347. रजिस्ट्रार या उप-रजिस्ट्रार कब सिविल न्यायालय समझा जाएगा -- जब राज्य सरकार ऐसा निदेश दे तब कोई भी रजिस्ट्रार या कोई भी उप-रजिस्ट्रार, जो रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) के अधीन नियुक्त है, धारा 345 और 346 के अर्थ में सिविल न्यायालय समझा जाएगा।
347. When Registrar or Sub-Registrar to be deemed a Civil Court ---- When the State Government so directs, any Registrar or any Sub-Registrar appointed under the Registration Act, 1908 (16 of 1908), shall be deemed to be a Civil Court within the meaning of sections 345 and 346.