संविदा का प्रतिस्थापित पालन (Substituted performance of contract)
Updated: Feb, 11 2021
संविदाओं का प्रतिस्थापित पालन, आदि
20. संविदा का प्रतिस्थापित पालन.-
(1) भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 (1872 का 9) में, अंतर्विष्ट उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना और उसके सिवाय, जिस पर पक्षकार सहमत हैं, जहां संविदा किसी पक्षकार के वचन का पालन नहीं करने के कारण टूट जाती है, वहां वह पक्षकार, जो ऐसे भंग से पीड़ित होता है, किसी तीसरे पक्षकार के माध्यम से या अपने स्वयं के अभिकरण द्वारा प्रतिस्थापित पालन का और ऐसा भंग करने वाले पक्षकार से उसके द्वारा वास्तविक रूप से उपगत, व्ययनित या भुगते गए व्ययों और अन्य खर्चों को वसूल करने का, विकल्प रखेगा।
(2) उपधारा (1) के अधीन संविदा का कोई भी प्रतिस्थापित पालन तब तक नहीं किया जाएगा, जब तक ऐसे पक्षकार ने, जो ऐसे भंग से पीड़ित है, भंग करने वाले पक्षकार को तीस दिन से अन्यून का लिखित में एक नोटिस, उससे ऐसे समय के भीतर संविदा का पालन करने के लिए कहते हुए, जो उस नोटिस में विनिर्दिष्ट हो, नहीं दे देता हो और उसका ऐसा करने से इन्कार करने या ऐसा करने में असफल रहने पर वह उसका पालन किसी तीसरे पक्षकार द्वारा या अपने स्वयं के अभिकरण द्वारा कराएगा :
परंतु वह पक्षकार, जो ऐसे भंग से पीड़ित है, उपधारा (1) के अधीन व्ययों और खर्चों को वसूल करने का हकदार तब तक नहीं होगा, जब तक उसने किसी तीसरे पक्षकार के माध्यम से या अपने स्वयं के अभिकरण द्वारा संविदा का पालन न करा लिया हो ।
(3) जहां संविदा के भंग से पीड़ित पक्षकार ने उपधारा (1) के अधीन नोटिस देने के पश्चात् किसी तीसरे पक्षकार के माध्यम से या अपने स्वयं के अभिकरण द्वारा संविदा का पालन करा लिया है, वहां वह भंग करने वाले पक्षकार के विरुद्ध विनिर्दिष्ट पालन के अनुतोष का दावा करने का हकदार नहीं होगा ।
(4) इस धारा की कोई बात उस पक्षकार को, जो संविदा के भंग से पीड़ित है, भंग करने वाले पक्षकार से प्रतिकर का दावा करने से निवारित नहीं करेगी।
Substituted performance of contract, etc.
[20. Substituted performance of contract.-
(1) Without prejudice to the generality of the provisions contained in the Indian Contract Act, 1872 (9 of 1872), and, except as otherwise agreed upon by the parties, where the contract is broken due to non-performance of promise by any party, the party who suffers by such breach shall have the option of substituted performance through a third party or by his own agency, and, recover the expenses and other costs actually incurred, spent or suffered by him, from the party committing such breach.
(2) No substituted performance of contract under sub-section (1) shall be undertaken unless the party who suffers such breach has given a notice in writing, of not less than thirty days, to the party in breach calling upon him to perform the contract within such time as specified in the notice, and on his refusal or failure to do so, he may get the same performed by a third party or by his own agency:
Provided that the party who suffers such breach shall not be entitled to recover the expenses and costs under sub-section (1) unless he has got the contract performed through a third party or by his own agency.
(3) Where the party suffering breach of contract has got the contract performed through a third party or by his own agency after giving notice under sub-section (1), he shall not be entitled to claim relief of specific performance against the party in breach.
(4) Nothing in this section shall prevent the party who has suffered breach of contract from claiming compensation from the party in breach.