435. कुछ मामलों में राज्य सरकार का केन्द्रीय सरकार से परामर्श करने के पश्चात् कार्य करना --
(1) किसी दण्डादेश का परिहार करने या उसके लघुकरण के बारे में धारा 432 और 433 द्वारा राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियों का राज्य सरकार द्वारा प्रयोग उस दशा में केन्द्रीय सरकार से परामर्श किए बिना नहीं किया जाएगा जब दण्डादेश किसी ऐसे अपराध के लिए है--
(क) जिसका अन्वेषण दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन अधिनियम, 1946 (1946 का 25) के अधीन गठित दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन द्वारा या इस संहिता से भिन्न किसी केन्द्रीय अधिनियम के अधीन अपराध का अन्वेषण करने के लिए सशक्त किसी अन्य अभिकरण द्वारा किया गया है, अथवा
(ख) जिसमें केन्द्रीय सरकार की किसी संपत्ति का दुर्विनियोग या नाश या नुकसान अन्तर्ग्रस्त है, अथवा
(ग) जो केन्द्रीय सरकार की सेवा में किसी व्यक्ति द्वारा तब किया गया है जब वह अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन, में कार्य कर रहा था या उसका ऐसे कार्य करना तात्पर्यत था।
(2) जिस व्यक्ति को ऐसे अपराधों के लिए दोषसिद्ध किया गया है जिनमें से कुछ उन विषयों से संबंधित हैं, जिन पर संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है और जिसे पृथक्-पृथक अवधि के कारावास का, जो साथसाथ भोगी जानी है, दण्डादेश दिया गया है, उसके संबंध में दण्डादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण का राज्य सरकार द्वारा पारित कोई आदेश प्रभावी तभी होगा जब ऐसे विषयों के बारे में जिन पर संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है, उस व्यक्ति द्वारा किए गए अपराधों के संबंध में ऐसे दण्डादेशों के, यथास्थिति, परिहार, निलंबन या लघुकरण का आदेश केन्द्रीय सरकार द्वारा भी कर दिया गया है।
435. State Government to act after consultation with Central Government in certain cases —
(1) The powers conferred by sections 432 and 433 upon the State Government to remit or commute a sentence, in any case where the sentence is for an offence
(a) which was investigated by the Delhi Special Police Establishment constituted under the Delhi Special Police Establishment Act, 1946 (25 of 1946) or by any other agency empowered to make investigation into an offence under any Central Act other than this Code, or
(b) which involved the misappropriation or destruction of, or damage to, any property belonging to the Central Government, or
(c) which was committed by a person in the service of the Central Government while acting or purporting to act in the discharge of his official duty, shall not be exercised by the State Government except after consultation with the Central Government.
(2) No order of suspension, remission or commutation of sentences passed by the State Government in relation to a person, who has been convicted of offences, some of which relate to matters to which the executive power of the Union extends and who has been sentenced to separate terms of imprisonment which are to run concurrently, shall have effect unless an order for the suspension, remission or commutation, as the case may be, of such sentences has also been made by the Central Government in relation to the offences committed by such person with regard to matters to which the executive power of the Union extends.