Updated: Sep, 17 2018

 

148. उपनिधान”, “उपनिधाता” और “उपनिहिती" की परिभाषा -- “उपनिधान' एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को किसी प्रयोजन के लिए इस संविदा पर माल का परिदान करता है कि जब वह प्रयोजन पूरा हो जाए तब वह लौटा दिया जाएगा; या उसे परिदान करने वाले व्यक्ति के निदेशों के अनुसार अन्यथा व्ययनित कर दिया जाएगा। माल का परिदान करने वाला व्यक्ति “उपनिधाता' कहलाता है। वह व्यक्ति, जिसको वह परिदत्त किया जाता है “उपनिहिती' कहलाता है।

स्पष्टीकरण -- यदि वह व्यक्ति, जो किसी अन्य के माल पर पहले से ही कब्जा रखता है, उसका धारण उपनिहिती के रूप में करने की संविदा करता है तो वह तद्द्वारा उपनिहिती हो जाता है और माल का स्वामी उसका उपनिधाता हो जाता है, यद्यपि वह माल उपनिधान के तौर पर परिदत्त न किया गया हो।

 

148. “Bailment', 'bailor' and 'bailee' defined – A ‘bailment is the delivery of goods by one person to another for some purpose, upon a contract that they shall, when the purpose is accomplished, be returned or otherwise disposed of according to the directions of the person delivering them. The person delivering the goods is called the 'bailor'. The person to whom they are delivered is called the 'bailee'.

Explanation - If a person is already in possession of the goods of other contracts to hold them as a bailee, he thereby becomes the bailee, and the owner becomes the bailor of such goods, although they may not have been delivered by way of bailment.