प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए (Procedure when not convicted )
Updated: Jul, 07 2019
254. प्रक्रिया जब दोषसिद्ध न किया जाए --
(1) यदि मजिस्ट्रेट अभियुक्त को धारा 252 या धारा 253 के अधीन दोषसिद्ध नहीं करता है तो वह अभियोजन को सुनने के लिए और सब ऐसा साक्ष्य, जो अभियोजन के समर्थन में पेश किया जाए, लेने के लिए और अभियुक्त को भी सुनने के लिए और ऐसा सब साक्ष्य, जो वह अपनी प्रतिरक्षा में पेश करे, लेने के लिए अग्रसर होगा।
(2) यदि मजिस्ट्रेट अभियोजन या अभियुक्त के आवेदन पर ठीक समझता है तो वह किसी साक्षी को हाजिर होने या कोई दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने का निदेश देने वाला समन जारी कर सकता है।
(3) मजिस्ट्रेट ऐसे आवेदन पर किसी साक्षी को समन करने के पूर्व यह अपेक्षा कर सकता है कि विचारण के प्रयोजनों के लिए हाजिर होने में किए जाने वाले उसके उचित व्यय न्यायालय में जमा कर दिए जाएँ।
254. Procedure when not convicted —
(1) If the Magistrate does not convict the accused under section 252 or section 253, the Magistrate shall proceed to hear the prosecution and take all such evidence as may be produced in support of the prosecution, and also to hear the accused and take all such evidence as he produces in his defence.