उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के पक्षकारों के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए (Admissions by persons whose position must be proved as against party to suit)
Updated: Jan, 26 2021
Section 19 of Indian Evidence Act in Hindi and English
19. उन व्यक्तियों द्वारा स्वीकृतियाँ जिनकी स्थिति वाद के पक्षकारों के विरुद्ध साबित की जानी चाहिए -- वे कथन, जो उन व्यक्तियों द्वारा किए गए हैं जिनकी वाद के किसी पक्षकार के विरुद्ध स्थिति या दायित्व साबित करना आवश्यक है, स्वीकृतियाँ हैं, यदि ऐसे कथन ऐसे व्यक्तियों द्वारा, या उन पर लाए गए वाद में ऐसी स्थिति या दायित्व के संबंध में ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत होते और यदि वे उस समय किए गए हों जबकि उन्हें करने वाला व्यक्ति ऐसी स्थिति ग्रहण किए हुए है या ऐसे दायित्व के अधीन है।
दृष्टांत
ख के लिए भाटक संग्रह का दायित्व क लेता है।
ग द्वारा ख को शोध्य भाटक संग्रह न करने के लिए क पर ख वाद लाता है।
क इस बात का प्रत्याख्यान करता है कि ग से ख को भाटक देय था।
ग द्वारा यह कथन कि उस पर ख को भाटक देय है स्वीकृति है, और यदि क इस बात से इंकार करता है कि ग द्वारा ख को भाटक देय था तो वह क के विरुद्ध सुसंगत तथ्य है।
19. Admissions by persons whose position must be proved as against party to suit -- Statements made by persons whose position or liability it is necessary to prove as against any party to the suit are admissions, if such statements would be relevant as against such persons in relation to such position or liability in a suit brought by or against them, and if they are made whilst the person making them occupies such position or is subject to such liability.
Illustration
A undertakes to collect rents for B.
B sues A for not collecting rent due from C to B.
A denies that rent was due from C to B.
A statement by C that he owed B rent is an admission, and is a relevant fact as against A, if A denies that C did owe rent to B.