एक ही वर्ष में किए गए एक ही किस्म के तीन अपराधों का आरोप एक साथ लगाया जा सकेगा (Three offences of same kind within year may be charged together)
Updated: Jul, 01 2019
219. एक ही वर्ष में किए गए एक ही किस्म के तीन अपराधों का आरोप एक साथ लगाया जा सकेगा--
(1) जब किसी व्यक्ति पर एक ही किस्म के ऐसे एक से अधिक अपराधों का अभियोग है जो उन अपराधों में से पहले अपराध से लेकर अंतिम अपराध तक बारह मास के अन्दर ही किए गए हैं, चाहे वे एक ही व्यक्ति के बारे में किए गए हों या नहीं, तब उस पर उनमें से तीन से अनधिक कितने ही अपराधों के लिए एक ही विचारण में आरोप लगाया और विचारण किया जा सकता है।
(2) अपराध एक ही किस्म के तब होते हैं जब वे भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) या किसी विशेष या स्थानीय विधि की एक ही धारा के अधीन दण्ड की समान मात्रा से दण्डनीय होते हैं :
परन्तु इस धारा के प्रयोजनों के लिये यह समझा जाएगा कि भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 379 के अधीन दण्डनीय अपराध उसी किस्म का अपराध है जिस किस्म का उक्त संहिता की धारा 380 के अधीन दण्डनीय अपराध है, और भारतीय दण्ड संहिता या किसी विशेष या स्थानीय विधि की किसी धारा के अधीन दण्डनीय उसी किस्म का अपराध है जिस किस्म का ऐसे अपराध करने का प्रयत्न है, जब ऐसा प्रयत्न अपराध हो।
(2) Offences are of the same kind when they are punishable with the same amount of punishment under the same section of the Indian Penal Code (45 of 1865) or of any special or local laws :
Provided that, for the purposes of this section, an offence punishable under section 379 of the Indian Penal Code (45 of 1860) shall be deemed to be an offence of the same kind as an offence punishable under section 380 of the said Code and that an offence punishable under any section of the said Code, or of any special or local law, shall be deemed to be an offence of the same kind as an attempt to commit such offence, when such an attempt is an offence.