संदाय के लिए उपस्थापन (Presentment for payment)
Updated: Mar, 29 2020
64. संदाय के लिए उपस्थापन -- (1) वचन -पत्र, विनिमय-पत्र और चैक क्रमशः उसके रचयिता, प्रनिगृहीता या ऊपरवाल को एतस्मिन् पश्चात् उपबंधित तौर पर संदाय के लिए धारक द्वारा या उसकी
ओर से उपस्थापित किए जाने होंगे । ऐसे उपस्थापन में व्यतिक्रम होने पर उसके अन्य पक्षकार ऐसे धारक के प्रांत उस पर दायी न होंगे । ।
जहाँ कि करार या प्रथा से ऐसा करना प्राधिकृत है वहाँ रजिस्ट्रीकृत चिट्ठी से डाकघर के माध्यम द्वारा उपस्थापन पर्याप्त है ।
अपवाद -- जहाँ कि वचन-पत्र माँग पर देय है और विनिर्दिष्ट स्थान पर देय नहीं है वहाँ उसके रचयिता को भारित करने के लिए कोई उपस्थापन आवश्यक नहीं है ।
(2) धारा 6 में अन्तर्विष्ट कोई बात के होते हुए भी, जब इलेक्ट्रानिक रूपक का छंटित चैक अदायगी के लिये प्रस्तुत किया जाता है, तो ऊपरवाल बैंक छंटित चैक के सम्बन्ध में कोई आगे की सूचना उस बैंक से जो छंटित चैक धारण करता है, किसी युक्तिसंगत संदेह के मामले में लिखत के प्रत्यक्ष प्रकट शब्द के असलियत के बारे में जानकारी माँगने का अधिकारी है, यदि लिखत पर कोई कपट-जाली छेड़छाड़ करने या नाशकरण का संदेह हैं, तब वह स्वयं के सत्यापन के लिये छंटित चैक को आगे पेश करने की माँग करने हेतु अधिकारी है :
परन्तु यह तब जब कि उस माँगे गये छंटित चैक को वह रोकेगा, यदि ऊपरवाल बैंक के द्वारा तद्नुसार अदायगी किया जाता है
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64. Presentment for payment -- (1) Promissory notes, bills of exchange and cheques must be presented for payment to the maker. acceptor or drawee thereof respectively, by or on behalf of the holder as hereinafter provided. In default of such presentment, the other parties thereto are not liable thereon to such holder.
Where authorized by agreement or usage, a presentment through the post office by means of a registered letter is sufficient.
Exception --- Where a promissory note is payable on demand and is not payable at a specified place, no presentment is necessary in order to charge the maker thereof.
(2) Notwithstanding anything contained in section 6. where an electronic image of a truncated cheque is presented for payment, the drawee bank is entitled to demand any further information regarding the truncated cheque from the bank holding the truncated cheque in case of any reasonable suspicion about the genuineness of the apparent tenor of instrument, and if the suspicion is that of any fraud, forgery, tampering or destruction of the instrument, it is entitled to further demand the presentment of the truncated cheque itself for verification :
Provided that the truncated cheque so demanded by the drawee bank shall be retained by it, if the payment is made accordingly.