कतिपय मामलों में अधिनियम के लागू होने के लिए विशेष उपबन्ध [Special provisions for the application of act in certain cases]
Updated: Jan, 30 2021
अध्याय 2
कतिपय मामलों में अधिनियम के लागू होने के लिए विशेष उपबन्ध
4. केन्द्रीय सरकार के अधीन के कतिपय बलों पर अधिनियम का लागू होना -
(1) केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा इस अधिनियम के सभी उपबंधों को या उनमें से किसी को उपान्तरों के सहित या बिना, किसी ऐसे बल को, जो भारत में उस सरकार के प्राधिकार के अधीन समुत्थापित किया और बना रखा गया है लागू कर सकेगी और उक्त बल को तत्समय लागू किसी अन्य अधिनियमिति का प्रवर्तन निलम्बित कर सकेगी।
(2) इस अधिनियम के ऐसे लागू किए गए उपबन्ध उक्त बल के व्यक्तियों के बारे में वैसे ही प्रभावी होंगे जैसे वे इस अधिनियम के अध्यधीन के उन व्यक्तियों के बारे में प्रभावी होते हैं, जो नियमित सेना में वही या उसके समतुल्य रैंक धारण करते हैं जो पूर्वोक्त व्यक्ति उक्त बल में तत्समय धारण करते हों।
(3) इस अधिनियम के ऐसे लागू किए गए उपबन्ध, उन व्यक्तियों के बारे में भी, जो उक्त बल द्वारा नियोजित हों या उसकी सेवा में हों, या उसके अनुचारी हों, या उसके किसी प्रभाग के साथ में हों, वैसे ही प्रभावी होंगे जैसे वे उन व्यक्तियों के बारे में प्रभावी होते हैं जो [धारा 2 की उपधारा (1) के खंड (झ) के] के अधीन इस अधिनियम के अध्यधीन हैं।
(4) जब तक इस अधिनियम के कोई भी उपबन्ध उक्त बल को लागू रहें तब तक केन्द्रीय सरकार यह निदेश अधिसूचना द्वारा दे सकेगी कि उन उपबन्धों के प्रवर्तन से आनुषंगिक किसी अधिकारिता, शक्तियों या कर्तव्यों का उक्त बल के बारे में प्रयोग या पालन किसी प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा।
5. [भाग ख राज्यों के बलों को अधिनियम का लागू होना।] - विधि अनुकूलन (सं० 3) आदेश, 1956 द्वारा निरसित।
6. कतिपय दशाओं में रैंक की बाबत विशेष उपबन्ध - (1) केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा निदेश दे सकेगी कि कोई व्यक्ति या किसी वर्ग के व्यक्ति, जो धारा 2 की उपधारा (1) के खंड (झ) के अधीन इस अधिनियम के अध्यधीन हैं, आफिसरों, कनिष्ठ आयुक्त आफिसरों, वारण्ट आफिसरों या अनायुक्त आफिसरों के रूप में ऐसे अध्यधीन होंगे और वह किसी भी आफिसर को प्राधिकृत कर सकेगी कि वह वैसा ही निदेश दे और ऐसे निदेश को रद्द करे।
(2) आफिसरों, कनिष्ठ आयुक्त आफिसरों, वारंट आफिसरों और अनायुक्त आफिसरों से भिन्न वे सब व्यक्ति, जो इस अधिनियम के अध्यधीन हैं, उस दशा में अनायुक्त आफिसरों के रैंक से निम्नतर रैंक के समझे जाएंगे जिस दशा में वे ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिनके संबंध में उपधारा (1) के अधीन अधिसूचना या निदेश प्रवृत्त है।
7. उन व्यक्तियों का कमान आफिसर जो धारा 2 की उपधारा (1) के खंड (झ) के अधीन सैनिक विधि के अध्यधीन है - (1) हर व्यक्ति, जो धारा 2 की उपधारा (1) के खण्ड (झ) के अधीन इस अधिनियम के अध्यधीन हैं, इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए उस कोर, विभाग या टुकड़ी के यदि कोई हो, जिससे वह संलग्न है, कमान आफिसर के अधीन और उस दशा में, जिससे वह ऐसे संलग्न नहीं है, उस बल का जिसमें वह व्यक्ति तत्समय सेवा कर रहे हों, समादेशन करने वाले आफिसर द्वारा उसके कमान आफिसर के रूप में नामित तत्समय आफिसर या किसी अन्य विहित आफिसर के समादेश के अधीन या यदि ऐसा कोई आफिसर नामित या विहित न हो तो बल का समादेशन करने वाले उक्त आफिसर के समादेश के अधीन समझा जाएगा।
(2) किसी बल का समादेशन करने वाला आफिसर धारा 2 की उपधारा (1) के खण्ड (झ) के अधीन इस अधिनियम के अध्यधीन के किसी व्यक्ति को ऐसे व्यक्ति से निम्नतर रैंक के आफिसर के समादेश के अधीन नहीं रखेगा यदि उस स्थान में जहां ऐसा व्यक्ति है उच्चतर रैंक का कोई आफिसर विद्यमान है जिसके समादेश के अधीन वह रखा जा सकता है।
8. कतिपय दशाओं में शक्तियों का प्रयोग करने वाले आफिसर - (1) जब कभी इस अधिनियम के अध्यधीन के व्यक्ति ऐसे सैनिक संगठन का, जो इस धारा में विशिष्ट रूप से नामित नहीं है और केन्द्रीय सरकार की राय में ब्रिगेड से कम नहीं है, समादेशन करने वाले आफिसर के अधीन सेवा कर रहे हों तब वह सरकार ऐसा आफिसर विहित कर सकेगी जिसके द्वारा ऐसे व्यक्तियों के सम्बन्ध में उन शक्तियों का प्रयोग किया जाएगा जिनका इस अधिनियम के अधीन प्रयोग सेनाओं, सैन्य कोर, डिवीजनों और ब्रिगेडों का समादेशन करने वाले आफिसरों द्वारा किया जा सकता है।
(2) केन्द्रीय सरकार, ऐसी शक्तियां या तो आत्यन्तिकतः, या ऐसे निर्बन्धनों, आरक्षणों, अपवादों और शर्तों के अधीन जैसे या जैसी वह ठीक समझे, प्रदत्त कर सकेगी।
9. व्यक्तियों का सक्रिय सेवा में होना घोषित करने की शक्ति - धारा 3 के खंड (i) में किसी बात के अन्तर्विष्ट होते हुए भी, केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा घोषित कर सकेगी कि कोई व्यक्ति या किसी वर्ग के व्यक्ति, जो इस अधिनियम के अध्यधीन हैं, किसी ऐसे क्षेत्र के संबंध में, जिसमें कि वे सेवा कर रहे हों या इस अधिनियम के किसी उपबंध के या किसी अन्य तत्समय प्रवृत्त विधि के सम्बन्ध में इस अधिनियम के अर्थ में सक्रिय सेवा में समझे जाएंगे।