प्रतिग्रहण के लिए उपस्थापन (Presentment for acceptance)
Updated: Mar, 29 2020
अध्याय 5
उपस्थापन के विषय में
61. प्रतिग्रहण के लिए उपस्थापन -- यदि दर्शनोपरांत देय विनिमय-पत्र में उसके उपस्थापन के लिए कोई समय या स्थान विनिर्दिष्ट नहीं है तो उस व्यक्ति द्वारा जो उसके प्रतिग्रहण की माँग करने का हकदार है, उसके लिखे जाने के पश्चात् युक्तियुक्त समय के अंदर और कारबार के दिन कारबार के समय में प्रतिग्रहण के लिए उसके ऊपरवाल को यदि वह युक्तियुक्त तलाश के पश्चात् पाया जा सके, उपस्थापित किया जाएगा । ऐसे उपस्थापन में व्यतिक्रम होने पर उसका कोई भी पक्षकार ऐसा व्यतिक्रम करने वाले पक्षकार के प्रति उसे पर दायी न होगा ।
यदि ऊपरवाल युक्तियुक्त तलाश के पश्चात् पाया जा सके तो बिनिमय-पत्र अनादृत हो जाता है ।
यदि विनिमय-पत्र ऊपरवाल को किसी विशिष्ट स्थान पर निर्दिष्ट है तो वह उस स्थान पर ही उपस्थापित किया जाना चाहिए और यदि उपस्थापित करने के लिए सम्यक दारीख को युक्तियुक्त तुलाश के पश्चात् वह वहाँ न पाया जा सके तो विनिमग्न-पत्र अनादृन हो जाता है ।
जहाँ कि करार या प्रथा से ऐसा करना प्राधिकृत है वहां रजिस्ट्रीकृत चिट्ठी में डाकघर के माध्यम द्वारा उपस्थापन पर्याप्त है ।
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61. Presentment for acceptance — A bill of exchange payable after sight must. if not time or place is specified therein for presentment, be presented to the drawee thereof for acceptance, if he can, after reasonable search, be found, by a person entitled to demand acceptance, within a reasonable time after it is drawn, and in business hours on a business day. In default of such presentment, no party thereto is liable thereon to the person making such default.
Jf'the drawee cannot, after reasonable search, be found, the bill is dishonoured.
If the bill is directed to the drawee at a particular place, it must be presented at that place; and if at the due date for presentment he cannot, after reasonable search. be found there, the bill is dishonoured.
Where authorized by agreement or usage, a presentment through the post notice by means of a registered letter is sufficient.