अन्यथा सुसंगत संस्वीकृति का गुप्त रखने के वचन आदि के कारण विसंगत न हो जाना (Confession otherwise relevant not to become irrelevant because of promise of secrecy, etc.)
Updated: Jan, 26 2021
Section 29 of Indian Evidence Act in Hindi and English
29. अन्यथा सुसंगत संस्वीकृति का गुप्त रखने के वचन आदि के कारण विसंगत न हो जाना -- यदि ऐसी संस्वीकृति अन्यथा सुसंगत है, तो वह केवल इसलिए कि वह गुप्त रखने के वचन के अधीन या उसे अभिप्राप्त करने के प्रयोजनार्थ अभियुक्त व्यक्ति से की गई प्रवंचना के परिणामस्वरूप, या उस समय जबकि वह मत्त था, की गई थी अथवा इसलिए कि ऐसे प्रश्नों के, चाहे उनका रूप कैसा ही क्यों न रहा हो, उत्तर में की गई थी जिनका उत्तर देना उसके लिए आवश्यक नहीं था, अथवा केवल इसलिए कि उसे यह चेतावनी नहीं दी गई थी कि वह ऐसी संस्वीकृति करने के लिए आबद्ध नहीं था और कि उसके विरुद्ध उसका साक्ष्य दिया जा सकेगा, विसंगत नहीं हो जाती।
29. Confession otherwise relevant not to become irrelevant because of promise of secrecy, etc. -- If such a confession is otherwise relevant, it does not become irrelevant merely because it was made under a promise of secrecy, or in consequence of a deception practised on the accused person for the purpose of obtaining it, or when he was drunk, or because it was made in answer to questions which he need not have answered, whatever may have been the form of those questions, or because he was not warned that he was not bound to make such confession, and that evidence of it might be given against him.