परिवादी और साक्षियों से पुलिस अधिकारी के साथ जाने की अपेक्षा न किया जाना और उनका अवरुद्ध न किया जाना (Complainant and witnesses not to be required to accompany police officer and not to be subjected to restraint)
Updated: Jun, 30 2019
171. परिवादी और साक्षियों से पुलिस अधिकारी के साथ जाने की अपेक्षा न किया जाना और उनका अवरुद्ध न किया जाना -- किसी परिवादी या साक्षी से, जो किसी न्यायालय में जा रहा है, पुलिस अधिकारी के साथ जाने की अपेक्षा न की जाएगी, और न तो उसे अनावश्यक रूप से अवरुद्ध किया जाएगा या असुविधा पहुँचाई जाएगी और न उससे अपनी हाजिरी के लिए उसके अपने बंधपत्र से भिन्न कोई प्रतिभूति देने की अपेक्षा की जाएगी :
परन्तु यदि कोई परिवादी या साक्षी हाजिर होने से, या धारा 170 में निर्दिष्ट प्रकार का बंधपत्र निष्पादित करने से, इंकार करता है तो पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी उसे मजिस्ट्रेट के पास अभिरक्षा में भेज सकता है, जो उसे तब तक अभिरक्षा में निरुद्ध रख सकता है जब तक वह ऐसा बंधपत्र निष्पादित नहीं कर देता है या जब तक मामले की सुनवाई समाप्त नहीं हो जाती है।
Provided that, if any complainant or witness refuses to attend or to execute a bond as directed in section 170, the officer in charge of the police station may forward him in custody to the Magistrate, who may detain him in custody until he executes such bond, or until the hearing of the case is completed.