394. अपीलों का उपशमन --
(1) धारा 377 या धारा 378 के अधीन प्रत्येक अन्य अपील का अभियुक्त की मृत्यु पर अंतिम रूप से उपशमन हो जाएगा।
(2) इस अध्याय के अधीन (जुर्माने के दण्डादेश की अपील के सिवाय) प्रत्येक अन्य अपील का अपीलार्थी की मृत्यु पर अंतिम रूप से उपशमन हो जाएगा :
परन्तु जहाँ अपील, दोषसिद्धि और मृत्यु के या कारावास के दण्डादेश के विरुद्ध है और अपील के लंबित रहने के दौरान अपीलार्थी की मृत्यु हो जाती है वहाँ उसका कोई भी निकट नातेदार, अपीलार्थी की मृत्यु के तीस दिन के अंदर अपील जारी रखने की इजाजत के लिए अपील न्यायालय में आवेदन कर सकता है; और यदि इजाजत दे दी जाती है तो अपील का उपशमन न होगा।
स्पष्टीकरण -- इस धारा में “निकट नातेदार” से माता-पिता, पति या पत्नी, पारंपरिक वंशज, भाई या बहिन अभिप्रेत है।
394. Abatement of appeals —
(1) Every appeal under section 377 or section 378 shall finally abate on the death of the accused.
(2) Every other appeal under this Chapter (except an appeal from a sentence of fine) shall finally abate on the death of the appellant :
Provided that where the appeal is against a conviction and sentence of death or of imprisonment, and the appellant dies during the pendency of the appeal, any of his near relatives may, within thirty days of the death of the appellant, apply to the Appellate Court for leave to continue the appeal; and if leave is granted, the appeal shall not abate.
Explanation - In this section, "near relative” means a parent, spouse, lineal descendant, brother or sister.