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- Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012 [Hindi and English]
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22. मिथ्या परिवाद या मिथ्या सूचना के लिए दंड.-
(1) कोई व्यक्ति जो धारा 3, धारा 5, धारा 7 और धारा 9 के अधीन किए गए किसी अपराध के संबंध में किसी व्यक्ति के विरुद्ध उसको अपमानित करने, उद्दापित करने या धमकाने या उसकी मानहानि करने के एकमात्र आशय से मिथ्या परिवाद करेगा या मिथ्या सूचना उपलब्ध कराएगा, वह ऐसे कारावास से, जो छह मास तक का हो सकेगा या जुर्माने से या दोनों से, दंडित किया जाएगा।
(2) जहां किसी बालक द्वारा कोई मिथ्या परिवाद किया गया है या मिथ्या सूचना उपलब्ध कराई गई है, वहां ऐसे बालक पर कोई दंड अधिरोपित नहीं किया जाएगा।
(3) जो कोई, बालक नहीं होते हुए, किसी बालक के विरुद्ध कोई मिथ्या परिवाद करेगा या मिथ्या सूचना उसको मिथ्या जानते हुए उपलब्ध कराएगा जिसके द्वारा ऐसा बालक इस अधिनियम के अधीन किन्हीं अपराधों के लिए उत्पीड़ित हो, वह ऐसे कारावास से, जो एक वर्ष तक का हो सकेगा या जुर्माने से या दोनों से दंडित किया जाएगा।
22. Punishment for false complaint or false information.-
(1) Any person, who makes false complaint or provides false information against any person, in respect of an offence committed under Sections 3, 5, 7 and Section 9, solely with the intention to humiliate, extort or threaten or defame him, shall be punished with imprisonment for a term which may extend to six months or with fine or with both.
(2) Where a false complaint has been made or false information has been provided by a child, no punishment shall be imposed on such child.
(3) Whoever, not being a child, makes a false complaint or provides false information against a child, knowing it to be false, thereby victimising such child in any of the offences under this Act, shall be punished with imprisonment which may extend to one year or with fine or with both.