मिलिटरी सेवा (अनियमिति/बिल्कुल अस्थायी) और भारतीय राष्ट्रीय आर्मी में की गई सेवा की गणना (Counting of (Non-Regular/Purely Temporary) Military Service and Service Rendered in the Indian National Army)
Updated: Mar, 04 2021
Rule 20 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976
नियम 20. मिलिटरी सेवा (अनियमिति/बिल्कुल अस्थायी) और भारतीय राष्ट्रीय आर्मी में की गई सेवा की गणना (Counting of (None-Regular/Purely Temporary) Military Service and Service Rendered in the Indian National Army) - जिन प्रकरणों में किसी व्यक्ति ने 2.10.69 के पूर्व निरस्त मिलिटरी से (अनियमित/बिल्कुल अस्थायी) जो कि आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की युद्ध सेवा के साथ न की गई हो, की संगणना के लिये आवेदन किया है यदि ऐसा सेवा में नियुक्ति राज्य शासन के अधीन किसी पेंशन योग्य पद पर बिना व्यवसाय के की गई है तो सिविल पेंशन के लिये सम्पूर्ण सेवा संगणित करने की अनुमति निम्नानुसार शर्तों के अधीन दी जा सकेगी, अर्थात्-
(i) सम्बन्धित शासकीय सेवक द्वारा मिलिटरी नियम के अधीन, प्रश्नाधीन सेवा के सम्बन्ध में कोई पेंशन प्राप्त नहीं की गई हो।
(ii) उन सेवाओं अथवा पदों के प्रकरण में जिसके सम्बन्ध में न्यूनतम आयु निर्धारित है जहाँ तक पहुंचने के पहले सिविल नियमों के अधीन पेंशन के लिये सेवा संगणित नहीं की जाती है, उस आयु से कम की गई कोई मिलिटरी सेवा पेंशन के लिये संगणित करने के लिये अनुमति नहीं दी जावेगी।
(iii) यदि, शासकीय सेवक को ऐसी सेवा के लिये कोई निवृत्ति उपदान स्वीकृत किया गया है तो वैसा उपदान रक्षा प्राधिकारियों को लौटाया जावेगा जो कि प्रश्नाधीन सेवा के लिये पेंशनिक दायित्व को वहन करेगा।
(iv) जहां मिलिटरी सेवा (अस्थायी अथवा अनियमित) और राज्य शासन के अधीन पेंशन योग्य सेवा में व्यवधान हो तो वह व्यवधान नियम 28 के प्रावधानों के अधीन दोषमार्जित किया जा सकेगा।
(2) (ए) निम्नलिखित वर्गों के व्यक्तियों द्वारा भारतीय राष्ट्रीय आर्मी में की गई सेवा को सिविल पेंशन में संगणना के उद्देश्यों के लिये राज्य शासन के कर्मचारियों को लागू नियम 19 के निबन्धनों के अनुसार युद्ध सेवा के रूप में जाना जा सकेगा-
(i) व्यक्ति जो भारतीय राष्ट्रीय आर्मी में प्रविष्ट होने के पूर्व राज्य शासन के अधीन सिविल पदों को धारित करते थे और उसी पद पर पुनः स्थापित किये गये हैं।
(ii) व्यक्ति जो भारतीय राष्ट्रीय आर्मी में प्रविष्ट होने के पूर्व सिविल पद धारित किये हए थे अथवा भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सदस्य थे और राज्य शासन के अधीन किन्हीं अन्य सिविल पदों पर पुनर्नियुक्त किये गये हैं।
(iii) व्यक्ति जो भारतीय राष्ट्रीय आर्मी में, साधारण जनता से अथवा सशस्त्र सेनाओं से संयोजित हुए थे और उसके पश्चात् राज्य शासन के अधीन सिविल पदों पर संगणित किए गए है।
(बी) भारतीय राष्ट्रीय आर्मी में की सेवा, प्रशासनिक प्राधिकारियों द्वारा जारी किये गये इस आशय के प्रमाण-पत्र के आधार पर कि क्लेम वास्तविक और सही है, स्वीकार की जावेगी। सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों अथवा संपार्श्विक साक्ष्य आदि के प्रमाणीकरण के पश्चात् ही प्रशासनिक प्राधिकारी ऐसा प्रमाण-पत्र देवेंगे। उपर्युक्त वर्ग (iii) से सम्बन्धित अभिलेखों के साथ उनके उस आर्मी में होने का संपार्श्विक साक्ष्य के प्रस्तुतीकरण का आग्रह किया जाना चाहिए ।