परिवादी की परीक्षा (Examination of complainant)
Updated: Jun, 30 2019
अध्याय 15: मजिस्ट्रेटों से परिवाद
200. - परिवादी की परीक्षा -- परिवाद पर किसी अपराध का संज्ञान करने वाला मजिस्ट्रेट, परिवादी की और यदि कोई साक्षी उपस्थित है तो उनकी शपथ पर परीक्षा करेगा और ऐसी परीक्षा का सारांश लेखबद्ध किया जाएगा और परिवादी और साक्षियों द्वारा तथा मजिस्ट्रेट द्वारा भी हस्ताक्षरित किया जाएगा :
परन्तु जब परिवाद लिख कर किया जाता है तब मजिस्ट्रेट के लिए परिवादी या साक्षियों की परीक्षा करना आवश्यक न होगा---
(क) यदि परिवाद अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में कार्य करने वाले या कार्य करने का तात्पर्य रखने वाले लोक-सेवक द्वारा या न्यायालय द्वारा किया गया है; अथवा
(ख) यदि मजिस्ट्रेट जांच या विचारण के लिए मामले को धारा 192 के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले कर देता है :
परन्तु यह और कि यदि मजिस्ट्रेट परिवादी या साक्षियों की परीक्षा करने के पश्चात् मामले को धारा 192 के अधीन किसी अन्य मजिस्ट्रेट के हवाले करता है तो बाद वाले मजिस्ट्रेट के लिए उनकी फिर से परीक्षा करना आवश्यक न होगा।
CHAPTER XV : COMPLAINTS TO MAGISTRATES
Provided that, when the complaint is made in writing, the Magistrate need not examine the complainant and the witnesses---
(a) if a public servant acting or purporting to act in the discharge of his official duties or a Court has made the complaint; or
(b) if the Magistrate makes over the case for inquiry or trial to another Magistrate under section 192 :
Provided further that if the Magistrate makes over the case to another Magistrate under section 192 after examining the complainant and the witnesses, the latter Magistrate need not re-examine them.