ति के समय धारित पद एवं वेतनमान आदि की जानकारी सहित विभागाध्यक्ष/कार्यालय प्रमुख को आवेदन करें। विभागाध्यक्ष/कार्यालय प्रमुख से अपेक्षा है कि वे वरिष्ठ नागरिकों के प्रकरणओं में यथाशीघ्र संवेदनशीलता से पुनरीक्षण कार्य में महालेखाकार कार्यालय को आवश्यक सहायता करेंगे।
6. वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 4-2/2007/नियम/चार, दिनांक 10 अप्रैल, 2007 तथा समसंख्यक पत्र दिनांक 12.4.2007 द्वारा जारी निर्देश इन प्रकरणों में भी लागू होंगे।
7. संचालक, पेंशन म.प्र. को इन निर्देशों के क्रियान्वयन हेतु नोडल अधिकारी घोषित किया जाता है, जो राज्य के बाहर के पेंशन/परिवार पेंशन प्रकरणों के पुनरीक्षण के कार्य का मानिटरिंग करेंगे।
8. कोषालय अधिकारी/संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा द्वारा पेंशन/परिवार पेंशन पुनरीक्षण हेतु विभागीय अधिकारियों से मांगी गई जानकारी यथाशीघ्र भिजवाने हेतु आवश्यक सहायता/मार्गदर्शन दिया जाय ताकि लंबित प्रकरणों का शीघ्र निबटारा हो सके।
[म.प्र.शा. वि.वि.क्र. एफ 9/01/2007/नियम/चार दिनांक 20.09.2007]
आवेदन का प्ररूप
(दो प्रतियों में दिया जाय)
प्रति,
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(पेंशन स्वीकृतिकर्ता अधिकारी अर्थात् विभाग/कार्यालय प्रमुख)
विषय- दिनांक 1.1.1996 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/ परिवार पेंशन का वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 09/01/2007/नियम/चार, दिनांक 16.5.2007 तथा 25.6.2007 के परिपेक्ष्य में पुनरीक्षण तथा दिनांक 1.4.2007 से भुगतान बाबत् ।
महोदय,
कृपया मेरे पेंशन भुगतान आदेश (पी.पी.ओ.) क्रमांक..............(फोटो प्रति संलग्न) के आधार पर वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 09/01/2007/नियम/चार, दिनांक 16.5.2007 तथा 25.6.2007 के परिपेक्ष्य में मुझे पुनरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन प्राधिकृत करने की अनुकम्पा करें। इस हेतु निम्नलिखित जानकारी प्रस्तुत की जा रही है:-
1. आवेदक का पूर्ण नाम व पत्र व्यवहार
हेतु पता
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2. स्वीकृत पेंशन का प्रकार
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3. कर्मचारी की सेवानिवृत्ति/मृत्यु दिनांक
(आवेदक यदि परिवार पेंशः भोगी हो)
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4. कर्मचारी की सेवानिवृत्ति/ मृत्यु दिनांक
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5. पेंशन/परिवार पेंशन भुगतान प्रारम्भ होने का दिनांक
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6. पेंशन भुगतान आदेश (पी.पी.ओ. क्रमांक
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7. दिनांक 1.1.1996 को प्राप्त हो रही
मूल समेकित पेंशन/परिवार पेंशन
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8. कार्यालय/विभाग जहाँ पेंशनर/मृत
कर्मचारी (पेंशनर) सेवानिवृत्ति के
समय कार्यरत था तथा पदनाम
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9. सेवानिवृत्ति के समय का धारित वेतनमान
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……………………………
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10. पी.पी.ओ. जारी करने वाला कार्यालय/अधिकारी
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11. वर्तमान में पेंशन वितरणकर्ता अधिकारी/
कोषालय/बैंक/राज्य (बचत खाता क्रमांक)
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……………………………
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12. यदि कर्मचारी/मृत शासकीय सेवक के
सेवानिवृत्ति के समय पदनाम/वेतनमान/
अर्हक सेवा (सिर्फ पेंशन पुनरीक्षण हेतु)
तथा पुनरीक्षित वेतनमान, आदि का प्रमाण
प्रस्तुत किया जा रहा हो, तो विवरण आदि।
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दिनाक : |
पेंशन भोगी/परिवार पेंशन भोगी के हस्ताक्षर |
पंजीयक डाक द्वारा
1. महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) द्वितीय म.प्र. झांसी रोड, ग्वालियर को उपरोक्त बिन्दु क्रमांक 2, 3, 5, 6, 8 एवं 9 के यथा प्रमाणीकरण सहित पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण प्राधिकरण हेतु अग्रेषित ।
2. प्रति आवेदक को ।
दिनांक |
हस्ताक्षर अग्रेषित कर्ता अधिकारी |
|
मय कार्यालयीन मुद्रा |
विषय- दिनांक 1-1-1996 से पूर्व सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण ।
वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-09/01/2007/नियम/चार, दिनांक 20-9-2007 द्वारा दिनांक 1-1-1996 के पूर्व सेवानिवृत्त/दिवंगत पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों जो वर्तमान में अन्य राज्यों में निवासरत हैं, के पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण हेतु निर्धारित प्रक्रियानुसार आवेदन की एक प्रति विभाग/कार्यालय द्वारा महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) म.प्र. ग्वालियर को भेजे जाने के जारी निर्देश की कंडिका-2 में वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 5-8-2008 द्वारा महालेखाकार मध्यप्रदेश, ग्वालियर के स्थान पर जिला कोषालय अधिकारी प्रतिस्थापित किया गया ।
2. वर्तमान में पेंशन प्रकरणों का निराकरण संभागीय/जिला पेंशन कार्यालयों द्वारा किये जाने के अनुक्रम में विषयांकित प्रकरणों के निराकरण हेतु संभागीय/जिला पेंशन अधिकारियों को अधिककृत किया जाकर संदर्भित परिपत्रों में "महालेखाकार मध्यप्रदेश ग्वालियर/जिला कोषालय अधिकारी" के स्थान पर "संभागीय/जिला पेंशन अधिकारी" प्रतिस्थापित किया जाता है ।
3. अतः विषयांकित प्राप्त आवेदन पत्रों (From of Application) में (जो विचाराधीन है) यथा आवश्यक संशोधन विभाग/कार्यालय द्वारा स्वयं कर लिया जाये । किसी भी स्थिति में संशोधित प्रपत्र में पेंशनभोगी/परिवार पेंशन भोगी को पुनः आवेदन करने हेतु बाध्य न किया जाए व आवेदन संभागीय/जिला पेंशन अधिकारियों को अग्रेषित किया जाए। संदर्भित परिपत्र दिनांक 20-9-2007 के अन्य प्रावधान/निर्देश यथावत रहेंगे ।
1-1-06 को या उसके पश्चात् सेवा निवृत्त/दिवंगत कर्मचारियों की पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण
राज्य शासन, वित्त विभाग की अधि. क्र. एफ 8/2009 नियम/चार/दिनांक 28-2-09 द्वारा कर्मचारियों के वेतनमानों का पुनरीक्षण 1-01-06 से करने के निर्देश प्रसारित किये जाने के फलस्वरूप 1-1-06 या इसके पश्चात् सेवा निवृत्त/दिवगंत कर्मचारियों की पेंशन परिवार पेंशन का पुनरीक्षण निम्नानुसार किये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया :-
(1) पेंशन :- पेंशन का निर्धारण अन्तिम माह के मूल वेतन (वेतन बेन्ड में वेतन+ ग्रेड पे) के आधार पर होगा। 33 वर्ष की अर्हतादायी सेवा पूर्ण होने पर पेंशन अन्तिम माह के मूल वेतन का 50% निर्धारित की जावेगी। न्यूनतम पेंशन रु. 3025/- प्रतिमाह होगी।
(2) परिवार पेंशन :- अन्तिम मूल वेतन (वेतन बेड में वेतन + ग्रेड पे) के 30% की दर से देय होगी/न्यूनतम परिवार पेंशन 3025/- होगी। वृद्ध पेंशनरों को देय अतिरिक्त पेंशन की राशि इस सीमा से पृथक होगी
(3) अतिरिक्त पेंशन : वृद्ध पेंशनरों को निम्नाकित तालिका के अनुसार अतिरिक्त पेंशन प्राप्त
होगी:-
पेंशनर/परिवार पेंशनर की उम्र 80 वर्ष तक
80 वर्ष से अधिक 85 वर्ष तक
85 वर्ष से अधिक 90 वर्ष तक
90 वर्ष से अधिक 95 वर्ष तक
95 वर्ष से अधिक 100 वर्ष तक
100 वर्ष से अधिक
|
अतिरिक्त राशि सामान्य पेंशन
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 20%
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 30%
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 40%
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 50%
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 100%
|
अतिरिक्त पेंशन संवितरण कर्ता अधिकारी स्वीकृत करेंगे। इसके लिये अलग से प्राधिकार की आवश्यकता नहीं होगी। अतिरिक्त पेंशन की राशि पेंशन भुगतान आदेश में पृथक से दर्शायी जावेगी। सेवा निवृत्त पेंशन भोगी के पेंशन आदेश में उल्लिखित जन्म तिथि के आधार पर अतिरिक्त पेंशन स्वीकृत की जावेगी। परिवार पेंशन भोगी के मामले में आयु सम्बन्धी प्रमाण पत्र प्राप्त कर अतिरिक्त पेंशन स्वीकृत की जावेगी। अतिरिक्त पेंशन का लाभ पेंशनर जिस माह निर्धारित आयु पूर्ण करेंगे, उससे अगले माह से देय होगी
(4) 31.8.08 के पश्चात् सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिये पेंशन परिलब्धियों का निर्धारण निम्नानुसार होगाः-
(क) मृत्यु सह सेवानिवृत्ति उपादन - की अधिकतम सीमा 3.50 लाख से बढ़ाकर, 1 सितम्बर 2008 से, 10 (दस लाख) की जाती है। ग्रेज्युटी की राशि का निर्धारण करने के लिये अन्तिम माह का मूल वेतन (वेतन बेन्ड में वेतन+ ग्रेड पे) तथा इस पर देय महंगाई भत्ता गणना में लिया जावेगा। 33 वर्ष की अर्हकारी सेवा पूर्ण करने पर 16 -1/2 माह की उपलब्धियां या दस लाख, जो भी कम हो देय होगी।
(ख) पेंशन के कम्प्यूटेशन मूल्य की गणना - म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन का कम्प्युटेशन) नियम 1996 के नियम 8 म.प्र. शासन वित्त विभाग की अधि. क्र. एफ 25/8/98/ PWC/चार दिनांक 7.2.2000 द्वारा जारी संशोधित सारणी (राजपत्र में 18.2.2000 में प्रकाशित) के अनुसार की जावेगी।
(ग) अर्जित अवकाश का नगदी करण - के लिये मूलवेतन (वेतन बेन्ड में वेतन+: ग्रेड वेतन) पर देय मंहगाई भत्ते को मासिक उपलब्धि माना जावेगा। अर्जित अवकाश नगदीकरण की पात्रता तथा शर्ते पूर्वानुसार ही रहेंगी।
(5) 1-1-06 से 31-8-08 तक की अवधि के बीच सेवानिवृत्त अथवा दिवंगत कर्मचारियों की पेंशन/परिवार पेंशन/ पुनरीक्षित वेतनमान में काल्पनिक तौर पर निर्धारित को जाकर वास्तविक भुगतान 1-9-08 से देय होगा।
(7) उन निर्देशों के अन्तर्गत समेकित पेंशन/परिवार पेंशन मूल पेंशन होगी। इस पर मंहगाई राहत निम्नानुसार देय होगी :-
1 सितम्बर 2008 से 12%
1 जुलाई 2009 से 16%
वृद्ध पेंशनरों को देय अतिरिक्त पेंशन पर भी मंहगाई राहत देय होगी।
मंहगाई राहत देने के सम्बन्ध में अन्य शर्ते पूर्व में प्रसारित अनुसार होगी
मध्यप्रदेश पेंशन पुनरीक्षण नियम 2009
विषयः- दिनांक 1-1-06 के पूर्व सेवानिवृत्त पेंशनर तथा परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/ परिवार पेंशन का समेकन पुनरीक्षण।
राज्य शासन वित्त विभाग की अधिसूचना क्र. एफ 8/2009/नियम/चार/दिनांक 28 फरवरी 2009 द्वारा कर्मचारियों के वेतन मान का पुनरीक्षण 1-1-06 से करने के निर्देश प्रसारित किये जाने के फलस्वरूप दिनांक 1-1-06 को या उसके पश्चात् सेवानिवृत्त/दिवंगत कर्मचारियों की पेंशन अथवा परिवार पेंशन का समेकन निम्नानुसार करने का निर्णय लिया है:-
1.1 दिनांक 31 अगस्त 2008 की स्थिति में प्राप्त मूल पेंशन (काम्युटेशन के पूर्व) अथवा परिवार पेंशन (मंहगाई पेंशन एवं मंहगाई राहत छोड़कर) का 2.26 गुना राशि पेंशन अथवा परिवार पेंशन की समेकित राशि होगी। तथा इसका भुगतान सितम्बर 2008 की पेंशन से देय होगा।
1.2 न्यूनतम पेंशन परिवार पेंशन रु. 3025/- होगी। वृक्ष पेंशनरों को देय अतिरिक्त पेंशन इस सीमा से पृथक रहेगी
1.3 वृद्ध पेंशनरों को निम्नलिखित तालिकानुसार अतिरिक्त पेंशन प्राप्त होगी :-
पेंशन/परिवार पेंशनर की उम्र
|
अतिरिक्त
|
राशि 80 वर्ष तक
80 वर्ष से अधिक 85 वर्ष तक
85 वर्ष से अधिक 90
90 वर्ष से अधिक 95 वर्ष तक
95 वर्ष से अधिक 100 वर्ष तक
100 वर्ष से अधिक
|
कुछ नहीं
मूल पेंशन का 20%
मूल पेंशन का 30%
मूल पेंशन का 40%
मूल पेंशन का 50%
मूल पेंशन का 100%
|
अतिरिक्त पेंशन संवितरक अधिकारी स्वीकृत करेंगे। इसके लिये अलग से प्राधिकार की आवश्यकता नहीं होगी। अतिरिक्त पेंशन राशि, भुगतान आदेश में पृथक में दर्शाई जावेगी। सेवानिवृत्त पेंशन भोगी के भुगतान पेंशन आदेश में उल्लेखित, जन्म तिथि को आधार मानकर अतिरिक्त पेंशन स्वीकृत की जावेगी। अतिरिक्त पेंशन का लाभ, पेंशनर जिस माह निर्धारित आयु पूर्ण करेंगे उस माह के अगले माह से प्राप्त होगा। अतिरिक्त राशि की गणना, ठीक पूर्ववर्ती माह माह में प्राप्त मूल पेंशन के आधार पर की जावेगी। परन्तु जिन्होंने 1-9-08 के पूर्व पैरा 1.3 के अनुसार आयु पूर्ण कर ली हो उनको पुनरीक्षण उपरान्त सितम्बर 2008 से देय पेंशन में अतिरिक्त पेंशन का लाभ दिया जावेगा।
(2) यदि पेंशनर/परिवार पेंशनर को एक से अधिक पेंशन/परिवार पेंशन प्राप्त हो रही हो तो न्यूनतम राशि दोनों पेंशनों पर पृथक पृथक 3025/- होगी।
(3) नियुक्त/पुन नियुक्त पेंशनरों के मामलों में पेंशन/परिवार पेंशन का केवल समेकन होगा। तथा समेकित पेंशन परिवार पेंशन पर राहत की पात्रता नहीं होगी।
(4) म.प्र.शासन वि.वि.क्र.एफ.9/9/2006/नियम/चार दिनांक 5-1-07 के द्वारा राज्य राणा शासन के निगमों/उपक्रमों/स्वशासी संस्थानों/मंडलो/निकायों आदि में संविलियत सेवानिवृत्त कर्मचारियों की कम्यूट की गई 1/3 हिस्से के प्रत्यावर्तन के निर्देश जारी ना किये गये थे। संविलिनियत कर्मचारियों की पेंशन की 1/3 सीमा के अधीन कम्यूट से की गई पेंशन का समेकन किया जावेगा। शर्ते 5.1.07 में ज्ञाप अनुसार लागू होगी।
(5) पेंशन/परिवार पेंशन के समेकन के फलस्वरूप प्राप्त होने वाली राशियों में से पूर्व में 15 भुगतान की गई पेंशन/परिवार पेंशन, म.प्र. शासन वित्त विभाग क्र. एफ 4-2/2007/ नाशि नियम/चार दि. 10.4.07 द्वारा स्वीकृत 50% मंहगाई पेंशन/म.प्र, शासन, विवि के समान ज्ञाप क्र. 4/1/2008/नियम/चार/दिनांक 30.7.08 द्वारा स्वीकृत 47% दर से मंहगाई चाकी राहत और विवि क्र. एफ 9/3/2008/नियम/चार/दिनांक 24.9.08 द्वारा स्वीकृत 10% अन्तरिम राहत की राशि समयोजित की जावेगी।
(6) सार्वजनिक क्षेत्र में से पेंशन/परिवार पेंशन/परिवार पेंशन आहरित कर रहे राज्य शासन के पेंशनरों का पुनरीक्षण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की पेंशन/परिवार पेंशन भुगतान शाखा द्वारा किया जावेगा। और भुगतान योग्य राशि को प्रविष्टि पेंशन भुगतान आदेश के दोनों भागों में की जावेगी।
कोषालय/उपकोषालयों से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनरों की पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण सम्बन्धित पेंशन वितरक अधिकारी द्वारा किया जावेगा।
(7) पेंशन संवितरक अधिकारी/सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक शाखा, परिवार पेंशन को पुनरीक्षित करते समय इस बात की जांच कर ले कि बढ़ी दर की तारीख निकल जाने के पश्चात् भी यदि भुगतान बढ़ी दर से हो रहा हो, तो भुगतान सामान्य दर से कर दे तथा अधिक भुगतान हुई राशि का ऐरियर में समायोजित करे।
(8) उपरोक्तानुसार समेकित पेंशन की राशि रुपयों और पैसों में आने पर पैसे के भाग को अगले रुपये में पूर्णांकित किया जावे।
(10) इन निर्देशों के अन्तर्गत समेकित पेंशन/परिवार पेंशन मूल पेंशन होगी। इस मूल पेंशन पर 1-9-2008 से 12% की दर से तथा
1-7-2009 से 16% की दर से मंहगाई
राहत देय होगी। मंहगाई राहत देने के सम्बन्ध में अन्य शर्ते पूर्व में प्रसारित महगाई राहत आदेशों के अनुसार होगी।
(11) सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक की भुगतान शाखा द्वारा समेकित की गई पेंशन राशि की जांच कोषालय अधिकारी द्वारा की जावेगी।
(12) पेंशन/परिवार पेंशन समेकन करने का रेडीरेकनर संलग्न हैं।
विषय- दिनांक 01.01.2016 को अथवा पश्चात् सेवानिवृत्त/दिवंगत शासकीय सेवकों के पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण ।
2. राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि दिनांक 01.01.2016 को अथवा पश्चात् सेवा निवृत्त/दिवंगत शासकीय सेवकों की पेंशन/परिवार पेंशन हितलाभों का निम्नानुसार पुनरीक्षण किया जाए :-
(क) पेंशन, परिवार पेंशन, पेंशन सारांशिकरण, अवकाश नगदीकरण का निर्धारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के प्रावधानों के अनुसार पुनरीक्षित वेतनमान में (पूर्व में भुगतान राशि समायोजित करते हुए) किया जाए ।
(ग) मा पेंशन एवं परिवार पेंशन की न्यूनतम मासिक राशि रुपये 7750/- (वृद्धों को प्राप्त अतिरिक्त पगार पेंशन को छोड़कर) की जाती है। पेंशन/परिवार पेंशन की अधिकतम सीमा राज्य शासन के शासकीय सेवकों को पुनरीक्षित वेतनमान में प्राप्त अधिकतम वेतन का क्रमशः 50 एवं 30 प्रतिशत किया जाता है।
3. दिनांक 01.01.2016 से 31.08.2017 तक की अवधि के लिए पुनरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन की बढ़ी हुई राशि का भुगतान पेंशन भुगतानकर्ता द्वारा पूर्व में किये गये भुगतान को समायोजित करते हुए किया जाएगा ।
4. पेंशन/ परिवार देय राशि की गणना में महंगाई राहत की गणना निम्नानुसार होगीः-
दिनांक
01.01.2016 से
01.07.2016 से
01.01.2017 से
|
महंगाई राहत
शून्य प्रतिशत
2 प्रतिशत
4 प्रतिशत
|
5. उपर्युक्त पैरा 2(ख) एवं (ग) के लिए सुसंगत नियमों में संशोधन पृथक से किये जायेंगे।
विषयः दिनांक 1.1.2016 के पूर्व सेवानिवृत्त-पेंशन भोगियों/परिवार पेंशन भोगियों की पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण ।
राज्य शासन द्वारा दिनांक 01.01.2016 के पूर्व के शासकीय पेंशनर्स/परिवार पेंशनर्स को देय पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण का निर्णय लिया गया है। पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण निम्नानुसार किया जाएगा :-
(1) पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण, विद्यमान मूल पेंशन (सारांशीकरण के पूर्व)/परिवार पेंशन को 2.57 के गुणक से गुणा करके तथा इस प्रकार से प्राप्त राशि को आगामी रूपये में पूर्णांकित कर किया जायेगा । उक्त गणना हेतु विद्यमान मूल पेंशन/परिवार पेंशन में महंगाई राहत शामिल नहीं होगी । यह पुनरीक्षण दिनांक 1.4.2018 से प्रभावी किया जाए ।
(2) पुनरीक्षित पेंशन में सारांशीकरण की राशि, यदि कोई शामिल हो तो मासिक संवितरण . के समय इस राशि से सारांशिकरण की राशि को कम किया जायेगा ।
(3) पेंशन/परिवार पेंशन की न्यूनतम राशि रु. 7750/- प्रतिमाह होगी।
(4) वृद्ध पेंशनर/परिवार पेंशनरों के लिए निर्धारित पेंशन की वर्तमान व्यवस्था यथावत लागू रहेगी ।
(5) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/स्वशासी संस्था में स्थाई संविलियन के पश्चात् राज्य शासन से अलग से पेंशन एवं परिवार पेंशन प्राप्त होने की स्थिति में पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण उपरोक्तानुसार किया जायेगा ।
(6) ऐसे प्रकरणों में जहाँ शासकीय सेवक द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/स्वशासी संस्था में स्थाई संविलियन पर शत्-प्रतिशत पेंशन को समर्पित करते हुए एकमुश्त राशि प्राप्त कर ली गई है तथा उसके पेंशन के 1/3 हिस्से के प्रत्यावर्तन का लाभ प्राप्त हुआ है, के मामले में पेंशन/परिवार पेंशन के पुनरीक्षण के संबंध में पृथक से निर्णय लिया जायेगा ।
2. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से पेंशन/परिवार पेंशन आहरित कर रहे राज्य शासन के पेंशनरों की पेंशन का पुनरीक्षण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की पेंशन/परिवार पेंशन भुगतान शाखा (Paying Branch) द्वारा किया जायेगा तथा भुगतान योग्य राशि की प्रविष्टियाँ पेंशन भुगतान आदेश के दोनों भागों में की जावेंगी । कोषालयों/उपकोषालयों से पेंशन/परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशनरों की पेंशन/परिवार पेंशन का पुनरीक्षण संबंधित पेंशन संवितरक अधिकारी द्वारा किया जावेगा ।
3. पेंशन संवितरण अधिकारी/सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक भुगतान शाखा, परिवार पेंशन को पुनरीक्षित करते समय सूक्ष्मता से जाँच करें कि परिवार पेंशन की बढ़ी हुई दर की तिथि के बाद भी यदि भुगतान बढ़ी दर से हो रहा हो तो परिवार पेंशन का भुगतान सामान्य दर से करें तथा अधिक भुगतान राशि को एरियर्स/राहत से समायोजित करें ।
4. पुनरीक्षित पेंशन/परिवार पेंशन का भुगतान माह अप्रैल 2018 की पेंशन (भुगतान मई 2018) से किया जाए । पुनरीक्षित पेंशन पर सातवें वेतनमान में स्वीकृत महंगाई राहत दी जावे । पेंशन/ परिवार पेंशन पर देय महंगाई राहत के आदेश पृथक से जारी किए गए हैं।
5. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की भुगतान शाखा (Paying Branch) द्वारा पुनरीक्षित की गई पेंशन/ परिवार पेंशन के 10 प्रतिशत प्रकरणों का test audit संभागीय/जिला पेंशन अधिकारी द्वारा किया जाए ।
छठवें एवं सातवें वेतनमानों के अनुसार संशोधित पेंशन और परिवार पेंशन पर समय पटबाल समय देय राहत की दरें
स.क्र.
|
मूल पेंशन/ परिवार पेंशन का प्रतिशत
|
दिनांक जब से देय है
|
आदेश क्रमांक व दिनांक का संदर्भ
|
1.
|
12%
|
01.09.2008
|
|
2.
|
16%
|
01.07.2009
|
|
3.
|
19%
|
01.11.2009
|
|
4.
|
22%
|
01.01.2010
|
|
5.
|
25%
|
01.04.2010
|
|
6.
|
27%
|
01.07.2010
|
|
7.
|
35%
|
01.10.2010
|
|
8.
|
45%
|
01.4.2011
|
|
9.
|
51%
|
01.10.2011
|
|
10.
|
58%
|
01.04.2012
|
|
11.
|
65%
|
01.08.2012
|
|
12.
|
72%
|
01.11.2012
|
|
13.
|
80%
|
1.1.2013
|
|
14.
|
90%
|
1.7.2013
|
|
15.
|
100%
|
1.1.2014
|
|
16.
|
107%
|
1.7.2014
|
म.प्र. शासन वि.वि. क्र. एफ. 9-1/2014/नि./ चार, दिनांक 5 फ़रवरी 2014
|
17.
|
113%
|
1.1.2015 से
|
म.प्र. शासन वि.वि. क्र. एफ 9-2/2015/ नियम/चार दिनांक 25 मई 2015
|
18.
|
119%
|
1.7.2015 से
|
म.प्र.शासन वि.वि. क्र. एफ नियम/9-2/2015/चार/दिनांक 5.11.2015
|
19.
|
125%
|
1.1.2016 से
|
म.प्र. शासन वि.वि.क्र. एफ 9-1/2016/ नियम/चार दिनांक 21.6.2016
|
20.
|
132%
|
1.07.2016 से
|
|
21.
|
136%
|
01.01.2017 से
|
म.प्र. वि.वि. क्र. एफ 9-6/2017/नि./चार दिनांक 27.6.2017
|
22.
|
139%
|
01.07.2017 से
|
|
7वें (सातवें वेतनमान में निर्धारित पेंशन पर 1.1.2016 और उसके पश्चात् देय राहत
1.
|
शून्य %
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01.01.2016 से
|
|
2.
|
2%
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01.07.2016 से
|
|
3.
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4%
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01.01.2017 से
|
|
4.
|
5%
|
01.07.2017 से
|
|
नोट- सं.क्र. 16 पर केवल भुगतान का दिनांक संशोधित किया गया है।