विदेशी लिखत के रचयिता, प्रतिगृहीता या पृष्ठांकक के दायित्व को शासित करने वाली विधि (Law governing liability of maker, acceptor or indorser of foreign instrument )
Updated: Mar, 29 2020
अध्याय 16
अन्तर्राष्ट्रीय विधि के विषय में
134. विदेशी लिखत के रचयिता, प्रतिगृहीता या पृष्ठांकक के दायित्व को शासित करने वाली विधि -- तत्प्रतिकूल संविदा न हो तो विदेशी वचन-पत्र, विनिमय-पत्र या चैक के रचयिता या लेखीवाल का दायित्व सब आवश्यक बातों में उस स्थान की विधि द्वारा विनियमित होता है जहाँ उसने वह लिखत रची थी तथा प्रतिगृहीता और पृष्ठांकक के अपने-अपने दायित्व उस स्थान की विधि से विनियमित होते हैं जहाँ लिखत देय की गई है ।
दृष्टान्त
क द्वारा एक विनिमय-पत्र केलीफोर्निया में लिखा गया, जहाँ ब्याज की दर पच्चीस प्रतिशत है और वाशिंगटन में देय, जहाँ ब्याज की दर छह प्रतिशत है, ख द्वारा प्रतिगृहीत किया गया । विनिमय-पत्र भारत में पृष्ठांकित किया गया है, और वह अनादृत हो गया । विनिमय–पत्र पर ख के विरुद्ध (भारत) में अनुयोजन लाया जाता है । वह केवल छह प्रतिशत की दर से ब्याज देने के दायित्व के अधीन है; किन्तु यदि क लेखीवाल के रूप में भारित किया जाता है तो वह पच्चीस प्रतिशत की दर से ब्याज देने के दायित्व के अधीन है ।
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CHAPTER XVI
OF INTERNATIONAL LAW
134. Law governing liability of maker, acceptor or indorser of foreign instrument -- In the absence of a contract to the contrary, the liability of the maker of drawer of a foreign promissory note, bill of exchange or cheque is regulated in all essential matters by the law of the place where he made the instrument, and the respective liabilities of the acceptor and indorser by the law of the place where the instrument is made payable.
Illustration
A bill of exchange was drawn by A in California, where the rate of interest is 25 per cent., and accepted by B, payable in Washington, where the rate of interest