परिदान (Delivery)
Updated: Mar, 28 2020
अध्याय 4
परक्रामण के विषय में
46. परिदान -- वचन-पत्र विनिमय -पत्र या चैक की रचना, या उसका प्रतिहण या पृष्ठांकन, वास्तविक या आन्वयिक, परिदान द्वारा पूरा हो जाता है ।
इसलिए कि जहाँ तक उन पक्षकारों के बीच, जो अत्र्यवहित सम्बन्ध में स्थित हैं. परदान प्रभावी हो वह परिदान उस लिखत को स्वयं रचने, प्रतिगृहीत करने या पृष्ठांकित करने वाले पक्षकार के द्वारा या उसके द्वार! तन्नमित्त प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा किया जाएगा ।
ऐसे पक्षकारों के और लिखत के ऐसे धारक के बीच, जो सम्यक्-अनुkraम-धारक नहीं है, यह दर्शित किया जा सकेगा कि लिखत सशर्त या विशेष प्रयोजन के लिए ही न कि उसमें की संपनि को आत्यन्तिक्तः अन्तरित करने के प्रयोजन के लिए, परिदत्त की गई थी ।।
वाहक को देय वचन-पत्र, विनिमय-पत्र या चैक उसके परिदान द्वारा परक्राम्य है ।
आदेशानुसार देय वचनपत्र, विनिमय-पत्रे या चैक, धारक द्वारा उसके पृष्ठांकन और परिदान द्वारा पक्राम्य हैं !
46. Delivery - The making, acceptance or indorsement of a promissory note, bill of exchange or cheque is completed by delivery, actual or constructive.
As between parties standing in immediate relation; delivery to be effectual must be made by the party making, accepting or indorsing the instrument, or by a person authorized by him in that behalf.
As between such parties and any holder of the instrument other than a holder in due course, it may be shown that the instrument was delivered conditionally or for a special purpose only, and not for the purpose of transferring absolute property therein.
A promissory note, bill of exchange or cheque payable to bearer is negotiable by the delivery thereof.
A promissory note, bill of exchange or cheque payable to order is negotiable by the holder by indorsement and delivery thereof.