उपस्थापन कब अनावश्यक होता है (When presentment unnecessary)
Updated: Mar, 29 2020
76, उपस्थापन कब अनावश्यक होता है --- निम्नलिखित दशाओं में से किसी भी दशा में संदाय के लिए उपस्थापन आवश्यक नहीं है और लिखत उस तारीख़ पर अनावृत हो जाती है, जो उपस्थापन के लिए नियत है, अर्थात्
(क) यदि रचयिता, ऊपरवाल या प्रतिगृहीता लिखत का उपस्थापन साशय निवारित करता है, या उसके कारबार के स्थान में देय लिखत की दशा में यदि वह कारबार के दिन कारबार के प्रायिक समय के दौरान में ऐसा स्थान बन्द कर देता है, या । किसी अन्य विनिर्दिष्ट स्थान में देय लिखत की दशा में यदि न तो वह और न उसको संदाय करने के लिए प्राधिकृत कोई व्यक्ति कारबार के प्रायिक समय के दौरान में ऐसे स्थान में हाजिर रहता है,
या किसी विनिर्दिष्ट स्थान में देय लिखत न होने की दशा में यदि वह सम्यक् तलाशी के पश्चात् नहीं पाया जा सकता |
(ख) जहाँ तक कि किसी ऐसे पक्षकार का सम्बन्ध है, जिसे उससे भारित किया जाना ईप्सित है यदि वह अनुस्थापन की दशा में भी संदाय करने के लिए वचनबद्ध हुआ है।
(ग) जहाँ तक कि किसी पक्षकार का सम्बन्ध है, यदि वह यह ज्ञान रहते हुए कि लिख़त उपस्थापित नहीं की गई है, परिपक्वता के पश्चात् -
लिखत पर शोध्य रकम मद्धे भागत: संदाय कर देता है;
या उस पर शोध्य रकम को पूर्णतः या भागतः संदाय करने का वचन दे देता है: या संदाय के लिए उपस्थापन में किसी व्यतिक्रम का फायदा उठाने का अपना अधिकार अन्यथा अधित्यक्त कर देता है;
(घ) जहाँ तक कि लेखीवाल का प्रश्न है यदि लेखीवाल को ऐसे उपस्थापन के अभाव से नुकसान नहीं पहुंच सकता ।
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76. When presentment unnecessary – No presentment for payment is necessary, and the instrument is dishonoured at the due date for presentment, in any of the following cases :
(a) if the maker, drawee or acceptor intentionally prevents the presentment of the instrument, or if the instrument being payable at his place of business, he closes such place on a business day during the usual business hours,
or if the instrument being payable at some other specified place. neither he nor any person authorized to pay it attends at such place during the usual business hours,
or if the instrument not being payable at any specified place, he cannot after due search be found:
(b) as against any party sought to be charged therewith, if he has engaged to pay notwithstanding non-presentment;
(c) as against any party if. after maturity, with knowledge that the instrument has not been presented --
he makes a part payment on account of the amount due on the instrument, or promises to pay the amount due thereon in whole or in part,
or otherwise waives his right to take advantage of any default in presentment for payment;
(d) as against the drawer, if the drawer could not suffer damage from the want of such presentment.