Updated: Jan, 29 2021

Section 156 of Indian Evidence Act in Hindi and English

156. सुसंगत तथ्य के साक्ष्य की सम्पुष्टि करने की प्रवृत्ति रखने वाले प्रश्न ग्राह्य होंगे -- जबकि कोई साक्षी, जिसकी संपुष्टि करना आशयित हो, किसी सुसंगत तथ्य का साक्ष्य देता है, तब उससे ऐसी अन्य किन्हीं भी परिस्थितियों के बारे में प्रश्न किया जा सकेगा, जिन्हें उसने उस समय या स्थान पर, या के निकट सम्प्रेक्षित किया, जिस पर ऐसा सुसंगत तथ्य घटित हुआ, यदि न्यायालय की यह राय हो कि ऐसी परिस्थितियाँ, यदि वे साबित हो जाएं साक्षी के उस सुसंगत तथ्य के बारे में, जिसका वह साक्ष्य देता है, परिसाक्ष्य को सम्पुष्ट करेगी।

दृष्टांत

क एक सह-अपराधी किसी लूट का, जिसमें उसने भाग लिया था, वृत्तांत देता है। वह लूट से असंसक्त विभिन्न घटनाओं का वर्णन करता है जो उस स्थान को और जहां कि वह लूट की गई थी, जाते हुए और वहां से आते हुए मार्ग में घटित हुई थीं।

इन तथ्यों का स्वतंत्र साक्ष्य स्वयं उस लूट के बारे में उसके साक्ष्य को सम्पुष्ट करने के लिए दिया जा सकेगा।

156. Questions tending to corroborate evidence of relevant fact, admissible -- When a witness whom it is intended to corroborate gives evidence of any relevant fact, he may be questioned as to any other circumstances which he observed at or near to the tirne or place at which such relevant fact occurred, if the Court is of opinion that such circumstances, if proved, would corroborate the testimony of the witness as to the relevant fact which he testifies.

Illustration

A, an accomplice, gives an account of a robbery in which he took part. He describes various incidents unconnected with the robbery which occurred on his way to and from the place where it was committed.

Independent evidence of these facts may be given in order to corroborate his evidence as to the robbery itself.