धारा 41 में वर्णित से भिन्न निर्णयों, आदेशों या डिक्रियों की सुसंगति और प्रभाव (Relevancy and effect of judgments, orders or decrees, other than those mentioned in section 41)
Updated: Jan, 27 2021
Section 42 of Indian Evidence Act in Hindi and English
42. धारा 41 में वर्णित से भिन्न निर्णयों, आदेशों या डिक्रियों की सुसंगति और प्रभाव -- वे निर्णय, आदेश या डिक्रियाँ जो धारा 41 में वर्णित से भिन्न हैं, यदि वे जांच में सुसंगत लोक प्रकृति की बातों से संबंधित हैं, तो वे सुसंगत हैं, किन्तु ऐसे निर्णय, आदेश या डिक्रियाँ उन बातों का निश्चायक सबूत नहीं हैं जिनका वे कथन करती हैं।
दृष्टांत
क अपनी भूमि पर अतिचार के लिए ख पर वाद लाता है। ख उस भूमि पर मार्ग के लोक अधिकार का अस्तित्व अभिकथित करता है जिसका क प्रत्याख्यान करता है।
क द्वारा ग के विरुद्ध उसी भूमि पर अतिचार के लिए वाद में, जिसमें ग ने उसी मार्गाधिकार का अस्तित्व अभिकथित किया था, प्रतिवादी के पक्ष में डिक्री का अस्तित्व सुसंगत है, किन्तु वह इस बात का निश्चायक सबूत नहीं है कि वह मार्गाधिकार अस्तित्व में है।
42. Relevancy and effect of judgments, orders or decrees, other than those mentioned in section 41 -- Judgments, orders or decrees other than those mentioned in section 41, are relevant if they relate to matters of a public nature relevant to the enquiry; but such judgments, orders or decrees are not conclusive proof of that which they state.
Illustration
A Sues B for trespass on his land. B alleges the existence of a public right of way. over the land, which A denies.
The existence of a decree in favour of the defendant, in a suit by A against C for a trespass on the same land in which C alleged the existence of the same right of way, is relevant, but it is not conclusive proof that the right of way exists.