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- INDIAN PENAL CODE, 1860 (IPC) in Hindi and English
- मूल्यवान प्रतिभूति (Valuable security)
Section 30 of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English
30. “मूल्यवान प्रतिभूति" -
“मूल्यवान प्रतिभूति' शब्द उस दस्तावेज के द्योतक हैं, जो ऐसा दस्तावेज है, या होना तात्पर्यित है, जिसके द्वारा कोई विधिक अधिकार सृजित, विस्तृत, अन्तरित, निर्बन्धित, निर्वापित, किया जाए, छोड़ा जाए या जिसके द्वारा कोई व्यक्ति यह अभिस्वीकार करता है कि वह विधिक दायित्व के अधीन है, या अमुक विधिक अधिकार नहीं रखता है।
दृष्टांत
क एक विनिमयपत्र की पीठ पर अपना नाम लिख देता है। इस पृष्ठांकन का प्रभाव किसी व्यक्ति को, जो उसका विधिपूर्ण धारक हो जाए, उस विनिमयपत्र पर का अधिकार अन्तरित किया जाना है, इसलिए यह पृष्ठांकन “मूल्यवान प्रतिभूति" है।
30. “Valuable security” -
The words "valuable security” denote a document which is, or purports to be, a document whereby any legal right is created, extended, transferred, restricted, extinguished or released, or where by any person acknowledges that he lies under legal liability, or has not a certain legal right.
Illustration
A writes his name on the back of a bill of exchange. As the effect of this endorsement is transfer the right to the bill to any person who may become the lawful holder of it, the endorsement is a “valuable security".