विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन दस्तावेज के बारे में साक्ष्य (Evidence as to document unmeaning in reference to existing facts)
Updated: Jan, 29 2021
Section 95 of Indian Evidence Act in Hindi and English
95. विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन दस्तावेज के बारे में साक्ष्य -- जबकि दस्तावेज में प्रयुक्त भाषा स्वयं स्पष्ट हो, किन्तु विद्यमान तथ्यों के संदर्भ में अर्थहीन हो, तो यह दर्शित करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकेगा, कि वह एक विशिष्ट भाव में प्रयुक्त की गई थी।
दृष्टांत
ख को क “मेरा कलकत्ते का गृह" विलेख द्वारा बेचता है।
क का कलकत्ते में कोई गृह नहीं था किन्तु यह प्रतीत होता है कि उसका हावड़ा में एक गृह था जो विलेख के निष्पादन के समय से ख के कब्जे में था।
इन तथ्यों को यह दर्शित करने के लिए साबित किया जा सकेगा कि विलेख का संबंध हावड़ा के गृह से था।
95. Evidence as to document unmeaning in reference to existing facts - When language used in a document is plain in itself, but is unmeaning in reference to existing facts, evidence may be given to show that it was used in a peculiar sense.
Illustration
A sells to B, by deed, “my house in Calcutta”.
A had no house in Calcutta, but it appears that he had a house at Howrah, of which B had been in possession since the execution of the deed.
These facts may be proved to show that the deed related to the house at Howrah.