अभिकर्ता के प्राधिकार का विस्तार (Extent of agent's authority)
Updated: Sep, 17 2018
188. अभिकर्ता के प्राधिकार का विस्तार -- किसी कार्य को करने का प्राधिकार रखने वाला अभिकर्ता हर ऐसी विधिपूर्ण बात करने का प्राधिकार रखता है जो ऐसा कार्य करने के लिए आवश्यक हो। किसी कारबार को चलाने का प्राधिकार रखने वाला अभिकर्ता हर ऐसी विधिपूर्ण बात करने का प्राधिकार रखता है जो ऐसे कारबार के संचालन के प्रयोजन के लिए आवश्यक हो या उसके अनुक्रम में प्राय: की जाती हो।
दृष्टान्त
(क) 'ख', जो लन्दन में रहता है, अपने को शोध्य ऋण मुम्बई में वसूल करने के लिए 'क' को नियोजित करता है। ‘क’ उस ऋण को वसूल करने के प्रयोजनों के लिए आवश्यक कोई भी विधिक प्रक्रिया अपना सकेगा और उसके लिए विधिमान्य उन्मोचन दे सकेगा।
(ख) 'क' अपना पोत-निर्माता का कारबार चलाने के लिए 'ख' को अपना अभिकर्ता बनाता है। ‘ख’ उस कारबार को चलाने के लिए काष्ठ और अन्य सामग्री खरीद सकेगा और कर्मकारों को भाड़े पर रख सकेगा।
188. Extent of agent's authority — An agent having an authority to do an act has authority to do every lawful thing which is necessary in order to do such act. An agent having an authority to carry on a business, has authority to do every lawful thing necessary for the purpose, or usually done in the course, of conducting such business.
Illustrations
(a) A is employed by B, residing in London, to recover at Bombay a debt due to B. A may adopt any legal process necessary for the purpose of recovering the debt, and may give a valid discharge for the same.
(b) A constitutes B his agent to carry on his business of a ship-builder. B may purchase timber and other materials, and hire workmen, for the purpose of carrying on the business.