क्षतिपूरक पेंशन (Compensation Pension)
Updated: Feb, 18 2021
Rule 36 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976
नियम 36. क्षतिपूरक पेंशन (Compensation Pension) - यदि किसी शासकीय सेवक के, उसके पद की समाप्ति के कारण सेवामुक्त करने का चयन किया गया है, तो जब तक वह किसी दूसरे पद पर नियुक्त नहीं किया जाता, जिसकी शर्ते सेवामुक्त करने वाले प्राधिकारी द्वारा कम से कम उन शर्तों के बराबर मान्य नहीं की जाती हैं, उसको विकल्प देना होगा-
(अ) कि उसके द्वारा की गई सेवा के बदले जिसके लिये वह हकदार होता, क्षतिपूरक पेंशन लेने का अथवा
(ब) ऐसे वेतन पर जैसा कि प्रस्तावित किया जाय, कोई अन्य नियुक्ति स्वीकार करने का और पेंशन के लिये अपनी पूर्व सेवा को जुड़वाने का।
(2) (अ) (i) स्थायी शासकीय सेवक को, उसके स्थायी पद की समाप्ति पर उसकी सेवाएं समाप्त किये जाने पर कम से कम तीन माह को नोटिस दिया जाएगा;
(ii) अस्थायी नियोजन में शासकीय सेवक को, उसका अस्थायी पद अथवा स्थायी पद जिस पर वह बिना किसी स्थायी पद होते हुए भी स्थानापन्न था, की समाप्ति पर उसकी सेवा समाप्त करने के पूर्व कम से कम एक माह का नोटिस दिया जायेगा।
(ब) जहां खण्ड (अ) के उपबन्ध के अनुसार नोटिस नहीं दिया गया है और शासकीय सेवक को, जिस तिथि से उसकी सेवा समाप्त की गई है और अन्य कोई रोजगार नहीं दिया गया है तो उसे अपेक्षित समयावधि का वास्तविक नोटिस दिये जाने की समयावधि में रही कमी के लिये उसे प्राप्त हो रहे, वेतन और भत्तों की धनराशि का भुगतान उसकी सेवाएं समाप्त करने वाला सक्षम प्राधिकारी स्वीकृत कर सकेगा।
(स) उस समयावधि के लिये; जिसके सम्बन्ध में उसे नोटिस के बदले में वेतन और भत्ते दिये गये हैं, न तो क्षतिपूरक पेंशन मिलेगी और न ही ऐसी समयावधि पेंशन के लिये अर्हतादायी होगी।
(3) जिस प्रकरण में शासकीय सेवक को समयावधि में रही कमी के लिये वेतन और भत्ते स्वीकृत किये गये हैं और जिस समयावधि के उसने वेतन और भत्ते प्राप्त किये हैं उस समयावधि की समाप्ति के पूर्व ही यदि उसे पुनः रोजगार में रख दिया जाता है तो उसके द्वारा ऐसे प्राप्त किये गये वेतन और भत्ते पुनः रोजगार में रखे जाने के बाद लौटाना होंगे।
(4) शासकीय सेवक, जो क्षतिपूरक पेंशन का हकदार है, के स्थान पर शासन के अधीन कोई अन्य नियुक्ति स्वीकार कर ले और तदन्तर किसी अन्य वर्ग की पेंशन प्राप्त करने का हकदार हो जाये तो ऐसी पेंशन की धनराशि यदि उसने नियुक्ति स्वीकार न की होती तो जितनी क्षतिपूरक पेंशन के लिये वह दावेदार होता, से कम नहीं होगी।