मोटर यानों के चलाने की शिक्षा देने के लिए विद्यालयों या स्थापनों का अनुज्ञापन और विनियमन (Licensing and regulation of schools or establishments for imparting instruction in driving of motor vehicles)
Updated: Feb, 06 2021
Section 12 of Motor Vehicles Act in Hindi and English
12. मोटर यानों के चलाने की शिक्षा देने के लिए विद्यालयों या स्थापनों का अनुज्ञापन और विनियमन -- (1) केन्द्रीय सरकार, मोटर यानों के चलाने और उससे संबंधित विषयों में शिक्षा देने के लिए विद्यालयों या स्थापनों के (चाहे वे किसी भी नाम से ज्ञात हों) राज्य सरकारों द्वारा अनुज्ञापन और विनियमन के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी ।
(2) विशिष्टतः और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियमों में निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध किया जा सकेगा, अर्थात् :-
(क) ऐसे विद्यालयों या स्थापनों का अनुज्ञापन जिसके अन्तर्गत ऐसी अनुज्ञप्तियों का दिया जाना, नवीकरण और प्रतिसंहरण भी है;
(ख) ऐसे विद्यालयों या स्थापनों का पर्यवेक्षण;
(ग) आवेदन का प्ररूप और अनुज्ञप्ति का प्ररूप और वे विशिष्टियां, जो उसमें अन्तर्विष्ट होंगी;
(घ) वह फीस जो ऐसी अनुज्ञप्तियों के लिए आवेदन के साथ दी जाएगी;
(ङ) वे शर्ते जिनके अधीन रहते हुए ऐसी अनुज्ञप्तियां दी जा सकेंगी;
(च) ऐसी अनुज्ञप्तियों के दिए जाने या नवीकरण से इंकार किए जाने के आदेशों के विरुद्ध अपीलें और ऐसी अनुज्ञप्तियों का प्रतिसंहरण करने वाले आदेशों के विरुद्ध अपीलें;
(छ) वे शर्ते जिनके अधीन रहते हुए कोई व्यक्ति मोटर यानों के चलाने में शिक्षा देने के लिए किसी ऐसे विद्यालय या स्थापन की स्थापना और उसका अनुरक्षण कर सकेगा:
(ज) किसी मोटर यान के चालन में दक्षतापूर्ण शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम या पाठ्यक्रमों की प्रकृति पाठय विवरण और अवधि:
(झ) ऐसी शिक्षा देने के प्रयोजन के लिए अपेक्षित साधित्र और उपस्कर (जिनके अंतर्गत दोहरे नियंत्रण से युक्त मोटर यान उपस्कर भी है);
(ञ) ऐसे परिसरों की उपयुक्तता जिनमें ऐसे विद्यालयों या स्थापनों की स्थापना या अनुरक्षण किया जा सकेगा और वे सुविधाएं जो उनमें दी जाएंगी;
(ट) शैक्षिक और वृत्तिक दोनों अर्हताएं (जिनके अंतर्गत अनुभव भी हैं) जो मोटर यान चलाने की शिक्षा देने वाले व्यक्ति के पास होनी चाहिए;
(ठ) ऐसे विद्यालयों और स्थापनों का निरीक्षण (जिसके अंतर्गत उनके द्वारा दी जाने वाली सेवाएं और ऐसी शिक्षा देने के लिए उनके द्वारा रखे गए साधित्र, उपस्कर और मोटर यान भी है);
(ड) ऐसे विद्यालयों या स्थापनों द्वारा अभिलेखों का रखा जाना;
(ढ) ऐसे विद्यालयों या स्थापनों का वित्तीय स्थायित्व;
(ण) चालन प्रमाण-पत्र, यदि कोई हो, जो ऐसे विद्यालयों या स्थापनों द्वारा दिए जाएंगे और वह प्ररूप जिसमें ऐसे चालन प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे और वे अपेक्षाएं जिनका ऐसे प्रमाण-पत्र देने के प्रयोजनों के लिए अनुपालन किया जाएगा;
(त) ऐसे अन्य विषय जो इस धारा के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए आवश्यक हो ।
(3) जहां केन्द्रीय सरकार का समाधान हो जाता है कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, वहां वह इस निमित्त बनाए गए नियमों द्वारा, साधारणतया या तो आत्यंतिक रूप से या ऐसी शर्तों के अधीन रहते हए जो नियमों में विनिर्दिष्ट की जाए, मोटर यान के चालन में या उससे संबंधित विषयों में शिक्षा देने वाले किसी वर्ग के विद्यालयों या स्थापनों को इस धारा के उपबंधों से छूट दे सकेगी।
(4) इस अधिनियम के प्रारंभ के ठीक पूर्व मोटर यानों के चालन या उससे संबंधित विषयों में शिक्षा देने वाला कोई विद्यालय या स्थापन, चाहे वह अनुज्ञप्ति के अधीन हो अथवा न हो, ऐसे प्रारंभ से एक मास की अवधि तक इस अधिनियम के अधीन दी जाने वाली अनुज्ञप्ति के बिना ऐसी शिक्षा देना चालू रख सकेगा और यदि उसने एक मास की उक्त अवधि के भीतर इस अधिनियम के अधीन ऐसी अनुज्ञप्ति के लिए कोई आवेदन किया है और ऐसा आवेदन विहित प्ररूप में है, उसमें विहित विशिष्टियां दी गई हैं और उसके साथ विहित फीस है, तो अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा ऐसे आवेदन के निपटाए जाने तक ऐसी शिक्षा देना चालू रख सकेगा।
(5) किसी अन्य उपबंध में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी जहां किसी स्कूल या स्थापन को तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित निकाय द्वारा प्रत्यायन प्रदान किया गया है, कोई व्यक्ति, जिसने ऐसे स्कूल या स्थापन में सफलतापूर्वक कोई प्रशिक्षण माड्यूल पूरा कर लिया है, जिसके अंतर्गत कोई विशिष्ट किस्म का मोटर यान आता है, वह ऐसी किस्म के मोटर यान के लिए चालन अनुज्ञप्ति अभिप्राप्त करने के लिए पात्र होगा।
(6) उपधारा (5) में निर्दिष्ट प्रशिक्षण माड्यूल और धारा 9 की उपधारा (5) में निर्दिष्ट उपचारी चालक प्रशिक्षणचर्या का पाठ्यक्रम वह होगा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए और केन्द्रीय सरकार ऐसे स्कूलों या स्थापनों के विनियमन के लिए नियम बना सकेगी ।]
12. Licensing and regulation of schools or establishments for imparting instruction in driving of motor vehicles -- (1) The Central Government may make rules for the purpose of licensing and regulating, by the State Governments, schools or establishments (by whatever name called) for imparting instruction in driving of motor vehicles and matters connected therewith.
(2) In particular, and without prejudice to the generality of the foregoing power, such rules may provide for all or any of the following matters, namely :
(a) licensing of such schools or establishments including grant, renewal and revocation of such licences;
(b) supervision of such schools or establishments;
(c) the form of application and the form of licence and the particulars to be contained therein;
(d) fee to be paid with the application for such licences;
(e) conditions subject to which such licences may be granted;
(f) appeals against the orders of refusal to grant or renew such licences and appeals against the orders revoking such licences;
(g) conditions subject to which a person may establish and maintain any such school or establishment for imparting instruction in driving of motor vehicles;
(h) nature, syllabus and duration of course or courses for efficient instruction in driving any motor vehicle;
(i) apparatus and equipments (including motor vehicles fitted with dual control) required for the purpose of imparting such instruction;
(j) suitability of the premises at which such schools or establishments may be established or maintained and facilities to be provided therein;
(k) qualifications, both educational and professional (including experience), which a person imparting instruction in driving a motor vehicle shall possess;
(l) inspection of such schools and establishments (including the services · rendered by them and the apparatus, equipments and motor vehicles maintained by them for imparting such instruction);
(m) maintenance of records by such schools or establishments;
(n) financial stability of such schools or establishments;
(o) the driving certificates, if any, to be issued by such schools or establishments and the form in which such driving certificates shall be issued and the requirements to be complied with for the purposes of issuing such certificates;
(p) such other matters as may be necessary to carry out the purposes of this section.
(3) Where the Central Government is satisfied that it is necessary or expedient so to do, it may, by rules made in this behalf, exempt generally, either absolutely or subject to such conditions as may be specified in the rules, any class of schools or establishments imparting instruction in driving of motor vehicles or matters concerned therewith from the provisions of this section.
(4) A school or establishment imparting instruction in driving of motor vehicles or matters connected therewith immediately before the commencement of this Act, whether under a licence or not, may continue to impart such instruction without a licence issued under this Act for a period of one month from such commencement, and if it has made an application for such licence under this Act within the said period of one month and such application is in the prescribed form, contains the prescribed particulars and is accompanied by the prescribed fee, till the disposal of such application by the licensing authority.
(5) Notwithstanding anything contained in any other provision, where any school or establishment has been accredited by a body notified by the Central Government under any other law for the time being in force, any person who has successfully completed a training module at such school or establishment covering a particular type of motor vehicle shall be eligible to obtain a driving licence for such type of motor vehicle.
(6) The curriculum of the training module referred to in sub-section (5) and the remedial driver training course referred to in sub-section (5) of section 9 shall be such as may be prescribed by the Central Government and that Government may make rules for the regulation of such schools or establishments.