लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण
अधिनियम, 2012
(क्रमांक 32 सन् 2012)
[19 जून, 2012]
लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीड़न और अश्लील साहित्य के अपराधों से बालकों का संरक्षण करने और ऐसे अपराधों का विचारण करने के लिये विशेष न्यायालयों की स्थापना तथा उनसे संबंधित या आनुषंगिक विषयों के लिए उपबंध करने के लिये अधिनियम ।
संविधान के अनुच्छेद 15 का खण्ड (3), अन्य बातों के साथ राज्य को बालकों के लिये विशेष उपबंध करने के लिये सशक्त करता है;
संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा अंगीकृत बालकों के अधिकारों से संबंधित अभिसमय को, जो बालक के सर्वोत्तम हितों को सुरक्षित करने के लिये सभी राज्य पक्षकारों द्वारा पालन किए जाने वाले मानकों को विहित करता है, भारत सरकार ने तारीख 11 दिसम्बर, 1992 को अंगीकृत किया है;
बालक के उचित विकास के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उसकी निजता और गोपनीयता के अधिकार का सभी प्रकार से तथा बालकों को अंतर्वलित करने वाली न्यायिक प्रक्रिया के सभी प्रक्रमों के माध्यम से संरक्षित और सम्मानित किया जाए;
यह अनिवार्य है कि विधि ऐसी रीति से प्रवर्तित हो कि बालक के अच्छे शारीरिक, भावात्मक, बौद्धिक और सामाजिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक प्रक्रम पर बालक के सर्वोत्तम हित और कल्याण पर सर्वोपरि महत्व के रूप में ध्यान दिया जाए;
बालक के अधिकारों से संबंधित अभिसमय के राज्य पक्षकारों से निम्नलिखित का निवारण करने के लिए सभी समुचित राष्ट्रीय, द्विपक्षीय या बहुपक्षीय उपाय करना अपेक्षित है,-
(क) किसी विधिविरुद्ध लैंगिक क्रियाकलाप में लगाने के लिए किसी बालक को उत्प्रेरित या प्रपीड़न करना;
(ख) वेश्यावृत्ति या अन्य विधिविरुद्ध लैंगिक व्यवस्था में बालकों का शोषणात्मक उपयोग करना;
(ग) अश्लील गतिविधियों और सामग्रियों में बालकों का शोषणात्मक उपयोग करना;
बालकों के लैंगिक शोषण और लैंगिक दुरुपयोग जघन्य अपराध हैं, और उन पर प्रभावी रूप से कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
भारत गणराज्य के तिरसठवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो:-
अध्याय - 1
प्रारंभिक
1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ.-
(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 है ।
(2) इसका विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय संपूर्ण भारत पर है।
(3) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा जो केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे ।
The Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012
(No. 32 of 2012)
[19th June, 2012]
An Act to protect children from offences of sexual assault, sexual harassment and pornography and provide for establishment of Special Courts for trial of such offences and for matters connected therewith or incidental thereto.
WHEREAS clause (3) of Article 15 of the Constitution, inter alia, empowers the State to make special provisions for children;
AND WHEREAS, the Government of India has acceded on the 11th December, 1992 to the Convention on the Rights of the Child, adopted by the General Assembly of the United Nations, which has prescribed a set of standards to be followed by all State parties in securing the best interests of the child;
AND WHEREAS it is necessary for the proper development of the child that his or her right to privacy and confidentiality be protected and respected by every person by all means and through all stages of a judicial process involving the child;
AND WHEREAS it is imperative that the law operates in a manner that the best interest and well being of the child are regarded as being of paramount importance at every stage, to ensure the healthy physical, emotional, intellectual and social development of the child;
AND WHEREAS the State Parties to the Convention on the Rights of the Child are required to undertake all appropriate national, bilateral and multilateral measures to prevent-
(a) the inducement or coercion of a child to engage in any unlawful sexual activity;
(b) the exploitative use of children in prostitution or other unlawful sexual practices;
(c) the exploitative use of children in pornographic performances and materials;
AND WHEREAS sexual exploitation and sexual abuse of children are heinous crimes and need to be effectively addressed.
Be it enacted by Parliament in the Sixty-third Year of the Republic of India as follows:-
CHAPTER - I
PRELIMINARY
1. Short title, extent and commencement.-
(1) This Act may be called the Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012.
(2) It extends to the whole of India, except the State of Jammu and Kashmir.
(3) It shall come into force on such date as the Central Government may, by notification in the Official Gazette, appoint.