348. माफी मांगने पर अपराधी का उन्मोचन -- जब किसी न्यायालय ने किसी अपराधी को कोई बात, जिसे करने की उससे विधिपूर्वक अपेक्षा की गई थी, करने से इंकार करने या उसे न करने के लिए या साशय कोई अपमान करने या विघ्न डालने के लिए धारा 345 के अधीन दण्डित किए जाने के लिए न्यायनिर्णीत किया है या धारा 346 के अधीन विचारण के लिए मजिस्ट्रेट के पास भेजा है, तब वह न्यायालय अपने आदेश या अपेक्षा के उसके द्वारा मान लिए जाने पर या उसके द्वारा ऐसे माफी मांगे जाने पर, जिससे न्यायालय का समाधान हो जाए, स्वविवेकानुसार अभियुक्त को उन्मोचित कर सकता है या दण्ड का परिहार कर सकता है।
348. Discharge of offender on submission of apology – When any Court has under section 345 adjudged an offender to punishment, or has under section 346 forwarded him to a Magistrate for trial, for refusing or omitting to do anything which he was lawfully required to do or for any intentional insult or interruption, the Court may, in its discretion, discharge the offender or remit the punishment on his submission to the order or requisition of such Court or on apology being made to its satisfaction.