Updated: Jul, 20 2019

315. अभियुक्त व्यक्ति का सक्षम साक्षी होना --

(1) कोई व्यक्ति, जो किसी अपराध के लिए किसी दण्ड न्यायालय के समक्ष अभियुक्त है, प्रतिरक्षा के लिए सक्षम साक्षी होगा और अपने विरुद्ध या उसी विचारण में उसके साथ आरोपित किसी व्यक्ति के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को नासाबित करने के लिए शपथ पर साक्ष्य दे सकता है:

परन्तु--

(क) वह स्वयं अपनी लिखित प्रार्थना के बिना साक्षी के रूप में न बुलाया जाएगा,

(ख) उसका स्वयं साक्ष्य न देना पक्षकारों में से किसी के द्वारा या न्यायालय द्वारा किसी टीका-टिप्पणी का विषय न बनाया जाएगा और न उससे उसके, या उसी विचारण में उसके साथ आरोपित किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई उपधारणा ही की जाएगी।

(2) कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध किसी दण्ड न्यायालय में धारा 98, या धारा 107, या धारा 108, या धारा 109 या धारा 110 के अधीन या अध्याय 9 के अधीन या अध्याय 10 के भाग ख, भाग ग या भाग घ के अधीन कार्यवाही संस्थित की जाती है, ऐसी कार्यवाही में अपने आपको साक्षी के रूप में पेश कर सकता है :

परन्तु धारा 108, धारा 109 या धारा 110 के अधीन कार्यवाही में ऐसे व्यक्ति द्वारा साक्ष्य न देना पक्षकारों में से किसी के द्वारा या न्यायालय के द्वारा किसी टीका-टिप्पणी का विषय नहीं बनाया जाएगा और न उसे उसके या किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध जिसके विरुद्ध उसी जांच में ऐसे व्यक्ति के साथ कार्यवाही की गई है, कोई उपधारणा ही की जाएगी।

315. Accused person to be competent witness —

(1) Any person accused of an offence before a Criminal Court shall be a competent witness for the defence and may give evidence on oath in disproof of the charges made against him or any person charged together with him at the same trial :

Provided that

(a) he shall not be called as a witness except on his own request in writing;

(b) his failure to give evidence shall not be made the subject of any comment by be any of the parties or the Court or give rise to any presumption against himself or any person charged together with him at the same trial.

(2) Any person against whom proceedings are instituted in any Criminal Court under section 98, or section 107, or section 108, or section 109, or section 110, or under Chapter IX or under Part B, Part C or Part D of Chapter X, may offer himself as a witness in such proceedings :

Provided that in proceedings under section 108, section 109 or section 110, the failure of such person to give evidence shall not be made the subject of any comment by any of the parties or the Court or give rise to any presumption against him or any other person proceeded against together with him at the same inquiry.