सेवा में व्यवधान का दोषमार्जन (Condonation of interruption in service)
Updated: Feb, 18 2021
Rule 28 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976
[नियम 28. सेवा में व्यवधान का दोषमार्जन (Condonation of interruption in-service) - (1) सेवा पुस्तिका में, प्रतिकूल विनिर्दिष्ट उपदर्शन के अभाव में, सरकार के अधीन किसी शासकीय सेवक द्वारा दो बार की गई सिविल सेवा के बीच में व्यवधान स्वयमेव दोषमार्जित माना जाएगा तथा व्यवधान पूर्व सेवा अर्हतादायी सेवा मानी जायेगी।
(2) उपनियम (1) में की गई कोई भी बात सेवा से त्याग पत्र देने, पदच्युत किए जाने या सेवा से हटाये जाने या हड़ताल में भाग लेने के कारण उत्पन्न व्यवधान को लागू नहीं होगी।
(3) उपनियम (2) में निर्दिष्ट व्यवधान की कालावधि अर्हतादायी सेवा के रूप में संगणित नहीं की जायेगी।] [वित्त विभाग अधिसूचना क्र. एफ. बी 25/6/95/PWC/चार, दिनांक 20-10-95 द्वारा संशोधित।]