मजिस्ट्रेट द्वारा बालक के कथन का अभिलेखन (Recording of statement of a child by Magistrate)
Updated: Mar, 09 2020
25. मजिस्ट्रेट द्वारा बालक के कथन का अभिलेखन.-
(1) यदि बालक का कथन, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) (जिसे इसमें इसके पश्चात् संहिता कहा गया है) की धारा 164 के अधीन अभिलिखित किया जाता है तो उसमें अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, ऐसे कथन को अभिलिखित करने वाला मजिस्ट्रेट, बालक द्वारा बोले गए अनुसार कथन को अभिलिखित करेगा :
परंतु संहिता की धारा 164 की उपधारा (1) के प्रथम परंतुक में अंतर्विष्ट उपबंध, जहां तक वह अभियुक्त के अधिवक्ता की उपस्थिति अनुज्ञात करता है, इस मामले में लागू नहीं होगा।
(2) मजिस्ट्रेट, उस संहिता की धारा 173 के अधीन पुलिस द्वारा अंतिम रिपोर्ट फाइल किए जाने पर, बालक और उसके माता-पिता या उसके प्रतिनिधि को संहिता की धारा 207 के अधीन विनिर्दिष्ट दस्तावेज की एक प्रति, प्रदान करेगा।
25. Recording of statement of a child by Magistrate.-
(1) If the statement of the child is being recorded under Section 164 of the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974) (herein referred to as the Code), the Magistrate recording such statement shall, notwithstanding anything contained therein, record the statement as spoken by the child :
Provided that the provisions contained in the first proviso to sub-section (1) of Section 164 of the Code shall, so far it permits the presence of the advocate of the accused shall not apply in this case.
(2) The Magistrate shall provide to the child and his parents or his representative, a copy of the document specified under Section 207 of the Code, upon the final report being filed by the police under Section 173 of that Code.