वह रीति जिसमें सूचना दी जा सके (Mode in which notice may be given)
Updated: Mar, 29 2020
94. वह रीति जिसमें सूचना दी जा सके -- अनादर की सूचना उस व्यक्ति के, जिसको उसका दिया जाना अपेक्षित है, सम्यक् रूप से प्राधिकृत अभिकर्ता को या जहाँ कि वह व्यक्ति मर गया है वहाँ उसके विधिक प्रतिनिधि को या जहाँ कि वह दिवालिया घोषित कर दिया गया है वहाँ उसके समनुदेशिती को दी जा सकेंगी; वह मौखिक या लिखित हो सकेगी ; यदि वह लिखित है तो डाक द्वारा भेजी जा सकेगी और किसी भी प्ररूप में हो सकेगी, किन्तु जिस पक्षकार को वह दी जाए उसको या तो अभिव्यक्त शब्दों में या युक्तियुक्त अर्धान्वयन से यह जानकारी देगी कि लिखत अनादृत हो गई है और किस प्रकार अनावृत हो गई है और यह कि वह उस पर दायी ठहराया जाएगा और वह अनादर के पश्चात् युक्तियुक्त समय के भीतर उस पक्षकार के, जिसके लिए कि वह आशयित है, कारबार के स्थान में या (उस दशा में, जिसमें ऐसे पक्षकार का कोई कारबार का स्थान नहीं है) उसके निवास स्थान पर देनी होगी ।
यदि सूचना डाक द्वारा ठीक पते पर भेजी जाती और गलत जगह चली जाती है तो ऐसी गलत जगह चली जाने से वह सूचना अविधिमान्य नहीं हो जाती ।
94. Mode in which notice may be given — Notice of dishonour may be given to a duly authorized agent of the person to whom it is required to be given, or, where he has died, to his legal representative, or, where he has been declared an insolvent, to his assignee; may be oral or written: may, if written, be sent by post; and may be in any form: but it must inform the party to whom it is given, either in express terms or by reasonable intendment, that the instrument has been dishonoured, and in what way. and that he will be held liable thereon: and it must be given within a reasonable time after dishonour, at the place of business or (in case such party has no place of business) at the residence of the party for whom it is intended.
If the notice is duly directed and sent by post and miscarries, such miscarriage does not render the notice invalid.