औसत उपलब्धियाँ (Average Emoluments)
Updated: Mar, 05 2021
Rule 31 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976
नियम 31. औसत उपलब्धियाँ (Average Emoluments) - किसी शासकीय सेवक द्वारा उसकी सेवा के अन्तिम [10 माह] के दौरान आहरित उपलब्धियों के सन्दर्भ में औसत उपलब्धियाँ अवधारित की जाएंगी। [[12 माह] के बजाय 10 माह किया गया। वित्त विभाग क्र. एफ. बी. 6/4/83/नि-2/चार, दि. 13-4-1983 तथा प्रभावशील दिनांक 1-4-81।]
(2) सामान्य वेतन पुनरीक्षण के नौ महीनों के अन्दर सेवा निवृत्त हो रहे शासकीय सेवकों के मामले में वित्त विभाग औसत परिलब्धि के निर्धारण हेतु विशेष आदेश जारी करेगा, बशर्ते कि ऐसा आदेश उन शासकीय सेवकों के लिये, इन नियमों के अनुबन्धों से कम अनुकूल न हो।
[टिप्पणी 1.- यदि सेवा के अंतिम 10 महीनों के दौरान शासकीय सेवक ऐसे अवकाश पर, जिसके लिए अवकाश वेतन देय है, कर्त्तव्य से अनुपस्थित रहा है अथवा निलंबित होने से बिना सेवा राजसात किये के बहाल किया जाता है तो, परिलब्धियां जो वह आहरित करता यदि वह अवकाश अथवा निलंबित होने से अनुपस्थित नहीं होता औसत उपलब्धियों के निर्धारण हेतु हिसाब में ली जावेंगी।
टिप्पणी 2.- यदि सेवा के अंतिम 10 महीनों के दौरान, शासकीय सेवक असाधारण अवकाश पर कर्तव्य से अनुपस्थित रहा है अथवा निलम्बनाधीन रहा है जिसकी समयावधि सेवा के समान गणन नहीं की जाती है अवकाश अथवा निलंबन की उक्त अवधि औसत परिलब्धियों की संगणना में छोड़ दी जावेगी तथा उतनी अवधि 10 माह के पहले की जोड़ ली जावेगी।
टिप्पणी 3.- उस शासकीय सेवक के मामले में जो अपनी सेवा के अंतिम 10 महीनों के दौरान अर्जित अवकाश पर था तथा वेतनवृद्धि अर्जित करता है जो रोकी नहीं गई थी, ऐसी वेतनवृद्धि तथापि वास्तविक रूप से आहरित नहीं की गई है, औसत परिलब्धियों में शामिल की जावेंगी; बशर्ते कि वेतनवृद्धि 120 दिन से अनधिक अवधि के दौरान अथवा जहां ऐसा अवकाश 120 दिन से अधिक का था तो प्रथम 120 दिन के दौरान अर्जित कर ली गई हो।] [टिप्पणी 1, 2 एवं 3 तथा उपनियम 2 वित्त विभाग अधिसूचना क्रमांक बी 25/10/95/PWC/IV, दिनांक 29-7-96 द्वारा स्थापित एवं दिनांक 1 अप्रैल, 81 से प्रभावशील।]
राज्य शासन अनुदेश
वृद्ध परिवार पेंशनरों को अतिरिक्त पेंशन भुगतान हेतु जन्मतिथि की निर्धारण प्रक्रिया में संशोधन -
संदर्भ:- वित्त विभाग का ज्ञाप क्रमांक एफ 9-2/2009/नियम/चार, दिनांक 6.5.2011.
मध्यप्रदेश शासन, वित्त विभाग के उपरोक्त संदर्भित ज्ञापन द्वारा 80 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनरों एवं परिवार पेंशनरों के लिए अतिरिक्त पेंशन दिये जाने हेतु जन्मतिथि निर्धारण के संबंध में दिशा निर्देश दिये गये थे।
2. उपरोक्त परिपत्र की कंडिका-3 में 3(ख)(iii) के पश्चात् (iv) पर निर्वाचन पहचान पत्र स्थापित किया जाता है एवं कंडिका-3(ग) को विलोपित किया जाता है।
[म.प्र. शासन वि.वि. एफ 9-2/2009/नियम/चार दिनांक 26 नवम्बर 2011]
वित्त विभाग, मंत्रालय
क्रमांक एफ 25-43/2002/पी. डब्ल्यू. सी. (आर)/चार, | भोपाल, दिनांक 24.8.2002 |
प्रति,
विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी (पेंशन)
कोष एवं लेखा संचालनालय, म.प्र. भोपाल
विषय- पाँचवे केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के फलस्वरूप दिनांक 1-1-96 से 30-9-96 के मध्य सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का पुनरीक्षण।
संदर्भ- आपकी टीप क्रमांक 129 दिनांक 1-3-2002.
उपर्युक्त विषयक संदर्भित टीप का कृपया अवलोकन करें।
2. आदेशानुसार अवगत कराया जाता है कि वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ 25/7/98/चार, पी. डब्ल्यू. सी. निदांक 6-10-2001 उच्च शिक्षा तथा तकनीकी विभागों के यू.जी.सी. तथा ए.आय.सी.टी.आई वेतनमानों में वेतन आहरित करने वाले तथा दिनांक 1-1-96 से 30-9-96 के मध्य सेवानिवृत्त सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उक्त ज्ञाप द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन पेंशन परीक्षण का लाभ प्राप्त होगा।
पांचवे केन्द्रीय वेतनमानों में वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की औसत उपलब्धियां।
1. औसत परिलब्धियां शासकीय सेवक की सेवा के अंतिम 10 माहों में आहरित वेतन के आधार पर निर्धारित की जावेंगी।
2. ऐसे पेंशनभोगी, जो म.प्र. वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 के प्रभावशील होने के दिनांक से 10 माह की अवधि के अन्दर सेवा निवृत्त होते हैं तथा पुनरीक्षित वेतनमान का विकल्प लेते हैं, के मामले में सेवा निवृत्ति के पूर्व 10 माह के लिए मूल वेतन निम्नानुसार संगणित किया जायेगा-
(i) पुनरीक्षण के पूर्व वेतन आहरण की अवधि के लिए मूल वेतन में प्राप्त वास्तविक मंहगाई भत्ता तथा अंतरिम राहत की प्रथम एवं द्वितीय किश्तें जोड़ी जावेंगी।
(ii) पुनरीक्षित वेतनमान में आहरण की अवधि के लिए आहरित मूल वेतन गणना में लिया जायेगा।
[म.प्र. शासन, वित्त विभाग ज्ञाप क्रमांक बी - 25/7/98/PWC/चार, दिनांक 14-7-98]
पांचवे केन्द्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के फलस्वरूप दिनांक 1-1-1996 एवं उनके पश्चात् सेवानिवृत्त होने पर पेंशन का पुनरीक्षण -
संदर्भ - वित्त विभाग का ज्ञाप क्रमांक बी - 25/7/98/पी.डब्ल्यू.सी./चार (भाग 1), दिनांक 14-7-1998।
वित्त विभाग के संदर्भित ज्ञापन क्रमांक एफ. 25/7/98/पी. डब्ल्यू.सी./चार (भाग 1) दिनांक 14-7-1998 की कंडिका 3.2 में पेंशन की गणना हेतु औसत उपलब्धियों के संबंध में निम्नानुसार प्रावधान है-
''ऐसे पेंशनभोगी जो मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 के प्रभावशील होने के दिनांक से 10 माह की अवधि के अन्दर सेवानिवृत्त होते हैं तथा पुनरीक्षित वेतनमान का विकल्प लेते हैं, के मामले में सेवानिवत्ति के पर्व 10 माह के लिये मल वेतन निम्नानुसार संगणित किया जाएगा-
(1) पुनरीक्षण के पूर्व वेतन आहरण की अवधि के लिये मूल वेतन में प्राप्त वास्तविक महंगाई भत्ता तथा अंतरिम राहत की प्रथम एवं द्वितीय किश्तें जोड़ी जावेंगी।
(2) पुनरीक्षित वेतनमान में आहरण की अवधि के लिये आहरित मूल वेतन गणना में लिया जावेगा।"
2. राज्य शासन को, अनेक पेंशनर एवं उसके संगठनों से ऐसे कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें उपर्युक्तानुसार निहित किये गये तरीके से पेंशन गणना के परिणामस्वरूप दिनांक 1-1-1996 से संशोधित वेतनमानों में आने के 10 माह की अवधि के भीतर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी 1-1-1996 से पूर्व समान पद और पूर्व संशोधित वेतनमान में वेतन के समान स्तर पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अनुज्ञेय पेंशन से, कम पेंशन प्राप्त हुई।
3. राज्य शासन द्वारा इन अभ्यावेदनों पर सावधानीपूर्वक विचार कर अब यह निर्णय लिया गया है कि वित्त विभाग के उक्त संदर्भित ज्ञात दिनांक 14-7-98 के पैरा 3.2 में निहित उपबंधों के स्थान पर, दिनांक 1-1-96 से 30-9-96 तक की अवधि के भीतर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के संबंध में निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाए-
“राज्य शासन के ऐसे कर्मचारी, जिन्होंने मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम, 1998 के अंतर्गत संशोधित वेतनमान हेतु विकल्प दिया है और दिनांक 1-1-1996 के पश्चात् 10 महीने की अवधि के भीतर सेवानिवृत्त हो गए हैं, उनकी पेंशन की पात्रता का निर्धारण करने के प्रयोजनार्थ, पूर्ववर्ती 10 माह के मूल वेतन पर आधारित औसत परिलब्धियों की गणना नीचे दिये अनुसार की जायेगी।
(क) उस अवधि हेतु जिसमें पूर्व संशोधित वेतनमान में वेतन आहरित किया गया है-
पूर्व संशोधित वेतनमान में वेतन आहरित किये गये महीनों की कुल परिलब्धियां निम्नलिखित को हिसाब में लेने के पश्चात् की जायेगी-
(1) मूल वेतन (वेतनवृद्धियों सहित, यदि कोई मध्यवर्ती अवधि के दौरान आहरित की गई)
(2) मंहगाई भत्ता उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 तक अर्थात मूल वेतन के 148 प्रतिशत, 111 प्रतिशत और 96 प्रतिशत की दर से, जैसा भी मामला हो।
(3) संगत अवधि के दौरान आहरित मूल वेतन पर अंतरिम राहत की समुचित पहली और दूसरी किश्तें।
(4) पूर्व संशोधित वेतनमान में मूल वेतन पर 40 प्रतिशत निर्धारण लाभ (Fitment benefit) देते हुए मूल वेतन में प्रकल्पित वृद्धि (Notional increase).
(ख) उस अवधि हेतु जिसमें वेतन संशोधित वेतनमान में आहरित किया गया है-
उन महीनों के मूल वेतन का पूर्ण योग जिसमें संशोधित वेतनमान में वेतन आहरित किया गया।
पूर्ववर्ती 10 महीनों की औसत परिलब्धियों की गणना (क) और (ख) को जोड़कर 10 से भाग करके की जाएगी।
परिणामस्वरूप अनुज्ञेय पेंशन की गणना मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 में परिभाषित अनुसार औसत उपलब्धियों के 50 प्रतिशत की दर से की जायेगी।
4. सुलभ संदर्भ हेतु परिशिष्ट-1 पर उदाहरण भी संलग्न हैं।
5. सभी संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन को निर्देशित किया जाता है कि दिनांक 1-1-96 से 30-9-96 की अवधि के बीच सेवानिवृत्त हुए उनके संभाग के अंतर्गत निराकृत पेंशन प्रकरणों में संबंधित पेंशनरों से पुनः आवेदन प्राप्त किए बिना, उपर्युकत निर्देशों के अनुसार स्वयमेव पेंशन पुनरीक्षण की कार्यवाही करें तथा यह कार्य अनिवार्यतः दिनांक 31-12-2001 तक पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए।
6. सभी विभागाध्यक्षों/कार्यालय प्रमुखों का यह दायित्व होगा कि यदि उपर्युक्तानुसार प्रभावित पेंशनर्स की सेवा-पुस्तिकाओं को संबंधित संभाग के संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, पेंशन द्वारा पेंशन प्रकरण के निराकरण पश्चात् यदि उन्हें लौटा दी गई हैं तो वे संबंधियों से पुनः आवेदन-पत्र प्राप्त किए बिना ही उपुर्यक्त निर्देशों के अनुसार पुनरीक्षित पेंशन प्रकरण तैयार कर मय सेवा-पुस्तिका के संबंधित संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा को पेंशन के पुनरीक्षण हेतु भेजें।
7. समस्त कोषालय अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि उपर्युक्तानुसार 'पुनरीक्षित पेंशन भुगतान आदेश' प्राप्त होने पर संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की संबंधित शाखा जिसमें पेंशनर भुगतान प्राप्त कर रहा हो, पूर्व पी. पी. ओ. के तारतम्य में भुगतान की आवश्यक कार्यवाही हेतु पृष्ठांकित करेंगे ताकि पेंशनर को पुनः भुगतान की आवश्यकता न हो तथा कोई अन्य असुविधा का सामना न करना पड़े।
8. मृत पेंशनर के मामले में इस आदेश के अंतर्गत देय बकाया पेंशन की राशि का भुगतान "Life Time arrears of Pension" के बतौर किया जाएगा।
[वित्त विभाग क्र. एफ. 25/7/98/चार/PWC, दिनांक 6-10-2001]
परिशिष्ट - 1
उदाहरण
* पुनरीक्षण (दिनांक 1-1-96) के पूर्व वेतनमान | रु. 2200-4000 |
* तदनुरूप संशोधन वेतनमान (दिनांक 1-1-96 से प्रवृत्त) | रु. 8000-13500 |
* पुनरीक्षण के पूर्व वेतनमान में वेतनवृद्धि की तारीख | 1-6-1995 |
* पुनरीक्षण के पूर्व वेतनमान में मूल वेतन- | |
(1) मई, 1995 तक | रु. 3,400 |
(2) जून से दिसंबर 95 तक | रु. 3, 500 |
* सेवानिवृत्ति की तारीख | 31-1-1996 |
(अ) पुनरीक्षण के पूर्व वेतनमान में आहरित परिलब्धियाँ- | |
(1) दिनांक 1-4-95 से 30-4-95 तक (1 माह) का मूल वेतन | रु. 3400 |
मंहगाई भत्ता, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 के आधार पर | रु. 5032 |
(इस प्रकरण में 148 प्रतिशत लागू दर से) | रु. 440 |
अंतरिम राहत किश्त 1 व 2 (रु.100 एवं मूल वेतन का 10 प्रतिशत) | |
निर्धारण लाभ (फिटमेण्ट वैटेज) (मूल वेतन का 40 %) | रु. 1,360 |
कुल रु. 10,232 | |
दो माह (अप्रैल और मई 1995) की कुल उपलब्धिया (10232 x 2) | रु. 20464 |
(2) दिनांक 1-6-95 से 30-6-95 तक मूल वेतन | रु. 3,500 |
मंहगाई भत्ता उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 के आधार पर | रु. 5,180 |
(इस प्रकरण में 148% की दर से) | |
अंतरिम राहत किश्त 1 व 2 (रु.100 एवं मूल वेतन का 10 प्रतिशत) | रु. 450 |
निर्धारण लाभ (फिटमेण्ट वैटेज) (मूल वेतन का 40%) | रु. 1, 400 |
कुल रु. 10,530 | |
सात माह की कुल उपलब्धियां | रु. 73,710 |
(अर्थात् दिनांक 1-6-95 से 31-12-95 तक (7x10, 530) | |
(ब) पुनरीक्षित वेतनमान में आहरित उपलब्धियाँ- | |
दिनांक 1-1-96 से 31-1-1996 तक (1 माह) मूल वेतन | रु. 10,750 |
एक माह की कुल उपलब्धियाँ | रु. 10,750 |
(स) 10 माह की कुल उपलब्धियां | रु. 1,04,924 |
[(अ) (1) + (अ) (2) + (ब)] | |
(रु. 20,464 + 73,710 + 10,750 = 1,04,924) | |
(द) औसत उपलब्धियाँ | रु. 10,492 |
(1,04,924/10 = 10,492) | |
मासिक पेंशन | |
(औसत उपलब्धियों का 50 प्रतिशत अर्थात् | 5246/- |
(द) का 50% अर्थात् 10,492/2 = 5,246) |
टीप-
(अ) पुनरीक्षण पूर्व वेतनमान में मूल वेतन का 40% निर्धारण लाभ (fitment Benefit) जोड़ा जाए।
(ब) वास्तविक आहरित मंहगाई भत्ते के स्थान पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 1510 के आधार पर मूल वेतन के विशेष स्लेब के सुसंगत मंहगाई भत्ते की राशि में गणना में ली जायेगी।
पुनरीक्षित वेतन/प्राप्त कर रहे पेंशनरो/परिवार पेंशनरों की पेंशन का पुनरीक्षण
पुनरीक्षित वेतन ढांचे में जो 1.1.06 से लागू हुआ है, पेंशन का निर्धारण अन्तिम माह के मूल वेतन + ग्रेड पे के योग पर होगा। 33 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर पेंशन मूल वेतन + ग्रेड पे का 50% निर्धारित होगी। न्यूनतम पेंशन 3025/ होगी।
परिवार पेंशन : अन्तिम मूल वेतन (वेतन बेन्ड में वेतन + ग्रेड पे) के 30% की दर पर देय होगी। न्यूनतम परिवार पेंशन 3025/- होगी। वृद्ध पेंशनरो को देय अतिरिक्त पेंशन की राशि इस सीमा से पृथक होगी।
अतिरिक्त पेंशन : वृद्ध पेंशनरों को निम्न तालिका के अनुसार अतिरिक्त पेंशन निम्न तालिकानुसार देय होगी:-
पेंशनर/परिवार पेंशनर की
|
उम्र अतिरिक्त राशि
|
80 वर्ष तक
|
मूल पेंशन
|
80 वर्ष से 85 वर्ष तक
|
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 20%
|
85 वर्ष से 90 वर्ष तक
|
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 30%
|
90 वर्ष से 95 वर्ष तक
|
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 40%
|
95 वर्ष से 100 वर्ष तक
|
मूल पेंशन पेंशन का 50%
|
100 वर्ष या अधिक
|
मूल पेंशन/परिवार पेंशन का 100%
|
अतिरिक्त पेंशन, संवितरण कर्ता अधिकारी स्वीकृत करेंगे इसके लिये पृथक से प्राधिकार की आवश्यकता नहीं होगी। अतिरिक्त पेंशन की राशि पेंशनर के भुगतान आदेश में पृथक से दर्शाई जावेगी। परिवार पेंशन भोगी को, आय का प्रमाण पत्र अतिरिक्त पेंशन प्राप्त करने हेतु प्रस्तत करना होगा। अतिरिक्त पेंशन निर्धारित आयु पूर्ण होने के आगामी माह से देय होगी।
(4) 31-8-08 के पश्चात् सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन परिलब्धी निम्नानुसार होगी :
(क) मृत्यु सह सेवा निवत्ति उपदान की राशि का निर्धारण अन्तिम माह के (मल वेतन + ग्रेड पे) तथा इस पर देय महगाई वेतन पर होगा। 33 वर्ष की सेवा पर 16 1/2 माह की उपलब्धियां या रु. दस लाख जो भी कम हो, देय होगी।
(ख) पेंशन को कम्युटेशन मूल्य की गणना, म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन का कम्युटेशन) नियम 1996 के नियम (8) के अनुसार तथा सारणी अधि क्र. 25/8/98/PWC/चार दिनांक 7.2.2000 के अनुसार होगी।
(ग) अर्जित अवकाश में मूल वेतन (वेतन बेड में वेतन+ ग्रेड पे) तथा इस पर देय महगांई भत्ता को मासिक उपलब्धि माना जावेगा। अर्जित अवकाश नगदी करण की पात्रता तथा शर्तें पूर्वानुसार ही रहेगी।
(5) 1-1-06 से 31-8-08 तक सेवानिवृत्त/दिवगंत कर्मचारियों की पेंशन काल्पनिक तौर पर की जाकर वास्तविक भुगतान 1-9-08 से किया जावेगा।
(6) ये आदेश म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 तथा म.प्र. कार्यभारित तथा आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले कर्मचारी (पेंशन) नियम 1979 के अधीन देय पेंशन पर लागू होंगे।
(7) इन नियमों के अन्तर्गत समेकित पेंशन मूल पेंशन होगी। इस पर :-
1 सितम्बर 2008 से 12%
1 जुलाई 2009 से 16%
महगाई राहत देय होगी।
(8) उपरोक्तानुसार संशोधन पेंशन नियमों में किये जा रहे हैं।
चेकिंग के लिये कुछ निर्धारण नीचे दिये जा रहे हैं।
मूल पेंशन मंहगाई पेंशन रहित |
मूल पेंशन+राहत |
पुनरीक्षित पेंशन |
मूल पेंशन |
मूल पेंशन+राहत |
पुनरीक्षित पेंशन |
3025 3050 3100 3150 3200 3250 3300 3350 3400 3500 3600 3700 3800 3900 4000 5100 5200 5300 |
4538 4575 4650 4725 4800 4875 4950 5025 5100 5250 5400 5550 5700 5850 6000 7650 7800 7950 |
6837 6893 7006 7119 7232 7345 7450 7541 7684 7910 8136 8362 8588 8844 9040 11529 11752 11978 |
5400 5500 6000 7000 8000 9000 10000 10500 11000 12000 13000 14000 15000 16000 17000 18000 19000 20000 |
8100 8250 9000 10500 12000 13500 15000 15750 16500 18000 19500 21000 22500 24000 25500 27000 28500 30000 |
12204 12430 13560 15820 18080 20340 22600 23730 24860 27120 29380 31640 33900 36160 38420 40680 42940 45200 |