6. स्थावर सम्पत्ति से बेकब्जा किये गए व्यक्ति द्वारा वाद -
(1) यदि कोई व्यक्ति उसकी सम्मति के बिना, स्थावर सम्पत्ति से, विधि के सम्यक् अनुक्रम से अन्यथा, बेकब्जा कर दिया गया है, तो वह अथवा [कोई ऐसा व्यक्ति, जिसके माध्यम से उसका कब्जा रहा है अथवा] उसके माध्यम से दावा कर रहा कोई व्यक्ति, वाद द्वारा, उसका कब्जा प्रत्युद्धरित कर सकेगा, किसी अन्य हक के होते हुए भी जो ऐसे वाद में स्थापित किया जा सके ।
(2) इस धारा के अधीन कोई वाद :
(क) बेकब्जा किये जाने की दिनांक से छ: माह के अवसान के पश्चात्; या
(ख) शासन के विरुद्ध, नहीं लाया जाएगा।
(3) इस धारा के अधीन संस्थित किसी वाद में पारित किसी आदेश या डिक्री से कोई अपील नहीं होगी, ना ही ऐसे किसी आदेश या डिक्री का कोई पुनर्विलोकन मंजूर किया जाएगा।
(4) इस धारा की कोई बात ऐसी सम्पत्ति पर उसका हक स्थापित करने हेतु वाद लाने और उसका कब्जा प्रत्युद्धरित करने से किसी व्यक्ति को वर्जित नहीं करेगी।
6. Suit y person dispossessed of immovable property -
(1) If any person is dispossessed without his consent of immovable property otherwise than in due course of law, he or any person [through whom he has been in possession or any person] claiming through him may, by suit, recover possession thereof, notwithstanding any other title that may be set up in such suit.
(2) No suit under this section shall be brought(a) after the expiry of six months from the date of dispossession; or (b) against the Government.
(3) No appeal shall lie from any order or decree passed in any suit instituted under this section, nor shall any review of any such order or decree be allowed.
(4) Nothing in this section shall bar any person from suing to establish his title to such property and to recover possession thereof.
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