"अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार" राज्य-गीत का मानकीकरण स्वरूप का वंदन/गायन किए जाने के संबंध मे
No: एफ 10-11/2019/1/5 Dated: Feb, 04 2020
छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग
::मंत्रालयः:
महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर-492002
क्रमांक एफ 10-11/2019/1/5 | नवा रायपुर अटल नगर दिनांक04 फरवरी, 2020 |
प्रति,
शासन के समस्त विभाग,
अध्यक्ष, राजस्व मंडल, छ0ग0 बिलासपुर,
समस्त विभागाध्यक्ष,
समस्त संभागायुक्त,
समस्त कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी,
छत्तीसगढ़ |
विषय: "अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार" राज्य-गीत का मानकीकरण स्वरूप का वंदन/गायन किए जाने के संबंध मे ।
संदर्भ: विभागीय समसंख्यक पत्र दिनांक 18/11/2019.
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राज्य शासन द्वारा डॉ० नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत "अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार" को राज्य गीत घोषित किया गया है । संदर्भित पत्र के माध्यम से उक्त राज्य-गीत का गायन सभी शासकीय कार्यक्रमों के प्रारंभ में किये जाने के संबंध में लेख किया गया था। मंत्रि-परिषद में लिये गए निर्णय अनुसार सार्वजनिक कार्यकगों में गायन हेतु राज्य-गीत का मानकीकरण किया गया है, जो कि जनसंपर्क एवं सामान्य प्रशासन विभाग की वेबसाईट http://www.dpreg.gov.in एवं http://gad.cg.gov.in/notice_display.aspx में अपलोड किया गया है ।
2/ विभिन्न कार्यक्रमों के प्रारंभ में गाये जाने वाले राज्य-गीत में इसका उपयोग किया जा सकता है, इसकी अवधि 1 मिनट 15 सेकंड है । माननीकरण पश्चात गाये जाने वाले राज्य-गीत निम्नानुसार है:
"अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्रावती ह पखारय तोर पइँया ।
महूँ पाँव परॅव तोर मुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी,
पहार चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग,
लुगरा के हरियर रंग तोर बोली जइसे सुघर मइना ।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया ।।
(महूँपाँव परव तोर मुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया।।)
आदेशानुसार अनुरोध है कि उक्त राज्य-गीत का मानकीकरण स्वरूप का वंदन/गायन सभी शासकीय कार्यक्रमों के प्रारंभ में किया जाना सुनिश्चित करें।
(आर.पी.राठिया)
उप सचिव,
छत्तीसगढ़ शासन,
सामान्य प्रशासन विभाग