Updated: Jul, 17 2019

 

259. समन-मामलों को वारण्ट-मामलों में संपरिवर्तित करने की न्यायालय की शक्ति -- जब किसी ऐसे अपराध से संबंधित समन-मामले के विचारण के दौरान जो छह मास से अधिक अवधि के कारावास से दण्डनीय है, मजिस्ट्रेट को यह प्रतीत होता है कि न्याय के हित में उस अपराध का विचारण वारण्ट-मामलों के विचारण की प्रक्रिया के अनुसार किया जाना चाहिए तो ऐसा मजिस्ट्रेट वारण्ट-मामलों के विचारण के लिए इस संहिता द्वारा उपबंधित रीति से उस मामले की पुनः सुनवाई कर सकता है और ऐसे साक्षियों को पुनः बुला सकता है जिनकी परीक्षा की जा चुकी है।

 

259. Power of Court to convert summons-cases into warrant cases - When in the course of the trial of a summons-case relating to an offence punishable with imprisonment for a term exceeding six months, it appears to the Magistrate that in the interests of justice, the offence should be tried in accordance with the procedure for the trial of warrant-cases, such Magistrate may proceed to re-hear the case in the manner provided by this Code for the trial of warrant-cases and may recall any witness who may have been examined.