Updated: Sep, 14 2018

 

49. वचन के पालन के लिए स्थान, जहाँ कि पालन के लिए, आवेदन न किया जाना हो और कोई स्थान नियत न हो -- जबकि किसी वचन का पालन वचनग्रहीता के आवेदन के बिना किया जाना हो और उसके पालन के लिए कोई स्थान नियत न हो तब वचनदाता का कर्तव्य है कि वह वचन के पालन के लिए युक्तियुक्त स्थान नियत करने के लिए वचनग्रहीता से आवेदन करे और ऐसे स्थान में उसका पालन करे। |

दृष्टान्त

के एक हजार मन पटसन ‘ख को एक नियत दिन परिदत्त करने का वचन देता है। 'क' को 'ख' से आवेदन करना होगा कि वह उसे लेने के लिए युक्तियुक्त स्थान नियत करे और ‘क’ को ऐसे स्थान पर पटसन परिदत्त करना होगा।

 

49. Place for the performance of promise, where no application to be made and no place fixed for performance - When a promise is to be performed without application by the promisee, and no place is fixed for the performance of it, it is the duty of the promisor to apply to the promisee to appoint a reasonable place for the performance of the promise, and to perform it at such a place.

Illustration

A undertakes to deliver a thousand maunds of jute to B on a fixed day. A must apply to B to appoint a reasonable place for the purpose of receiving it, and must deliver it to him at such place.