431. जिस धन का संदाय करने का आदेश दिया गया है उसका जुर्माने के रूप में वसूल किया जा सकना --
कोई धन (जो जुर्माने से भिन्न है) जो इस संहिता के अधीन दिए गए किसी आदेश के आधार पर संदेय है और जिसकी वसूली का ढंग अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबंधित नहीं है, ऐसे वसूल किया जा सकता है मानो वह जुर्माना है :
परन्तु इस धारा के आधार पर, धारा 359 के अधीन किसी आदेश को लागू होने में धारा 421 का अर्थ इस प्रकार लगाया जाएगा मानो धारा 421 की उपधारा (1) के परन्तुक में “धारा 357 के अधीन आदेश” शब्दों और अंकों के पश्चात् “या खर्चे के संदाय के लिए धारा 359 के अधीन आदेश” शब्द और अंक अंतःस्थापित कर दिए गए हैं।
431. Money ordered to be paid recoverable as a fine —
Any money (other than a fine) payable by virtue of any order made under this Code and the method of recovery of which is not otherwise expressly provided for, shall be recoverable as if it were a fine :
Provided that section 421 shall, in its application to an order under section 359, by virtue of this section, be construed as if in the proviso to sub-section (1) of section 421, after the words and figures “under section 357”, the words and figures “or an order for payment of costs under section 359” had been inserted.