Updated: Aug, 17 2019

410. न्यायिक मजिस्ट्रेटों द्वारा मामलों को वापस लिया जाना --

(1) कोई मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अपने अधीनस्थ किसी मजिस्ट्रेट से किसी मामले को वापस ले सकता है या किसी मामले को, जिसे उसने ऐसे मजिस्ट्रेट के हवाले किया है, वापस मंगा सकता है और मामले की जांच या विचारण स्वयं कर सकता है या उसे जांच या विचारण के लिए किसी अन्य ऐसे मजिस्ट्रेट को निर्देशित कर सकता है जो उसकी जांच या विचारण करने के लिए सक्षम है।

(2) कोई न्यायिक मजिस्ट्रेट किसी मामले को, जो उसने धारा 192 की उपधारा (2) के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले किया है, वापस मंगा सकता है और ऐसे मामले की जांच या विचारण स्वयं कर सकता है।

410. Withdrawal of cases by Judicial Magistrates —

(1) Any Chief Judicial Magistrate may withdraw any case from, or recall any case which he has made over to, any Magistrate subordinate to him and may inquire into or try such case himself, or refer it for inquiry or trial to any other such Magistrate competent to inquire into or try the same.

(2) Any Judicial Magistrate may recall any case made over by him under subsection (2) of section 192 to any other Magistrate and may require into or try such case. himself.