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- Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012 [Hindi and English]
- बालक द्वारा अपराध किए जाने और विशेष न्यायालय...
34. बालक द्वारा अपराध किए जाने और विशेष न्यायालय द्वारा आयु का अवधारण करने के मामले में प्रक्रिया.-
(1) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध, किसी बालक द्वारा किया जाता है वहां ऐसे बालक पर किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000 (2000 का 56) के उपबंधों के अधीन कार्रवाई की जाएगी।
(2) यदि विशेष न्यायालय के समक्ष किसी कार्यवाही में इस संबंध में कोई प्रश्न उठता है कि कोई व्यक्ति बालक है या नहीं तो ऐसे प्रश्न का अवधारण विशेष न्यायालय द्वारा ऐसे व्यक्ति की आयु के बारे में स्वयं का समाधान करने के पश्चात् किया जाएगा और वह ऐसे अवधारण के लिए उसके कारणों को लेखबद्ध करेगा।
(3) विशेष न्यायालय द्वारा किया गया कोई आदेश केवल पश्चात्वर्ती सबूत के कारण अविधिमान्य नहीं समझा जाएगा कि उपधारा (2) के अधीन उसके द्वारा यथा अवधारित किसी व्यक्ति की आयु उस व्यक्ति की सही आयु नहीं थी।
34. Procedure in case of commission of offence by child and determination of age by Special Court.-
(1) Where any offence under this Act is committed by a child, such child shall be dealt with under the provisions of the Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2000 (56 of 2000).
(2) If any question arises in any proceeding before the Special Court whether a person is a child or not, such question shall be determined by the Special Court after satisfying itself about the age of such person and it shall record in writing its reasons for such determination.
(3) No order made by the Special Court shall be deemed to be invalid merely by any subsequent proof that the age of a person as determined by it under subsection (2) was not the correct age of that person.