454. धारा 452 या 453 के अधीन आदेशों के विरुद्ध अपील --
(1) धारा 452 या धारा 453 के अधीन किसी न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति उसके विरुद्ध अपील उस न्यायालय में कर सकता है जिसमें मामूली तौर पर पूर्वकथित न्यायालय द्वारा की गई दोषसिद्धि के विरुद्ध अपीलें होती हैं।
(2) ऐसी अपील पर, अपील न्यायालय यह निदेश दे सकता है कि अपील का निपटारा होने तक आदेश रोक दिया जाए या वह ऐसे आदेश को उपांतरित, परिवर्तित या रद्द कर सकता है और कोई अतिरिक्त आदेश, जो न्यायसंगत हो, कर सकता है।
(3) किसी ऐसे मामले को, जिसमें उपधारा (1) में निर्दिष्ट आदेश दिया गया है, निपटाते समय अपील, पुष्टीकरण या पुनरीक्षण न्यायालय भी उपधारा (2) में निर्दिष्ट शक्तियों का प्रयोग कर सकता है।
454. Appeal against orders under section 452 or section 453 —
(1) Any person aggrieved by an order made by a Court under section 452 or section 453, may appeal against it to the Court to which appeals ordinarily lie from convictions by the former Court.
(2) On such appeal, the Appellate Court may direct the order to be stayed pending disposal of the appeal, or may modify, alter or annul the order and make any further orders that maybe just.
(3) The powers referred to in sub-section (2) may also be exercised by a Court of appeal, confirmation or revision while dealing with the case in which the order referred to in sub-section (1) was made.