इलेक्ट्रानिक अभिलेखों और इलेक्ट्रानिक चिह्नक के बारे में उपधारणा (Presumptions as to electronic records and electronic signatures)
Updated: Jan, 29 2021
Section 85-B of Indian Evidence Act in Hindi and English
85-ख. इलेक्ट्रानिक अभिलेखों और इलेक्ट्रानिक चिह्नक के बारे में उपधारणा -- (1) किन्हीं ऐसी कार्यवाहियों में, जिनमें सुरक्षित इलेक्ट्रानिक अभिलेख अंतर्वलित हैं, जब तक कि इसके प्रतिकूल साबित नहीं कर दिया जाता, न्यायालय यह उपधारित करेगा कि सुरक्षित इलेक्ट्रानिक अभिलेख किसी ऐसे विनिर्दिष्ट समय से, जिससे सुरक्षित प्रास्थिति संबंधित है, परिवर्तित नहीं किया गया है।
(2) किन्हीं ऐसी कार्यवाहियों में, जिनमें सुरक्षित इलेक्ट्रानिक चिह्नक अंतर्वलित हैं, जब तक कि इसके प्रतिकूल साबित नहीं कर दिया जाता, न्यायालय यह उपधारित करेगा कि :-
(क) उपयोगकर्ता द्वारा सुरक्षित इलेक्ट्रानिक चिह्नक इलेक्ट्रानिक अभिलेख को चिह्नित या अनुमोदित करने के आशय से लगाया गया है;
(ख) सुरक्षित इलेक्ट्रानिक अभिलेख या सुरक्षित इलेक्ट्रानिक चिह्नक की दशा में के सिवाय, इस धारा की कोई बात इलेक्ट्रानिक अभिलेख या इलेक्ट्रानिक चिह्नक की अधिप्रमाणिकता और समग्रता से संबंधित कोई उपधारणा सृजित नहीं करेगी।
85-B. Presumptions as to electronic records and electronic signatures -- (1) In any proceedings involving a secure electronic record, the Court shall presume unless contrary is proved that the secure electronic record has not been altered since the specific point of time to which the secure status relates.
(2) In any proceedings, involving secure electronic signature, the Court shall presume unless the contrary is proved that-
(a) the secure electronic signature is affixed by subscriber with the intention of signing or approving the electronic record;
(b) except in the case of a secure electronic record or a secure electronic signature, nothing in this section shall create any presumption relating to authenticity and integrity of the electronic record or any electronic signature.