वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंतिम माह मार्च 2020 मे वित्तीय अनुशासन बनाये रखने हेतु कोषागार में विपत्र पारित करने हेतु समय सीमा का पुनर्निर्धारण
No: 388 Dated: Mar, 21 2020
डॉ. एस. सिद्धार्थ, भा.प्र.से.
प्रधान सचिव
वित्त विभाग
बिहार सरकार
सेवा में,
सभी अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव,
सभी विभागाध्यक्ष,
सभी प्रमण्डलीय आयुक्त,
सभी जिला पदाधिकारी.
सभी कोषागार पदाधिकारी ।
विषय :- वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंतिम माह मार्च, 2020 में वित्तीय अनुशासन बनाये रखने के हेतु कोषागार में विपत्र प्रस्तुत करने के समय-सीमा का पुनर्निधारण।
प्रसंग :- वित्त विभागीय पत्रांक 885 दिनांक 03.02.2020. 997 दिनांक 06.02.2020. 1670 दिनांक 03.03.2020 एवं 2118 दिनांक 19.03.2020|
महाशय.
ऐसा देखा जा रहा है कि आकस्मिक मद में अनावश्यक विपत्र कोषागार में ऑनलाईन भेजे जाने के कारण 20 मार्च, 2020 को विपत्रों का ऑनलाईन प्रवृष्टि हेतु सी०एफ०एम०एस० प्रणाली में अत्यधिक भार उत्पन्न हुई। अतः मार्च के अंतिम समय में बैसे अनावश्यक छोटे-छोटे राशि के विपत्रों को कोषागार में नहीं भेजना चाहिए, जिससे सी०एफ०एम०एस० प्रणाली पर अत्यधिक दबाव उत्पन्न हो एवं अन्य महत्वपूर्ण विपत्रों के ऑनलाईन प्रवृष्टि में कठिनाई उत्पन्न हो। अतः इसके मद्देनजर स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद के आकस्मिक विपन्नों को कोषागार में जमा करने संबंधी निम्नांकित निर्णय लिये गये है:
1. स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय अन्तर्गत आकस्मिक व्यय (Contingency Expenditure) से संबंधित विपत्र कोषागारों में जमा (Submit) करने की पूर्व निर्धारित तिथि 20 मार्च, 2020 को बढ़ाकर 23 मार्च, 2020 तक की जाती है। तदनुसार वित्त विभागीय निर्देश पत्रांक 997 दिनांक 06.02.2020 एवं 2118 दिनांक 19.03.2020 इस हद तक संशोधित समझे जायेंगे, शेष प्रावधान यथावत रहेंगे।
2. कोषागार पदाधिकारी सी0एफ0एम0एस0 में समय-सीमा के अन्दर प्राप्त (Submitted) सभी विपत्रों का Processing कार्य निर्धारित समय-सीमा के अन्दर पूरा करेंगे।
अतः अनुरोध है कि स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद के अनावश्यक छोटे-छोटे Petty Contingency Bill को कोषागार में अंतिम समय में भेजे जाने से बचा जाय तथा इस मद के वैसे आकस्मिक विपत्र जिसका भुगतान इस वित्तीय वर्ष में करना अत्यावश्यक हो, को दिनांक 23.03.2020 तक संबंधित कोषागार में प्रस्तुत कर दें। यह व्यवस्था 31.03.2020 तक लागू रहेंगे।
विश्वासभाजन
(डॉ. एस. सिद्धार्थ)
प्रधान सचिव|