प्रतिरक्षा आरंभ करना (Entering upon defence)
Updated: Jul, 01 2019
233. प्रतिरक्षा आरंभ करना --
(1) जहाँ अभियुक्त धारा 232 के अधीन दोषमुक्त नहीं किया जाता है वहाँ उससे अपेक्षा की जाएगी कि अपनी प्रतिरक्षा आरंभ करे और कोई भी साक्ष्य जो उसके समर्थन में उसके पास हो पेश करे।
(2) यदि अभियुक्त कोई लिखित कथन देता है तो न्यायाधीश उसे अभिलेख में फाइल करेगा।
(3) यदि अभियुक्त किसी साक्षी को हाजिर होने या कोई दस्तावेज या चीज पेश करने को विवश करने के लिए कोई आदेशिका जारी करने के लिए आवेदन करता है तो न्यायाधीश ऐसी आदेशिका जारी करेगा जब तक उसका ऐसे कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह विचार न हो कि आवेदन इस आधार पर नामंजूर कर दिया जाना चाहिए कि वह तंग करने या विलंब करने या न्याय के उद्देश्यों को विफल करने के प्रयोजन से किया गया है।
(2) If the accused puts in any written statement, the Judge shall file it with the record.
(3) If the accused applies for the issue of any process for compelling the attendance of any witness or the production of any document or thing, the Judge shall issue such process unless he considers, for reasons to be recorded, that such application should be refused on the ground that it is made for the purpose of vexation or delay or for defeating the ends of justice.