जहाँ इस बारे में संदेह है कि कौन-सा अपराध किया गया है (Where it is doubtful what offence has been committed)
Updated: Jul, 01 2019
221, जहाँ इस बारे में संदेह है कि कौन-सा अपराध किया गया है -
(1) यदि कोई एक कार्य या कार्यों का क्रम इस प्रकार का है कि यह संदेह है कि उन तथ्यों से, जो सिद्ध किए जा सकते हैं, कई अपराधों में से कौन-सा अपराध बनेगा तो अभियुक्त पर ऐसे सब अपराध या उनमें से कोई करने का आरोप लगाया जा सकेगा और ऐसे आरोपों में से कितनों ही का एक साथ विचारण किया जा सकेगा, या उस पर उक्त अपराधों में से किसी एक को करने का अनुकल्पतः आरोप लगाया जा सकेगा।
(2) यदि ऐसे मामले में अभियुक्त पर एक अपराध का आरोप लगाया गया है और साक्ष्य से यह प्रतीत होता है कि उसने भिन्न अपराध किया है, जिसके लिए उस पर उपधारा (1) के उपबंधों के अधीन आरोप लगाया जा सकता था, तो वह उस अपराध के लिए दोषसिद्ध किया जा सकेगा जिसका उसके द्वारा किया जाना दर्शित है, यद्यपि उसके लिए उस पर आरोप नहीं लगाया गया था
दृष्टांत
(क) क पर ऐसे कार्य का अभियोग है जो चोरी की, या चुराई गई संपत्ति प्राप्त करने की, या आपराधिक न्यासभंग की, या छल की कोटि में आ सकता है। उस पर चोरी करने, चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करने, आपराधिक न्यासभंग करने और छल करने का आरोप लगाया जा सकेगा अथवा उस पर चोरी करने का या चोरी की संपत्ति प्राप्त करने का या आपराधिक न्यासभंग करने का या छल करने का आरोप लगाया जा सकेगा।
(ख) ऊपर वर्णित मामले में क पर केवल चोरी का आरोप है। यह प्रतीत होता है उसने आपराधिक न्यासभंग ऊपर वर्णित नाम का या चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करने का अपराध किया है। वह (यथास्थिति) आपराधिक न्यासभंग या चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करने के लिए दोषसिद्ध किया जा सकेगा, यद्यपि उस पर उस अपराध का आरोप नहीं लगाया गया था।
(ग) क मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ पर कहता है कि उसने देखा कि ख ने ग को लाठी मारी। सेशन न्यायालय के समक्ष क शपथ पर कहता है कि ख ने ग को कभी नहीं मारा। यद्यपि यह साबित नहीं किया जा सकता कि इन दो परस्पर विरुद्ध कथनों में से कौन-सा मिथ्या है, तथापि क पर साशय मिथ्या साक्ष्य देने के लिए अनुकल्पतः आरोप लगाया जा सकेगा और वह दोषसिद्ध किया जा सकेगा।
(2) If in such a case the accused is charged with one offence and it appears in evidence that he committed a different offence for which he might have been charged under the provisions of sub-section (1), he may be convicted of the offence which he is shown to have committed, although he was not charged with it.
Illustrations
(a) A is accused of an act which may amount to theft, or receiving stolen property, or criminal breach of trust or cheating. He may be charged with theft, receiving stolen property, criminal breach of trust and cheating, or he may be charged with having committed theft, or receiving stolen property or criminal breach of trust or cheating.
(b) In the case mentioned, A is only charged with theft. It appears that he committed the offence of criminal breach of trust, or that of receiving stolen goods. He may be convicted of criminal breach of trust or of receiving stolen goods (as the case may be), though he was not charged with such offence.
(c) A states on oath before the Magistrate that he saw B hit C with a club. Before the Sessions Court A states on oath that B never hit C. A may be charged in the alternative and convicted of intentionally giving false evidence, although it cannot be proved which of these contradictory statements was false.