आदरणार्थ प्रतिगृहीता का दायित्व (Liability of acceptor for honour)
Updated: Mar, 29 2020
111. आदरणार्थ प्रतिगृहीता का दायित्व -- आदरणार्थ प्रतिगृहीता उन सब पक्षकारों के प्रति, जो उस पक्षकार के पश्चात्वर्ती हैं, जिसके आदरणार्थ उसने उसे प्रतिगृहीत किया है, अपने को इस बात के लिए आबद्ध करता है कि यदि ऊपरवाल विनिमय-पत्र की रकम का संदाय न करे तो वह उसका संदाय करेगा, और ऐसा पक्षकार और उससे पूर्विक सब पक्षकार उसे उसे सब हानि या नुकसान के लिए, जो आदरणार्थ प्रतिगृहीता ने वैसे प्रतिग्रहण के परिणामस्वरूप उठाया है, अपने क्रमिक हैसियतों में प्रतिकर देने के दायी हैं ।
किन्तु आदरणार्थ प्रतिगृहीता विनिमय-पत्र के धारक के प्रति तब के सिवाय दायी न होगा जब कि विनिमय-पत्र का उपस्थान या उस दशा में, जिसमें कि प्रतिगृहीता ने विनिमय-पत्र पर जो पता दिया है वह स्थान उस स्थान से भिन्न है जहाँ कि विनिमय-पत्र देय होना रचित है, विनिमय-पत्र का उपस्थापन के लिए अग्रेषण उसकी परिपक्वता के दिन के पश्चात् के अगले दिन से परवर्ती न होने वाले दिन कर दिया जाता है ।
111. Liability of acceptor for honour — An acceptor for honour binds himself to all parties subsequent to the party for whose honour he accepts to pay the amount of the bill of the drawee do not; and such party and all prior parties are liable in their respective capacities to compensate the acceptor for honour for all loss or damage sustained by him in consequence of such acceptance.
But an acceptor for honour is not liable to the holder of the bill unless it is presented, or (in case the address given by such acceptor on the bill is a place other than the place where the bill is made payable) forwarded for presentment, not later than the day next after the day of its maturity.